केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ₹19,919 करोड़ की चार परियोजनाएं, जिसमें ₹7280 करोड़ की दुर्लभ पृथ्वी स्थायी मैग्नेट (REPM) निर्माण प्रोत्साहन योजना शामिल है, को मंजूरी दी है। यह योजना चीन के निर्यात नियंत्रणों के बीच भारत के EV और रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाएगी।
By: Ajay Tiwari
Nov 26, 20254:38 PM
नई दिल्ली. स्टार समाचार वेब
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को भारत के औद्योगिक विकास और बुनियादी ढांचे को मजबूती देने के उद्देश्य से कुल ₹19,919 करोड़ रुपये की चार महत्वपूर्ण परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं में सबसे अहम है दुर्लभ पृथ्वी स्थायी मैग्नेट (Rare Earth Permanent Magnets - REPM) निर्माण को प्रोत्साहित करने वाली ₹7,280 करोड़ की नई योजना, जो इलेक्ट्रिक वाहनों और रक्षा क्षेत्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
यह योजना भारत को दुर्लभ पृथ्वी स्थायी मैग्नेट के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसका महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि चीन वैश्विक दुर्लभ पृथ्वी कच्चे माल का 60-70% और प्रोसेसिंग का 90% हिस्सा नियंत्रित करता है, और हाल ही में उसने निर्यात नियंत्रण कड़े कर दिए हैं।
कुल आवंटन: ₹7,280 करोड़ (पिछले अनुमान ₹2,500 करोड़ से लगभग तीन गुना अधिक)।
उद्देश्य: सिंटर किए गए REPM के उत्पादन के लिए एकीकृत विनिर्माण सुविधाएं विकसित करना। इसमें दुर्लभ पृथ्वी ऑक्साइड को धातुओं, धातुओं को मिश्रधातुओं और अंत में मिश्रधातुओं को तैयार चुम्बकों में बदलने की पूरी प्रक्रिया शामिल है।
क्षमता लक्ष्य: 1,000 मीट्रिक टन प्रति वर्ष (MTPA) की क्षमता का सृजन और 1,200 MTPA क्षमता वाली इकाइयों की स्थापना।
योजना अवधि: कुल 7 वर्ष, जिसमें विनिर्माण इकाई स्थापित करने के लिए 2 वर्ष का समय निर्धारित है।
दुर्लभ पृथ्वी तत्व इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs), नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों और रक्षा उत्पादन जैसे रणनीतिक क्षेत्रों के लिए अपरिहार्य हैं। चीन के निर्यात नियंत्रण को 'रणनीतिक हथियार' के रूप में इस्तेमाल करने की पृष्ठभूमि में, भारत के लिए एक स्थिर और विविध आपूर्ति शृंखला सुनिश्चित करना राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है। यह योजना भारत को वैश्विक आपूर्ति शृंखला में एक मजबूत खिलाड़ी बनाएगी और महत्वपूर्ण खनिजों पर निर्भरता कम करने में मदद करेगी। वर्तमान में, भारत अपनी वार्षिक मांग (लगभग 2,000 टन ऑक्साइड) का 65% से अधिक चीन से आयात करता है।
दुर्लभ पृथ्वी मैग्नेट योजना के अलावा, मंत्रिमंडल ने तीन प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को भी मंजूरी दी है:
पुणे मेट्रो विस्तार: ₹9,858 करोड़ का प्रावधान।
देवभूमि द्वारका (ओखा)-कनालस रेलवे लाइन: दोहरीकरण के लिए ₹1,457 करोड़।
बदलापुर-कर्जत तीसरी और चौथी रेलवे लाइन: ₹1,324 करोड़ रुपये का प्रावधान।
ये परियोजनाएं देश के प्रमुख शहरों और क्षेत्रों में कनेक्टिविटी को मजबूत करेंगी, जिससे औद्योगिक और वाणिज्यिक गतिविधियों को गति मिलेगी।