रीवा जिले के तराई अंचल में कोरेक्स कफ सिरप समेत शराब और गांजा का अवैध कारोबार तेजी से फैल रहा है। प्रशासन की निष्क्रियता से युवा पीढ़ी नशे की चपेट में आकर भविष्य बर्बाद कर रही है।
By: Star News
Sep 06, 2025just now
हाइलाइट्स
त्योंथर, स्टार समाचार वेब
रीवा जिले का तराई अंचल नशे के कारोबार की जाल में फंसता नजर आ रहा है। नशे की चीजें सहजता से गांव गली बाजार हर जगह सहजता से उपलब्ध है। कारोबारियों की पकड़ पहुंच की व्यापकता नशे के कारोबार को क्षेत्र में महामारी की तरह फैला रखा है जिसकी जद में युवा पीढ़ी समाती जा रही है।
नशे के साये में गरीब अमीर किसान व्यवसायी मजदूर सब तबके के परिवार शिकार हो रहे हैं। और आने वाला भविष्य अंधकार मय नजर आता है। नीति कहती है जिस परिवार समाज क्षेत्र या देश को स्थायी रुप से तबाह करना हो उसे शिक्षा से वंचित करके नशे के दल-दल में धकेल दें। बिना कुछ किये वह परिवार समाज क्षेत्र या देश तबाह हो जायेगा। ऐसा ही कुचक्र तराई अंचल में नशे के कारोबारियों का नजर आता है। जिसमें प्रशासनिक व्यवस्था सहायक की भूमिका में दिखता है।
अंचल में कोरेक्स देशी, अंग्रेजी शराब और गांजा का फलता फूलता कारोबार प्रशासनिक और पुलिस व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह लगाता है। बाजार और आसपास में फैले नशे के कारोबार पर अंकुश की उम्मीद जागी की तराई अंचल नशे से मुक्त होगा परंतु अब लोगो की उम्मीद धुंधली होने लगी है। लगता है पुलिस की व्यवस्था नशे के कारोबारियों के सामने आत्म समर्पण की मुद्रा में है। इतना ही नही नशे के कारोबारी अपनी विभिन्न क्षेत्रों में पकड़ के आगे प्रशासनिक व्यवस्था को कोमा में डाल कर क्षेत्र को पंगु बनाने में उतारू नजर आते हैं। यही नशे का कारोबार अपराधों का जनक है जिसका शिकार कई युवा हो चुके हैं पुलिस महकमा बेबस नजर आता। और नशे के सौदागर अपना जाल बिछाकर लोगों की हसी खुसी जिंदगी में नशे का जहर घोल रहे है। जिससे मुंह से बदबू भी नहीं आती है। ऐसे में परिवार के बीच किसी के सामने पकड़े जाने की भी आशंका नहीं रहती है। एक शीशी कोरेक्स पीने के 5 मिनट बाद एक प्याली चाय पी लेने से नशा का असर होने लगता है।
युवाओं की पसंद बनी कोरेक्स
तराई अंचल के विभिन्न हिस्सों में इन दिनों कोरेक्स कफ सिरप नशेरियों की पहली पसंद बनी हुई है। युवाओं में कोरेक्स लेने की आदत से इन दिनों क्षेत्र के मुख्य मेडिकल स्टोर से कोरेक्स के कफ सिरप की कमी आ गई है। वहीं कुछ मेडिकल स्टोर मालिकों की बल्ले-बल्ले है।
दुकानदार हो रहे मालामाल
सूत्रों की मानें तो गली चौराहा में इन दिनों कोरेक्स बिक्री का अड्डा बना हुआ है। यहां 100रु पए में बिकने वाले इस सिरप को सेवन करने वाले 125 रुपए तक में भी इसे खरीदने से परहेज नहीं करते हैं। जिससे दुकानदार मालामाल एवं सेवन करने वाले आर्थिक और शारीरिक रूप से भी कंगाल होते जा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो क्षेत्र के कई गांवों के युवा इस धीमी जहर की चपेट में आ रहे हैं। इसकी संख्या घटने के बजाय दिनों दिन बढ़ रही है।इसे सेवन करने वाले युवक नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर कहते हैं कि यह एक सेफ नशा है।