भोपाल। स्टार समाचार वेब
मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में गुरुवार को प्रश्नकाल के दौरान किसानों को आर्थिक सहायता न मिलने के मुद्दे पर जोरदार हंगामा हुआ। कांग्रेस सदस्यों ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री की घोषणाओं का पालन नहीं किया गया और किसानों को मुआवजा देने में सरकार विफल रही है। इस पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पलटवार करते हुए कहा कि मौजूदा सरकार किसान हितैषी है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस सरकार के समय जनहानि पर 50,000 रुपये दिए जाते थे, जबकि उनकी सरकार अब चार लाख रुपये का मुआवजा प्रदान कर रही है।
सीएम ने यह भी कहा कि पशु हानि पर ढाई लाख रुपये की सहायता दी जा रही है और प्रति हेक्टेयर मुआवजा 4,000 रुपये से बढ़ाकर 16,000 रुपये किया गया है। कांग्रेस विधायकों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए दावा किया कि किसानों को वास्तविक मुआवजा अभी तक नहीं मिला है और सरकार तथ्य छिपा रही है। बढ़ते विवाद के बीच सत्ता पक्ष के सदस्य मुख्यमंत्री के संकेत पर खड़े हो गए, जबकि कांग्रेस विधायक नारेबाजी करते हुए आसंदी के सामने आ गए और बाद में सदन से बहिर्गमन किया।

हाइलाइट्स
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किसानों को आर्थिक सहायता न मिलने पर विधानसभा में कांग्रेस ने किया जोरदार हंगामा।
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सीएम मोहन यादव बोले—कांग्रेस के 50,000 रुपये की जगह अब 4 लाख का मुआवजा दिया जा रहा है।
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किसानों की ऋण गबन सुरक्षा के लिए नई 'न्याय योजना' लागू होगी।
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सहकारिता विभाग में बड़े सुधार, 15 जिला सहकारी बैंकों को वित्तीय सहायता और समितियों का कंप्यूटरीकरण।
किसानों के लिए न्याय योजना का ऐलान
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सहकारिता विभाग की समीक्षा की और किसानों को गबन से सुरक्षा देने के लिए नई ‘न्याय योजना’ लागू करने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि कई प्राथमिक कृषि साख समितियों में किसानों के नाम पर फर्जीवाड़ा कर ऋण राशि गबन कर ली जाती है, जिसके चलते किसान डिफाल्टर घोषित हो जाते हैं और शून्य ब्याज ऋण तथा अन्य योजनाओं का लाभ नहीं ले पाते। नई योजना के तहत ऐसे किसानों के ऋण खाते फ्रीज होंगे और उन्हें नया ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। राज्य में अब तक 95 समितियों में लगभग 5,000 किसानों के 42 करोड़ रुपये से अधिक के गबन के मामले सामने आए हैं। सीएम ने अपेक्स बैंक को ठोस कार्ययोजना बनाने और गबन की स्थिति में दोषियों की संपत्ति कुर्क करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी घोषणा की कि वर्ष 2026 को कृषि एवं किसान वर्ष के रूप में मनाया जाएगा।
सहकारी बैंकों को 50-50 लाख की अंशपूंजी
सहकारिता विभाग ने बताया कि 15 कमजोर जिला सहकारी बैंकों को सुदृढ़ करने के लिए 50–50 लाख रुपये की अंशपूंजी दी गई है, जबकि जबलपुर, रीवा, सतना, ग्वालियर, दतिया और शिवपुरी जिला बैंकों को 50–50 करोड़ रुपये की सहायता दी जाएगी। सहकारी समितियों का कंप्यूटरीकरण, पदाधिकारियों की वार्षिक संपत्ति विवरण अनिवार्यता और पंचायत स्तर पर नई समितियों की स्थापना पर भी जोर दिया गया।
धान खरीदी के लिए मैजिस्टिक कंपनी से अनुबंध
राज्य सरकार ने किसानों के लिए कई नई पहलें शुरू की हैं, जिनमें पूसा बासमती धान खरीद के लिए मैजिस्टिक कंपनी से अनुबंध, ‘एमपी चीता’ ब्रांड बीज का लॉन्च, 350 नई सहकारी समितियों का गठन और हजारों विस्थापित लोगों को रोजगार देना शामिल है। साथ ही डिफाल्टर किसानों के लिए एकमुश्त समझौता योजना लागू की जाएगी और डिजिटल बैंकिंग सुविधाएं बढ़ाने के लिए क्यूआर कोड तथा इंटरनेट बैंकिंग की सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।






