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रीवा शिक्षा विभाग में बड़ा फर्जीवाड़ा: 25 कूलर के स्थान पर 50 का बिल, 2 एसी को बढ़ाकर 12 दिखाया, आनंदम प्रशिक्षण में हुआ करोड़ों का घोटाला

रीवा में स्कूल शिक्षा विभाग का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। आनंदम प्रशिक्षण के दौरान सिर्फ 25 कूलर लगाए गए लेकिन 50 का बिल लगाया गया, वहीं 2 एसी को बढ़ाकर 12 दिखाया गया। जांच में मैट, कुर्सी, गद्दा, तकिया तक की संख्या में हेरफेर मिला। 32 लाख फंड में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का खुलासा हुआ है।

By: Yogesh Patel

Sep 16, 2025just now

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रीवा शिक्षा विभाग में बड़ा फर्जीवाड़ा: 25 कूलर के स्थान पर 50 का बिल, 2 एसी को बढ़ाकर 12 दिखाया, आनंदम प्रशिक्षण में हुआ करोड़ों का घोटाला

हाइलाइट्स:

  • 25 कूलर के बदले 50 और 2 एसी को 12 दिखाकर बिल पास कराने की कोशिश
  • प्रशिक्षण के लिए मिले 32 लाख फंड में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी उजागर
  • प्राचार्य को 5 लाख एडवांस और टेंडर प्रक्रिया में नियम विरुद्ध हेरफेर

रीवा, स्टार समाचार वेब

स्कूल शिक्षा विभाग में प्रशिक्षण के नाम पर एक और बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। ट्रेनिंग में जहां 25 कूलर लगाए गए थे उसे 50 कूलर बनाकर बिल लगाया गया। वहीं 2 एसी के स्थान पर 12 एसी का बिल पास कराने की कोशिश की गई। मामले की जांच के बाद रिपोर्ट शासन को भोज दी गई है। शिक्षा विभाग द्वारा किया गया यह फर्जीवाड़ा किसी के गले नहीं उतर रहा है। मनमानी बिल पास कराने के लिए बनाए जा रहे दबाव के बाद अब अधिकारियों को ऑफर भी दिए जा रहे हैं।

आपको बता दें कि शिक्षकों को प्रशिक्षण देने के लिए भोपाल से 32 लाख रुपए का फंड आया था। शासकीय हाई स्कूल में कार्यरत शिक्षकों को आनंद सभा में 6 दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाना था। मार्तण्ड स्कूल क्रमांक 1 में 5 चरणों में 6 दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण में टेंडर से लेकर बिल तक में बड़ा फर्जीवाड़ा किया गया। 32 लाख रुपए के बजट को फर्जी बिल लाकर पास कराने की जुगत •िाड़ाई जा रही थी। इसी दौरान जेडी की कुर्सी बदल गई और सारा •ाांडा फूट गया। आनंदम प्रशिक्षण के दौरान किए गए खर्च की जांच कराई गई। कमेटी का गठन कर दिया गया। इस टीम ने जब रिपोर्ट प्रस्तुत की तो फर्जीवाड़े का पूरा काला चिट्ठा ही सामने आ गया। जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद जेडी लोक शिक्षण पर दबाव बनाकर भुगतान कराने की कोशिश की जा रही है। हालांकि इसकी जानकारी भोपाल आयुक्त लोक शिक्षण के पास पहुचं गई है। 

जिसके नाम टेंडर खुला उसे काम ही नहीं करने दिए

स्कूल शिक्षा विभाग में जितने भी प्रशिक्षण होते हैं। उन प्रशिक्षण में कैटरिंग का सारा ठेका एक ही कंपनी को मिलता है। यह कंपनी एक स्कूल प्राचार्य के द्वारा संचालित की जाती है। आनंदम में भी ऐसा ही हुआ। जब टेंडर खुला तो सबसे कम दर केशरवानी टेंट हाउस ने डाला था। उसे टेंडर मिला लेकिन केशरवानी से सहमति लेकर काम मेसर्स सांई इवेंट  मैनेजमेंट एंड  कैटरिंग ने ले लिया। सांई इवेंट ने खाने में बड़ा खेल कर दिया। प्रशिक्षण में खाने वाले कम थे लेकिन बिल कई गुना अधिक का बनाया गया। 

सिर्फ 2 एसी लगाई और 12 का बिल पास करा रहे थे

आनंदम प्रशिक्षण में सिर्फ 2 एसी लगाई गई थी। जांच में सामने आया कि इसमें भी कैटरिंग कंपनी ने बड़ा हेरफेर किया। जब बिल लगाने की बारी आई तो 2 की जगह 12 एसी का बिल लगा दिया गया। 6 गुना अधिक एसी का बिल पास कराने में लगे थे। इसी तरह कूलर में भी खेल किया गया। प्रशिक्षण के दौरान सिर्फ 25 कूलर ही प्रशिक्षणार्थियों के लिए लगाए गए थे लेकिन बिल 50 कूलर के हिसाब से पास कराया जा रहा था।

यहां भी पकड़ में आई गड़बड़ी

आनंदम प्रशिक्षण के दौरान मार्तण्ड स्कूल क्रमांक 1 में जमीन पर मैट बिछवाई गई थी। कुल 4 हजार स्क्वेयर फीट में ही मैट बिछवाई गई लेकिन बिल 8 हजार का लगाया गया। इसी प्रकार गद्दा, तकिया, कुर्सी, बाल्टी और जग की संख्या में भी गड़बड़ी की गई।  डिमांड और सप्लाई से कहीं अधिक संख्या दर्ज की गई। जिससे अधिक से अधिक बिल लगाया जा सके।

प्राचार्य को 5 लाख रुपए एडवांस में दे दिया

हद तो यह है कि शासन से आई राशि का जमकर बंदरबांट किया गया। ऐसा पहली बार है जब किसी प्रशिक्षण में आई राशि को एडवांस में दिया गया हो। जेडी कार्यालय से 5 लाख रुपए मार्तण्ड स्कूल क्रमांक 1 के प्राचार्य को एडवांस में दिया गया था। इस प्रशिक्षण की राशि का प्राचार्य ने दुरुपयोग किया था। इस राशि का उपयोग हास्टल आदि के मेंटीनेंस में लगा दिया था।

भंडार क्रय नियमों का हुआ उल्लंघन

परीक्षण करने पर पाया गया कि प्रशिक्षण के दौरान किए जाने वाले व्यय में मप्र शासन द्वारा निर्धारित •ांडार क्रय नियमों का पालन नहीं किया गया। मनमानी ढ़ंग से स्वीकृत निविदाकार को कार्य न देकर पूर्व निविदाकार से सहमत के आधार पर कार्य कराया गया जो कि नियम विरुद्ध है। कार्य के प्रारंभ में ही निविदाकार एवं प्राचार्य को अग्रिम राशि का भुगतान किया गया, जो शासकीय नियमों के विपरीत है।

इन शिक्षकों, अधिकारियों की रही भूमिका

इस पूरे खेल में जेडी आफिस में पदस्थ अधिकारी से लेकर मार्तण्ड स्कूल प्राचार्य और एक शिक्षक की भूमिका संदिग्ध रही। मार्तण्ड स्कूल का एक शिक्षक बिल को पास कराने में एड़ी चोटी का जोर लगाता रहा। वहीं एक स्कूल के प्राचार्य की कंपनी को ही नियम विरुद्ध तरीके से टेंडर दिया गया। प्राचार्य स्कूल छोड़कर डीईओ कार्यालय, बीईओ और जेडी आफिस में टेंडर पाने के लिए ही डटे रहते थे। अब इनका भांडाफूट गया है।

मामला जानकारी में नहीं था। आपने संज्ञान में लाया है। इस मामले में जानकारी ली जाएगी और गलत होगा तो कार्रवाई की जाएगी। 

बीएस जामोद, कमिश्नर, रीवा संभाग

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