जबलपुर हाईकोर्ट ने सिविल जज जूनियर डिवीजन भर्ती-2022 के परिणाम पर बड़ा फैसला सुनाया। SC और ST वर्ग के कम प्रतिनिधित्व को देखते हुए कोर्ट ने उनके चयन पर पुनर्विचार करने का निर्देश दिया।
By: Ajay Tiwari
Nov 22, 20254:15 PM
जबलपुर. स्टार समचार वेब
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सिविल जज जूनियर डिवीजन भर्ती परीक्षा-2022 के परिणाम को लेकर एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है, जिसमें कोर्ट ने अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग के अभ्यर्थियों के चयन पर पुनर्विचार करने का स्पष्ट निर्देश दिया है। जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकल पीठ ने 'एडवोकेट यूनियन फॉर डेमोक्रेसी एंड सोशल जस्टिस' की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया।
भर्ती नियम 194 में किए गए संशोधन को चुनौती
याचिकाकर्ता ने भर्ती के नियम 194 में किए गए संशोधन को असंवैधानिक बताते हुए चुनौती दी थी। सिविल जज भर्ती-2022 में कुल 199 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया गया था, जिसमें बड़ी संख्या में बैकलॉग पद शामिल थे, खासकर ST वर्ग (121 में से 109 बैकलॉग)। मेन्स और इंटरव्यू के बाद जारी अंतिम परिणाम में कुल 89 अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए। परिणाम में चौंकाने वाली बात यह रही कि जहां ओबीसी वर्ग के 15 अभ्यर्थियों का चयन हुआ, वहीं SC वर्ग से केवल 3 और ST वर्ग से एक भी अभ्यर्थी जगह नहीं बना पाया।
SC-ST अभ्यर्थियों के चयन पर पुनर्विचार का आदेश
याचिकाकर्ता ने इतने बड़े बैकलॉग के बावजूद SC-ST वर्ग के कम प्रतिनिधित्व को संवैधानिक आरक्षण के मूल उद्देश्य के विपरीत बताया। हाईकोर्ट ने याचिका को अंतिम निर्णय तक सुरक्षित रखते हुए फिलहाल SC-ST अभ्यर्थियों के चयन पर पुनर्विचार का आदेश दिया है और यह भी कहा है कि यदि कोई अभ्यर्थी योग्य पाया जाता है तो उसे नियुक्ति में प्राथमिकता दी जाए।