एमपी ट्रांसको ने सतना जिले में सबस्टेशनों की सुरक्षा बढ़ाने और संचालन गुणवत्ता सुधारने के लिए रात्रिकालीन औचक निरीक्षण की व्यवस्था लागू की है। इससे तांबे की चोरी की घटनाओं में कमी आई है, आउटसोर्स कर्मचारियों में सतर्कता बढ़ी है और तकनीकी खामियां रात में ही पकड़ में आ रही हैं। जेई से लेकर एसीई तक सभी अधिकारी नियमित निरीक्षण कर रहे हैं, जिससे विद्युत आपूर्ति और अधिक विश्वसनीय बन रही है।
By: Yogesh Patel
Dec 05, 20253:32 PM
हाइलाइट्स:
सतना, स्टार समाचार वेब
मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी (एमपी ट्रांसको) द्वारा सतना मे सबस्टेशनों की सुरक्षा एवं कार्यप्रणाली में सुधार हेतु शुरू की गई रात्रिकालीन औचक निरीक्षण की व्यवस्था शुरू की गई है। रात्रिकालीन औचक निरीक्षण से बहुमूल्य तांबे की स्ट्रिप एवं आईसोलेटर के कापर ब्लेड चोरी की घटनाओं में कमी आएगी। इसके साथ ही कार्य में पारदर्शिता लाने सभी रात्रिकालीन डियूटी में लगे अधिकारी -कर्मियों को निरीक्षण विवरण के लिए व्हाट्सप्प ग्रुप बनाया गया है जिसमें फोटो व वीडियो अपलोड करने के निर्देश जारी किए गए हैं। बताया गया कि इन निरीक्षणों के बाद सबस्टेशनों पर तैनात आउटसोर्स कर्मचारियों में कार्य के प्रति सजगता और अनुशासन का स्तर बढ़ा है, वहीं लापरवाही के मामलों में भी कमी आई है। ट्रांसकों द्वारा किए गए इस कार्य से न केवल सुरक्षा में मजबूती आई है, बल्कि यार्ड संचालन एवं कार्य दक्षता में भी सुधार देखा गया है।
सुरक्षा के साथ मेंटेनेंस मे भी मिला फायदा
ट्रांसको सतना के अधीक्षण अभियंता एम पी पटेल ने बताया कि रात्रिकालीन औचक निरीक्षण की यह परंपरा पूर्व मुख्य अभियंता प्रवीण गार्गव के कार्यकाल में प्रारंभ की गई थी। उस समय सतना क्षेत्र मे सबस्टेशनों के ट्रांसफॉर्मरों के न्यूट्रल से जुड़े अत्यंत संवेदनशील एवं बहुमूल्य तांबे की स्ट्रिप एवं आईसोलेटर के कापर ब्लेड चोरी की घटनाएं सामने आती थीं। सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई यह पहल अब तक प्रभावी सिद्ध हुई है। निरीक्षण के दौरान प्रत्येक अधिकारी को सबस्टेशन का फोटो व वीडियो प्रमाण सहित निरीक्षण विवरण विभागीय व्हाट्सएप ग्रुप में साझा किये जा रहें है, जिससे सम्पूर्ण प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित हो रही है।
रात में नहीं होगी ब्रेकडाउन या इमरजेंसी
श्री पटेल ने बताया कि रात्रिकालीन यार्ड निरीक्षण एक तकनीकी रूप से महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। अंधकार में यार्ड की जांच के दौरान कई ऐसी सूक्ष्म गतिविधियां सामने आते हैं, जिन्हें दिन के उजाले में अक्सर देखा नहीं जा सकता। इससे उपकरणों में संभावित खराबी का समय रहते पता चल रहा है जिससे अचानक होने वाले ब्रेकडाउन या इमरजेंसी को टाला जा सका है,साथ ही मेंटेनेंस कार्य पहले से बेहतर ढंग से योजनाबद्ध हुआ है। अधिकारियों के साथ निरीक्षण के दौरान आउटसोर्स कर्मियों को भी रात्रिकालीन यार्ड निरीक्षण की बारीकियां सीखने का अवसर मिल रहा है, जिससे उनकी तकनीकी दक्षता में बढ़ोतरी हो रही है।
जेई से लेकर डीई तक की लगाई गए ड्यूटी
मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के पीआरओ शशिकांत ओझा ने बताया कि इस व्यवस्था के अंतर्गत जूनियर इंजीनियर से लेकर अतिरिक्त मुख्य अभियंता तक सभी अधिकारियों को नियमित रूप से औचक निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं। समय-समय पर किए जा रहे ये निरीक्षण सबस्टेशनों की सुरक्षा, विश्वसनीयता और संचालन गुणवत्ता में निरंतर सुधार सुनिश्चित कर रहे हैं। एमपी ट्रांसको की यह पहल न केवल सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे संपूर्ण पावर ट्रांसमिशन सिस्टम की गुणवत्ता एवं स्थिरता मजबूत हुई है, जिससे उपभोक्ताओं को अधिक विश्वसनीय विद्युत आपूर्ति प्राप्त हो रही है।