भारत-रूस शिखर सम्मेलन 2025 में पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन ने न्यूक्लियर प्रोजेक्ट, आतंकवाद विरोध, यूक्रेन शांति प्रयास, ऊर्जा सप्लाई और 30 दिन के ई-टूरिस्ट वीजा पर बड़े ऐलान किए। जानिए बैठक की पूरी रिपोर्ट।
By: Ajay Tiwari
Dec 05, 20253:33 PM
नई दिल्ली. स्टार समाचार वेब
भारत की दो दिवसीय यात्रा पर आए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हैदराबाद हाउस में हुई अहम बैठक गई, जिसके बाद दोनों नेताओं ने संयुक्त बयान जारी किया। इस संवाद में आतंकवाद, ऊर्जा सहयोग, यूक्रेन में शांति प्रयास, व्यापार बढ़ोतरी और लोगों के बीच संपर्क मजबूत करने जैसे मुद्दों पर व्यापक चर्चा हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के नागरिकों के लिए 30 दिनों के ई-टूरिस्ट वीजा और 30 दिनों के ग्रुप ई-वीजा की शुरुआत करने की घोषणा करते हुए आपसी संबंधों को नई दिशा देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पिछले 25 वर्षों में राष्ट्रपति पुतिन के नेतृत्व ने भारत-रूस साझेदारी को स्पेशल और प्रिविलेज्ड स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप के स्तर तक पहुंचाया है।
मोदी ने बताया कि विश्व राजनीति में उतार-चढ़ाव के बावजूद भारत-रूस की दोस्ती ध्रुव तारे की तरह स्थिर बनी रही है। भारत-रूस आर्थिक सहयोग कार्यक्रम को 2030 तक बढ़ाने पर सहमति बनी, जबकि दोनों नेता इंडिया-रूस बिजनेस फ़ोरम में भी शामिल होंगे। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भारत यूक्रेन संकट पर शुरुआत से ही शांति प्रयासों का समर्थक रहा है और भविष्य में भी रचनात्मक भूमिका निभाने के लिए तैयार है। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ रूस के सहयोग को सराहते हुए कहा कि पहलगाम और रूस के क्रोकस सिटी हॉल जैसे हमलों की जड़ एक ही है और इसके खिलाफ वैश्विक एकता ही सबसे बड़ी शक्ति है।
मोदी ने रूस के नागरिकों के लिए 30 दिन का ई-टूरिस्ट और ग्रुप वीजा मंजूर किया।
पुतिन ने बताया—कुडनकुलम न्यूक्लियर प्लांट के 6 में से 3 रिएक्टर ऊर्जा नेटवर्क से जुड़ चुके हैं।
भारत ने यूक्रेन में स्थायी शांति के लिए सभी प्रयासों का समर्थन दोहराया।
भारत-रूस आर्थिक सहयोग कार्यक्रम को 2030 तक बढ़ाने पर सहमति बनी।
राष्ट्रपति पुतिन ने भारत-रूस संबंधों को बेहद मजबूत बताते हुए कहा कि दोनों देश ट्रेन, निवेश, तकनीक और आर्थिक सहयोग पर लगातार काम कर रहे हैं। उन्होंने ऊर्जा सप्लाई में भारत का भरोसेमंद साझेदार बने रहने की पुष्टि की और बताया कि भारतीय सिनेमा रूस में लगातार लोकप्रिय हो रहा है। पुतिन ने आगे कहा कि रूस भारत के सबसे बड़े न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट—कुडनकुलम प्लांट—पर तेजी से काम कर रहा है, जिसमें छह रिएक्टरों में से तीन पहले ही ऊर्जा नेटवर्क से जुड़ चुके हैं और शेष रिएक्टर निर्माणाधीन हैं।
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23वां भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी के 25 साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित हुआ। यह वार्ता ऐसे समय हुई जब अमेरिका यूक्रेन शांति समझौते को आगे बढ़ाने पर जोर दे रहा है और भारत पर ऊर्जा व्यापार को लेकर दबाव भी बनाए हुए है। यह शिखर सम्मेलन इस बात का संतुलन तय करेगा कि भारत रूस और अमेरिका के बीच अपनी रणनीति कैसे साधता है। बैठक के बाद पुतिन एक बिजनेस कार्यक्रम में शामिल होंगे और शाम को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति भवन में उनके सम्मान में बैंक्वेट आयोजित करेंगी।