वेनेजुएला में लोकतंत्र और मानवाधिकारों के लिए 20 साल तक लड़ने वाली विपक्षी नेता मारिया मचाडो को 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार मिला। जानिए कौन हैं 'आयरन लेडी' मचाडो, उनका संघर्ष और चावेज़ को चुप कराने की ऐतिहासिक घटना।
By: Ajay Tiwari
Oct 10, 20255:02 PM
स्टार समाचा वेब.
वेनेजुएला की साहसी विपक्षी नेता मारिया मचाडो को 2025 के शांति के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। नोबेल समिति ने उन्हें यह सम्मान वेनेजुएला में लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने और तानाशाही से लोकतंत्र की ओर शांतिपूर्ण बदलाव लाने के लिए उनके दो दशकों से अधिक के निरंतर संघर्ष के लिए दिया है।
लोकतंत्र ही स्थायी शांति की शर्त
नोबेल समिति ने अपने बयान में कहा कि आज जब दुनिया के कई हिस्सों में तानाशाही बढ़ रही है और लोकतंत्र कमज़ोर हो रहा है, ऐसे समय में मारिया मचाडो जैसे लोगों की हिम्मत पूरी दुनिया के लिए एक उम्मीद जगाती है। समिति ने स्पष्ट किया कि लोकतंत्र ही स्थायी शांति की शर्त है और जब सत्ता हिंसा तथा डर के माध्यम से जनता को दबाने लगती है, तो ऐसे साहसी लोगों को सम्मान देना आवश्यक हो जाता है।
कौन हैं वेनेजुएला की 'आयरन लेडी' मारिया मचाडो?
20 साल का संघर्ष: मचाडो पिछले 20 साल से वेनेजुएला में लोकतंत्र की बहाली के लिए लड़ाई लड़ रही हैं।
सुमाते संगठन: उन्होंने सुमाते नामक संगठन की स्थापना की, जो देश में मुक्त और निष्पक्ष चुनावों की मांग करता रहा है।
विश्वभर में पहचान: वह पहली बार तब सुर्खियों में आईं जब 14 जनवरी 2012 को उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति ह्यूगो चावेज़ के संसद में दिए जा रहे एक ऐतिहासिक रूप से लंबे भाषण को बीच में रोककर उन्हें 'चोर' कहा और जब्त की गई संपत्ति लौटाने की मांग की। इस घटना ने उन्हें एक साहसी विपक्षी नेता के रूप में स्थापित किया।
राष्ट्रपति पद की दावेदारी: मचाडो 2024 के चुनाव में विपक्ष की राष्ट्रपति उम्मीदवार थीं, लेकिन वेनेजुएला सरकार ने उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी थी। इसके बाद उन्होंने एडमंडो गोंजालेज उर्रुतिया का समर्थन किया।
अन्य सम्मान: नोबेल पुरस्कार के अलावा, उन्हें 2024 में सखारोव पुरस्कार और वाच्लाव हावेल मानवाधिकार पुरस्कार, तथा 2025 में करेज अवॉर्ड जैसे प्रतिष्ठित सम्मान भी मिल चुके हैं।
ट्रम्प का समर्थन: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प भी उन्हें 'स्वतंत्रता सेनानी' कह चुके हैं।
नोबेल समिति ने पुष्टि की कि मचाडो ने नोबेल पुरस्कार के तीनों मापदंडों—विपक्ष को एकजुट करना, सैन्यकरण के खिलाफ खड़ा होना और लोकतंत्र का समर्थन करना—को पूरा किया है। उन्हें वेनेजुएला की 'आयरन लेडी' भी कहा जाता है, जो वर्तमान में देश में छिपकर रह रही हैं।
शांति का नोबेल पुरस्कार 10 दिसंबर को नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में प्रदान किया जाएगा।