चित्रकूट की पवित्र तपोस्थली गुप्त गोदावरी इन दिनों तनाव और हिंसा के साये में है। बीते 72 घंटों में यहां तीन बड़ी मारपीट की घटनाएं हुईं, जिनमें पुजारी और स्थानीय लोग घायल हुए, मगर पुलिस कार्रवाई अब तक शून्य है। सीसीटीवी फुटेज में पूरी घटना कैद होने के बावजूद प्रशासन और नगर परिषद के जिम्मेदार मौन हैं। श्रद्धालु और पुजारी अब सुरक्षा की मांग कर रहे हैं, जबकि धार्मिक स्थल की गरिमा दांव पर है।
By: Yogesh Patel
Oct 25, 2025just now
हाइलाइट्स:
सतना, स्टार समाचार वेब
मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम की तपोस्थली गुप्त गोदावरी इन दिनों आस्था नहीं, बल्कि मारपीट, गाली-गलौज और लठैती की घटनाओं से सुर्खियों में है। जहां कभी जय श्रीराम के जयघोष से वातावरण गूंज उठता था, वहां अब लाठियों की ठक-ठक और झगड़ों की आवाजें सुनाई दे रही हैं। बीते 72 घंटों में यहां जो घटनाएं घटित हुई, उन्होंने न केवल इस पवित्र स्थल की गरिमा को धूमिल किया है, बल्कि चित्रकूट में कानून व्यवस्था की नाकामी को भी उजागर कर दिया है।
72 घंटे में तीन बड़ी घटनाएं, कार्रवाई शून्य
पहली घटना में राजा गर्ग पर जानलेवा हमला कर उसे लहूलुहान कर दिया गया, लेकिन पुलिस कार्रवाई अब तक शून्य है। दूसरी घटना में दो गुटों के बीच लाठी-डंडे चले, जिसकी शिकायत रोहित पटेल उर्फ त्यागी ने थाने में दर्ज कराई, मगर इस मामले में भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। तीसरी घटना शुक्रवार को तब घटी जब त्यागी गुट के लोगों ने गुप्त गोदावरी के निकट स्थित मंदिर के पुजारी लालापुर निवासी संजय पांडेय पर हमला बोल दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, टेढ़ी निवासी अशोक पटेल, रोहित पटेल, विकास पटेल, लवकुश पटेल सहित कई लोगों ने तब हमला किया जब संजय पांडेय मंदिर के पट खोलकर पूजा की तैयारी कर रहे थे। इस हमले में उन्हें चोटें आईं और उन्होंने नयागांव थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। इन घटनाओं के बाद स्थानीय पुजारियों में दहशत का माहौल है, वहीं श्रद्धालु भी भयभीत हैं।
सीसीटीवी में सबकुछ कैद मगर जिम्मेदार मौन.....
गुप्त गोदावरी में नगर परिषद द्वारा लगाए गए सीसीटीवी कैमरों में पूरे विवाद की रिकॉर्डिंग मौजूद है। बताया गया कि कैमरों का पासवर्ड परिषद के वाहन चालक अनिल तिवारी के पास है, जो विवादित वीडियो क्लिप साझा कर रहे हैं। गौरतलब है कि कुंभ मेले के दौरान तत्कालीन सीएमओ ने अनिल तिवारी को रहस्यमयी तरीके से गुप्त गोदावरी का प्रभारी बना दिया था, तब चढ़ावे में गड़बड़ी के आरोप भी सामने आए थे। वर्तमान में प्रभार विजय गौतम के पास है, जिन्हें विवादों में घसीटने की कोशिश की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि इस उपद्रव के पीछे नगर परिषद के कुछ कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध है।
पुलिस की खामोशी पर उठे सवाल
तीन दिनों से लगातार हो रही घटनाओं के बावजूद पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठ रहे हैं। शिकायतें दर्ज होने के बावजूद न तो गिरफ्तारियां हुई और न ही दोषियों पर कोई कठोर कदम उठाया गया। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस पर राजनीतिक दबाव का असर है, जिसके चलते कार्रवाई टल रही है। स्थानीय श्रद्धालु और व्यापारी अब प्रशासन से सवाल पूछ रहे हैं जब सीसीटीवी फुटेज और गवाह दोनों मौजूद हैं, तो कार्रवाई क्यों नहीं?