रीवा स्थित मार्तण्ड सिंह जूदेव चिड़ियाघर में प्रस्तावित तीन नई सफारी योजनाओं पर सेंट्रल जू अथॉरिटी ने सात गंभीर आपत्तियां लगाई हैं। डीएफओ की अनुपस्थिति, वन भूमि पर निर्माण और सुप्रीम कोर्ट की पूर्व स्वीकृति जैसे मुद्दों के चलते योजना अटक गई है।
By: Star News
Jul 23, 20254 hours ago
हाइलाइट्स
रीवा, स्टार समाचार वेब
मार्तण्ड सिंह जूदेव चिड़ियाघर और व्हाइट टाइगर सफारी का विस्तार किया जाना है। तीन नए सफारी मास्टर प्लान में शामिल किए गए है। इसका प्रस्ताव और लेआउट प्लान तैयार कर सीजेआई के पास स्वीकृति के लिए भेजा गया है। इस पर सीजेआई ने 7 आपत्ति लगा दी है। सबसे बड़ी आपत्ति सुप्रीम कोर्ट से अनुमोदन की है। वन भूमि में सफारी का विस्तार किया जा रहा है। अब जब तब सुप्रीम कोर्ट हरी झंडी नहीं दिखाएगा। तब तक विस्तार की गाड़ी आगे नहीं बढ़ पाएगी।
ज्ञात हो कि मार्तण्ड सिंह जूदेव चिड़ियाघर और व्हाइट टाइगर सफारी का विस्तार किया जाना है। व्हाइट टाइगर सफारी की ही तरह तीन और सफारी का निर्माण किया जाना है। इसके अलावा एक ब्रीडिंग सेंटर भी बनाया जा रहा है। इनका मास्टर प्लान ओर लेआउट तैयार कर सेंट्रल जू अथॉरिटी के पास स्वीकृति के लिए भेजा गया था। इस ले आउट प्लान को चर्चा के लिए सीजेडए कमेटी की 116वीं बैठक में रखा गया। इस बैठक में डीएफओ उपस्थित नहीं हुए। इससे भी मामला बिगड़ गया। ले आउट प्लान के बारे में बताने वाला कोई नहीं था। इसके कारण सेंट्रल जू अथॉरिटी ने 7 आपत्तियां लगा दी। साथ ही अगली बैठक में डीएफओ को भी तलब किया गया है। डीएफओ अगली बैठक में कमेटी को जानकारी देंगे। इसके बाद ही इस मुद्दे पर अगली बैठक में विचार विमर्श किया जाएगा।
यह हैं सात आपत्तियां
सेंट्रल जू अथॉरिटी ने मार्तण्ड सिंह जूदेव टाइगर सफारी के नए मास्टर प्लान पर 7 आपत्तियां लगाई है। इसमें सेंट्रल जू अथॉरिटी ने पहली आपत्ति जताते हुए कहा कि डीएफओ महाराजा मार्तण्ड सिंह जूदेव व्हाइट टाइगर सफारी पार्क उपस्थित नहीं थे। दूसरी आपत्ति चिड़ियाघर सफारी के ले आउट प्लान की भूमि पर की गई। कहा गया कि क्या सफारी पार्क वन भूमि पर प्रस्तावित है। इस भूमि के समक्ष अधिकारी से अनुमोदन मांगा गया है। सीजेआई ने कहा है कि यदि सफारी वन भूमि में प्रस्तावित है तो 29 दिसंबर 2023 को जारी वन अधिनियम 1980 और वन नियम 2023 के अंतर्गत जारी समेकित दिशानिर्देश एवं स्पटीकरण के अनुसार क्या करें और क्या न करें इस बिंदु पर बिंदुवार अनुपालन प्रस्तुत किया जाएगा। साथ ही प्रस्ताव को सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया जाना आवश्यक है। चौथी आपत्ति में कहा गया है कि लेआउट योजना के लिए रंग कोड प्रस्तुत किया जाए। पांचवी आपत्ति बिजली आपूर्ति लाइनों के लिए अलग लेआउट होना चाहिए। सफारी के विभिन्न स्थानों पर प्रस्तावित बीट हाउसों का प्रासंगिक औचित्स और उद्देश्य स्पष्ट करें। 7 वीं आपत्ति में कहा गय है कि अगली बैठक में डीएफओ से जानकारी प्राप्त करने के बाद इस पर विचार विमर्श किया जाएगा।