पूर्व सीएम उमा भारती ने भोपाल में कहा कि पाकिस्तान नहीं, भ्रष्टाचार देश की बड़ी चुनौती है। उन्होंने सिंहस्थ लैंड पूलिंग रद्द करने, चरणबद्ध शराबबंदी, गौ-रक्षा के लिए फेंसिंग और धर्मांतरण पर रोक की मांग की। CM मोहन यादव पर भी रखी राय।
By: Ajay Tiwari
Nov 22, 20256:04 PM
भोपाल में उमा भारती...
भोपाल. स्टार समाचार वेब
भोपाल में भाजपा की वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने मीडिया से चर्कचा करते हुए कई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखी। उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान भारत के लिए कोई बड़ी चुनौती नहीं है, बल्कि देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती भ्रष्टाचार और आर्थिक असमानता को खत्म करना है। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि सभी को आर्थिक, राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर समान अवसर और भागीदारी मिले।
प्रमुख मांगों और मुद्दों पर उमा भारती ने क्या कहा?
गौ-रक्षा: उन्होंने कहा कि किसानों के गोपालन से ही गाय बचेगी और सड़क दुर्घटनाओं में गायों की मौत रोकने के लिए सड़क किनारों पर तारबंदी (फेंसिंग) आवश्यक है। उन्होंने इस मांग के लिए सड़क पर उतरने तक की बात कही।
शराबबंदी: उमा भारती ने एक बार फिर पूर्ण शराबबंदी की वकालत की और कहा कि इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा सकता है।
सिंहस्थ लैंड पूलिंग: उन्होंने सिंहस्थ 2028 के लिए प्रस्तावित लैंड पूलिंग को पूरी तरह निरस्त करने की मांग की और इसे पिछली परंपरा के अनुसार ही आयोजित करने पर जोर दिया।
लव जिहाद और धर्मांतरण: उन्होंने कहा कि यदि लड़का धर्म छुपाकर शादी करता है और बाद में धर्म बदलने का दबाव बनाता है, तो यह लव जिहाद है। उन्होंने अंतर्जातीय विवाह पर आपत्ति नहीं जताई, लेकिन धर्मांतरण पर रोक लगाने की बात कही।
हिंदू राष्ट्र की अवधारणा: उमा भारती ने कहा कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना नहीं है, बल्कि इसे स्वीकार करना है, क्योंकि हिंदू की सहिष्णुता के कारण हीa यह एक सेक्युलर राष्ट्र है। उन्होंने कहा कि देश में धर्म परिवर्तन नहीं होना चाहिए।
मुख्यमंत्री मोहन यादव: उन्होंने मुख्यमंत्री की प्रशंसा करते हुए कहा कि डॉ. मोहन यादव एक सरल और पढ़े-लिखे व्यक्ति हैं। उन्होंने जोर दिया कि उनके दो साल के कार्यकाल में आए निवेश प्रस्ताव अब जमीन पर उतरने चाहिए और भ्रष्टाचार पर पूर्ण नियंत्रण होना चाहिए।
उमा भारती ने अंत में यह भी कहा कि देश की नदियों को बचाना पर्यावरण की दृष्टि से अत्यंत जरूरी है।