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रीवा में राजस्व कोर्ट व्यवस्था चरमराई: शासन के आदेश से 9 अधिकारी अब भी लूप लाइन में, केवल 3 को मिली राहत

शासन के हालिया आदेश ने रीवा जिले की राजस्व न्यायालय व्यवस्था को अस्त-व्यस्त कर दिया है। कई अधिकारियों के पास एक साथ कई राजस्व कोर्ट हैं, जिससे सुनवाई प्रभावित हो रही है। नौ नायब तहसीलदार अब भी लूप लाइन में भटक रहे हैं, जबकि तीन अधिकारियों को ही न्यायालयीन जिम्मेदारी सौंपी गई है। आदेश के खिलाफ प्रदेशभर में विरोध और हड़ताल हुई थी, जिसके बाद कलेक्टर को स्थानीय प्राथमिकता के आधार पर कार्य वितरण का अधिकार मिला।

By: Yogesh Patel

Oct 06, 20259:00 PM

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रीवा में राजस्व कोर्ट व्यवस्था चरमराई: शासन के आदेश से 9 अधिकारी अब भी लूप लाइन में, केवल 3 को मिली राहत

हाइलाइट्स:

  • शासन के कार्यविभाजन आदेश से राजस्व न्यायालयों की व्यवस्था बेपटरी - कई कोर्ट एक ही अधिकारी के जिम्मे।
  • 9 नायब तहसीलदार अब भी लूप लाइन में; प्रकाश उपाध्याय, अजय मिश्रा और निवेदिता त्रिपाठी को मिली न्यायालयीन जिम्मेदारी।
  • प्रकरणों में सुनवाई के बजाय “आंकड़ों की बाजीगरी” जारी, वास्तविक निराकरण ठप।

रीवा, स्टार समाचार वेब

शासन के एक आदेश ने राजस्व कोर्ट की व्यवस्था बेपटरी कर दी। चंद अधिकारियों के पास कई राजस्व कोर्ट हैं। सुनवाई प्रापर नहीं हो पा रही है। सिर्फ आंकड़ों की बाजीगरी की जा रही। 9 राजस्व अधिकारी अभी भी लूप लाइन में हैं। वहीं तीन को जुगाड़ से न्यायालयीन काम मिल गया। अब शेष को भी कलेक्टर से राहत मिलने का इंतजार है। 

आपको बता दें कि शासन ने एक आदेश जारी किया था। इसमें सभी राजस्व अधिकारियों के बीच कार्यों का विभाजन कर दिया था। कुछ को राजस्व न्यायालय की जिम्मेदारी दी गई थी तो कईयों को लूप लाइन में डालते हुए गैर न्यायालयीन कार्य में लगा दिया गया था। रीवा में भी आदेश जारी किया गया था। इसी के खिलाफ प्रदेशभर में हंगामा मचा था। सभी राजस्व अधिकारियों ने आदेश का विरोध कर दिया था। काम बंद हड़ताल पर चले गए थे। कई दिनों तक काम बंद रखने के बाद शासन ने एक आदेश जारी किया था। इसमें निर्णय लिया गया कि कलेक्टर स्थानीय प्राथमिकता के आधार पर राज्य अधिकारियों के बीच कार्यों का आवंटन कर सकेंगे। इस आदेश ने राजस्व अधिकारियों को थोड़ी राहत दी। कई जिलों में इस आदेश के बाद लूप लाइन में डाले गए राजस्व अधिकारियों को फ्रंट पर आने का मौका दिया लेकिन रीवा में स्थिति अभी पूरी तरह से नहीं बदली है। सिर्फ तीन राजस्व अधिकारियों की किस्मत चमक पाई है। जिन्हें लूप लाइन से राजस्व न्यायालय के प्रकरणों को निराकृत करने का अवसर मिला है। अभी 9 राजस्व अधिकारी वेटिंग में हैं। कलेक्टर के आदेश का इन्हें इंतजार है। 

यह नायब तहसीलदार इधर उधर भटक रहे

कलेक्टर के कार्य विभाजन के बाद राजस्व अधिकारी नायब तहसीलदार राजीव शुक्ला, ललन प्रताप सिंह सिरमौर, गुढ़ में महिमा पाठक, सेमरिया में राजेश तिवारी,  राजेश शुक्ला, रीवा में राजीव शुक्ला ग्रामीण, शहर में यतीश शुक्ला, त्योंथर में धीरेन्द्र द्विवेदी, रायपुर कर्चुलियान में शारदा प्रजापति नायब तहसीलदार लूप लाइन में है। इन्हें अभी लूप लाइन में भी रखा गया है। 

इनकी खुल गई किस्मत

तीन राजस्व अधिकारियों की किस्मत खुल गई। पहले इनके पास भी गैर न्यायालयीन कार्य ही था, अब इन्हें सर्किल मिल गया है। अब वह गैर न्यायालयीन से न्यायालयीन कार्य देखने लगे हैं। इसमें प्रकाश उपाध्याय नायब तहसीलदार तहसील त्योेंथर को सर्किल चाकघाट ओर गढ़ी तहसील त्योंथर दे दिया गया है। इसी तरह नायब तहसीलदार अजय मिश्रा को मनगवां तहसील में वृत्त गढ़ और जवा में श्रीमती निवेदिता त्रिपाठी नायब तहसीलदार को वृत्त डभौरा में न्यायालयीन कार्य की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। 

प्रकरणों में चल रही है बाजीगरी

राजस्व अधिकारी पहले 26 थे। 28 कोर्ट में फिर भी दो कम थे। तब भी कोर्ट में राजस्व प्रकरणों की सुनवाई होती थी। प्रकरणों की पेडेंसी बढ़ती जा रही थी। अब कई राजस्व कोर्ट एक ही अधिकारी को दे दिए गए हैं। ऐसे में प्रकरणों की सुनवाई और निर्णय नियम गत नहीं हो रहे हैं। सिर्फ आंकड़ों की बाजीगरी दिखाने और आंकड़े कम करने की कोशिश की जा रही है। प्रकरणों का वास्तविक निराकरण नहीं किया जा रहा।

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