सीधी जिले की मझौली स्वास्थ्य टीम की पांच नर्सें उस समय देवदूत बनकर सामने आईं जब जंगल के बीच चलती बस में सवार गर्भवती महिला को अचानक तेज प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। जोखिम भरी स्थिति को समझते हुए स्टाफ नर्स अंजली गुप्ता और नेहा साकेत ने बिना समय गंवाए बस में ही सुरक्षित डिलीवरी कराई। सीमित संसाधनों के बीच लिया गया उनका त्वरित निर्णय और साहसिक कदम पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गया है। मां और नवजात की स्थिति पूरी तरह स्वस्थ है।
By: Yogesh Patel
Dec 10, 20258:57 PM
हाइलाइट्स:
सीधी, स्टार समाचार वेब
जिले के मझौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत स्टाफ नर्सों ने सेवा, संवेदनशीलता और त्वरित निर्णय क्षमता का ऐसा उदाहरण प्रस्तुत किया है, जो पूरे जिले ही नहीं बल्कि प्रदेश भर में चर्चा का विषय बन गया है। बीते सोमवार शाम करीब 6:30 बजे सीधी से कुसमी जा रही एक यात्री बस में सवार सिंगरौली जिले के निगरी निवासी गर्भवती महिला को डोल और बरमबाबा के बीच जंगल क्षेत्र में अचानक तेज प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। बस में मौजूद यात्रियों में हड़कंप मच गया और महिला दर्द से कराहने लगी।
संयोग से उसी बस में स्वास्थ्य विभाग की पांच नर्सिंग स्टाफ मौजूद थीं, जो गेट कीपर्स प्रशिक्षण से लौट रही थीं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए स्टाफ नर्स अंजली गुप्ता एवं नेहा साकेत ( सीएचओ ) ने तत्काल महिला की जांच की। यह स्पष्ट हो गया कि महिला को किसी अन्य स्वास्थ्य केंद्र तक ले जाना जोखिम भरा हो सकता है, क्योंकि प्रसव का समय आ चुका था। ऐसे में बिना समय गंवाए दोनों नर्सों ने चलती बस में ही सुरक्षित प्रसव कराने का साहसिक निर्णय लिया।
क्या-क्या किया नर्सों ने
नर्सों ने बस के आगे बैठे यात्रियों को पीछे कराया, पर्दे की व्यवस्था की और सीमित संसाधनों के बीच पूरी सतर्कता और कुशलता के साथ महिला की डिलीवरी कराई। कुछ ही समय में महिला ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। ईश्वर की कृपा से जच्चा और बच्चा दोनों पूरी तरह स्वस्थ रहे। बस में मौजूद यात्रियों ने इस अद्भुत दृश्य को देखा और नर्सों के प्रति सम्मान और आभार व्यक्त किया। प्रसव के बाद नर्सों ने तुरंत मझौली बीएमओ डॉ. संदीप शुक्ला को घटना की जानकारी दी। उनके निर्देश पर मां और नवजात को एंबुलेंस के माध्यम से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र निवास, सिंगरौली भेजा गया, जहां दोनों का आगे का उपचार जारी है।
क्या कहा बीएमओ ने
इस पूरे मामले को लेकर बीएमओ डॉ. संदीप शुक्ला ने कहा कि चलती बस में सुरक्षित प्रसव कराना अत्यंत चुनौतीपूर्ण कार्य है। हमारी नर्सिंग स्टाफ ने जो साहस और समर्पण दिखाया है, वो प्रशंसा के योग्य है। ये घटना न केवल स्वास्थ्य कर्मियों के कर्तव्यनिष्ठा को दशार्ती है, बल्कि समाज के लिए प्रेरणास्रोत भी बनेगी।