रीवा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में एक माह में पांच जटिल हार्ट प्रोसीजर सफल। डॉ. एस.के. त्रिपाठी ने CRT-D, AICD और CSP के माध्यम से मरीजों की जान बचाई।
By: Yogesh Patel
Dec 09, 20259:05 PM
हाइलाइट्स:
रीवा, स्टार समाचार वेब
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग ने चिकित्सा के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान रचा है। हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. एसके त्रिपाठी ने महज 1 माह के भीतर 3 सीआरटीडी, 1 एआईसीडी और 1 सीएसपी जैसे अत्यंत जटिल प्रोसिजर कर पांच मरीजों की जान बचाई है। इन मरीजों को हार्ट ब्लॉक एवं हार्ट फेलियर की शिकायत थी।
सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल एक माह में इतनी बड़ी संख्या में प्रोसिजर करने वाला प्रदेश का पहला चिकित्सालय बन गया है। इस प्रक्रिया से मरीजों के हृदय पंपिंग में सुधार होता है। जिससे मरीजों का जीवनकाल बढ़ जाता है। बताया गया है कि उक्त पांचों मरीजों को हार्ट फेलियर एवं हार्ट ब्लॉक की शिकायत थी। जिसके बाद मरीज सुपर स्पेशलिटी अस्पताल पहुंचे थे। जहां कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. एसके त्रिपाठी ने मरीजों की जांच की। इसके बाद मरीजों की स्थिति को देखते हुये तीन मरीजों का सीआरटीडी, एक मरीज का एसआईसीडी और एक मरीज की सीएसपी जैसी प्रोसीजर की गई। यह सभी प्रोसीजर एक माह के भीतर की गई। अब उक्त सभी मरीज स्वस्थ्य हैं।
धड़कन को सामान्य करती है डिवाईस
डॉ. एसके त्रिपाठी ने बताया कि इन डिवाइस की मुख्य विशेषता यह होती है कि इनसे न केवल हार्ट ब्लॉक ठीक होता है, बल्कि मरीजों को कार्डियक अरेस्ट से भी बचाती है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सीआरटीडी मशीन मरीज के हृदय की इलेट्रिकल एक्टिविटी को री-सिंकोनाइज करके उनकी पंपिंग क्षमता को भी बढाती है।
महानगरों जैसी सुविधा
ये प्रोसिजर काफी महंगे होते है और पहले केवल महानगरों के अस्पतालों में ही उपलब्ध थे। लेकिन अब रीवा के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में डॉ. एसके त्रिपाठी नियमित रूप से इन जटिल प्रोसीजर्स को सफलतापूर्वक कर रहे हैं। जिससे विंध्य क्षेत्र के मरीजों का सुविधा हो रही है।
उप मुख्यमंत्री का रहा विशेष सहयोग
इस उपलब्धि के पीछे उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल का विशेष सहयोग रहा। उन्होंने प्रोसीजर करने वाले चिकित्सक व टीम को इस उपलब्धि पर बधाई दी है। इसके अलावा अधिष्ठाता डॉ. सुनील अग्रवाल व कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. व्हीडी त्रिपाठी एवं अधीक्षक डॉ. अक्षय श्रीवास्तव ने शुभकामनायें दी है। टीम में किशोर, सत्येन्द्र, मनीषा एवं कैथलेब टीम से जय नारायण मिश्र, सत्यम, मनीष, सुमन, सुधांशु और निकित शामिल थे।