सतना जिले के रामपुर बघेलान विकासखंड के गुडुहरु गांव में पीने के पानी की जांच रिपोर्ट ने खतरे की घंटी बजा दी है। कोलान बस्ती के हैंडपंपों से लिए गए सैंपल फेल पाए गए, जिनमें गंभीर बैक्टीरिया मिले। स्वास्थ्य विभाग ने जलशुद्धिकरण के लिए PHE को लिखा पत्र।
By: Star News
Jul 23, 20255 hours ago
हाइलाइट्स
सतना, स्टार समाचार वेब
विगत दिवस डायरिया के मरीजों को लेकर सुर्खियों में आए रामपुर बघेलान विकासखंड के गांव गुडुहरु के कोलान बस्ती का पानी पीने लायक नहीं है। इसका खुलासा लैब की जांच रिपोर्ट में हुआ है। पानी के जांच की रिपोर्ट आने के बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा पीएचई विभाग को जल शुद्धीकरण के लिए पत्र लिखा गया है। उल्लेखनीय है कि विगत 16 जुलाई को रामपुर बघेलान के गुडुहरु गांव में डायरिया के तीन केस मिलने के बाद आदिवासियों के हैंडपंप के पानी का सैंपल लेकर ेजांच के लिए लैब भेजा गया था। साथ ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा डोर तो दूर सर्वे चलाकर पूरी बस्ती के लोगों की जांच की गई थी और लटी दस्त से पीड़ितों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
पानी में 48 घंटे बाद भी जीवित मिला बैक्टीरिया
एपडीमियोलॉजिस्ट डॉ. प्रदीप गौतम ने बताया कि कोलान बस्ती के अंकिता आदिवासी और उमा आदिवासी के हैंडपंप का पानी डीपीएचएल माइक्रोबायोलॉजी लैब रीवा भेजा गया था। दोनों सैंपल जांच में फेल हो गए हैं। दोनों हैंडपंप का पानी इन्फेक्टेड मिला है जिसमे बैक्टीरिया पाए गए है, जो कि पीने लायक नहीं है, यही बीमारी का कारण बन रहा है। पानी में हाइड्रोजन सल्फाइड की मात्रा अधिक पाई गई है, जिसको कोई ग्रेडिंग भी जारी नहीं किया गया। इसके अलावा पानी में 48 घंटे बाद भी कोलीफोरम बैक्टीरिया जीवित पाया गया है जिसके कारण पेट संबंधी बीमारियां पैदा हो रही हैं।
बस्ती के लोगों द्वारा उपयोग किये गए हैंडपंप के पानी के सैंपल को लैब टेस्ट के लिए रीवा भेजा गया। रिपोर्ट में पानी का सैंपल फेल होना पाया गया, जिसका पानी पीने पर ही लोग बीमार हुए हैं। जल शुद्धिकरण के लिए जलसंसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री को पत्र लिखा गया है ताकि बीमारी को फैलने से रोका जा सके।
डा. एलके तिवारी, सीएमएचओ