हरियाणा कैडर के सीनियर IPS अधिकारी वाई पूरन कुमार ने चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित आवास पर खुदकुशी की। जानें 2001 बैच के इस ADGP/IG अधिकारी के जीवन, विवादों और घटना से जुड़ी प्रमुख बातें।
By: Ajay Tiwari
Oct 07, 20254 hours ago
चंडीगढ़. स्टार समाचार वेब.
हरियाणा कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार ने मंगलवार को चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित अपने आवास पर कथित तौर पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। प्रारंभिक सूचना के अनुसार, उन्होंने संभवतः अपने PSO की पिस्तौल (या सर्विस रिवॉल्वर) से फायरिंग की। घटना की सूचना मिलते ही चंडीगढ़ पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुँचे और मामले की जाँच शुरू कर दी।
चंडीगढ़ की एसएसपी कंवरदीप कौर ने घटनास्थल का मुआयना करने के बाद इसे खुदकुशी का मामला बताया, लेकिन आत्महत्या के कारणों का खुलासा अभी नहीं हो पाया है और पुलिस कारणों की जाँच कर रही है।
अधिकारी के बारे में : वाई पूरन कुमार हरियाणा पुलिस में 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी थे। 29 सितंबर को ही उन्हें रोहतक के सुनारिया स्थित पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज (PTC) में आईजी (इंस्पेक्टर जनरल) के तौर पर तैनात किया गया था।
पारिवारिक स्थिति: उनकी पत्नी, अमनीत पी. कुमार, हरियाणा सरकार में सीनियर आईएएस अफसर हैं और नागरिक उड्डयन विभाग की सचिव हैं। घटना के समय वह हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी के नेतृत्व में एक सरकारी प्रतिनिधिमंडल के साथ जापान दौरे पर थीं, जो 8 अक्टूबर की शाम को भारत लौटेगा। वाई पूरन कुमार अपनी पत्नी और एक बेटी के साथ कोठी के ग्राउंड फ्लोर पर रहते थे। उनकी एक और बेटी विदेश में पढ़ाई कर रही है।
घटनास्थल: यह घटना चंडीगढ़ के सेक्टर 11 की कोठी नंबर 116 के ग्राउंड फ्लोर पर हुई। यह तीन मंजिला कोठी है जिसके अलग-अलग फ्लोर पर अन्य परिवार भी रहते हैं।
गोली की आवाज़: कोठी के बाहर तैनात प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड ने पुलिस को गोली चलने की सूचना दी थी। हालांकि, कोठी के ठीक सामने निर्माण कार्य में लगे मजदूरों ने गोली चलने की कोई आवाज़ नहीं सुनी, और उन्हें पुलिस के पहुंचने पर घटना की जानकारी मिली।
वाई पूरन कुमार का प्रशासनिक करियर विवादों से भी जुड़ा रहा।
प्रमोशन पर सवाल: उन्होंने पिछले साल कुछ आईपीएस अधिकारियों के प्रमोशन पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था। उन्होंने आरोप लगाया था कि ये प्रमोशन गलत तरीके से किए गए हैं और गृह मंत्रालय के नियमों की अनदेखी की गई है। उन्होंने 2001 बैच के अधिकारियों को डीआईजी के पद पर प्रमोशन देने और उनकी सैलरी फिर से तय करने की मांग की थी।
उत्पीड़न के आरोप: उन्होंने पूर्व डीजीपी मनोज यादव पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए अंबाला के एसपी को शिकायत दी थी और एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज करने की गुहार लगाई थी। यह मामला 2020 में शहजादपुर थाने के मंदिर से जुड़ा था, जहाँ तत्कालीन डीजीपी ने उनसे मंदिर स्थापित करने से पहले सरकारी अनुमति लेने के बारे में सवाल किया था।