रीवा जिले में किसानों से महंगे दाम पर खाद बेचने की शिकायतों के बाद एसडीएम वैशाली जैन ने खुद ग्राहक बनकर जांच की। मुंह ढककर दुकान पहुंचीं एसडीएम ने जब तीन गुना दाम पर खाद लेने की बात की तो दुकानदार तैयार हो गया। तुरंत प्रशासन ने छापा मारकर दुकान सीज कर दी और स्टोर से स्टॉक जब्त किया। यूरिया की ब्लैक मार्केटिंग पर बड़ा एक्शन, जिला विपणन अधिकारी की लापरवाही पर भी उठे सवाल।
By: Yogesh Patel
Sep 17, 202510:13 PM
हाइलाइट्स:
रीवा, स्टार समाचार वेब
मंगलवार की रात को एसडीएम हुजूर ग्राहक बन कर एक खाद दुकान पर पहुंची। मुंह बंधा हुआ था। दुकानदार से खाद का सौदा किया। दुकानदार भी खुश होकर महंगे दाम पर खाद उपलब्ध कराने को तैयार हो गया। इसके बाद जब एसडीएम अपने रूप में आई तो दुकानदार के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगीं। तुरंत मौके पर पुलिस और प्रशासन की टीम पहुंच गई। दुकान के दस्तावेजों की जांच की गई। मौके पर किसानों के बयान भी दर्ज किए गए। अनियमितता मिलने पर दुकान को सीज कर दिया गया। स्टोर की भी जांच की गई है।
ज्ञात हो कि रीवा जिला में यूरिया की मारामारी मची है। यूरिया की रैक से प्राइवेट दुकानदारों को भी 30 फीसदी खाद उपलब्ध कराई गई थी। यह दुकानदार किसानों का शोषण करने लगे थे। मजबूरी का फायदा उठा रहे थे। महंगी दरों पर ब्लैक में यूरिया बेच रहे थे। लगातार प्रशासन के पास शिकायत पहुंच रही थी। इसी के तहत इन दुकानदारों को पकड़ने के लिए एसडीएम हुजूर वैशाली जैन ने योजना तैयार की। देर शाम बस स्टैण्ड में संचालित सीताराम खाद भंडार पहुंच गई। दुकान में वह ग्राहक बन कर पहुंची। चेहरा ढ़ंका हुआ था। दुकानदार एसडीएम को पहचान नहीं पाया। उसने तीन गुना अधिक दर पर खाद उपलब्ध कराने की बात कही। इसके बाद जब एसडीएम अपने असली रूप में आई तो दुकानदार के होश ही उड़ गए। मौके पर स्टॉक पंजी आदि का परीक्षण किया गया। कुछ भी रजिस्टर्ड नहंी मिला। किसानों को ब्लैक में खाद बेची जा रही थी। उनका पीओएस मशीन में अंगूठा नहीं लगाया जा रहा था। एसडीएम ने दुकान को सीज कर दिया। इसके बाद चोरहटा में दुकान संचालक के स्टोर की जानकारी भी मिली। एसडीएम टीम के साथ स्टोर भी पहुंची। स्टोर में भी पहुंच कर स्टॉक को जब्त किया गया है।
पूरे जिला में मची है किसानों से लूट
किसानों की खाद की समस्या अभी खत्म नहीं हुई है। डबल लॉक में खाद के लिए किसानों की लाइनें लग रही है। वहीं बाजार में भी प्राइवेट दुकानदारों को शासन ने खाद उपलब्ध कराई है। सभी जगह दुकानदार किसानों को लूट रहे हैं। दो से तीन गुना महंगी दर पर खाद बेची जा रही है। इस पर प्रशासन नियंत्रण नहीं कर पा रहा है।
जिला विपणन अधिकारी पर उठे सवाल
वैसे तो यह कार्रवाई और सख्ती जिला विपणन अधिकारी शिखा वर्मा को करना चाहिए लेकिन वह इस मामले में काफी सुस्त है। इतनी खाद की मारामारी के बाद भी उनकी कार्यप्रणाली में कोई बदलाव नहीं आया। प्रशासनिक अधिकारी ड्यूटी पर सुबह 7 बजे ही पहुंच जाते हैं लेकिन जिला विपणन अधिकारी 11 बजे के पहले मैदान में नजर नहीं आती। इसके अलावा उन्होंने एक मात्र ठीहा करहिया सब्जी मंडी को बना लिया है। इसके अलावा जिला में कहीं भी निरीक्षण के लिए भी नहीं जाती। सुबह से शाम तक करहिया में ही डटी रहती हैं। इसी लापरवाही का फायदा प्राइवेट दुकानदार उठा रहे हैं।