रीवा जिले में बरसात के बाद सड़कों की खस्ता हालत को लेकर जिला पंचायत में जोरदार हंगामा हुआ। पीएमजीएसवाई की 147 सड़कों को मंजूरी दी गई, लेकिन केवल दो ब्लॉकों के चयन पर सदस्यों ने नाराजगी जताई। कंक्रीट सड़क बनाने की मांग के साथ अधिकारियों पर लापरवाही के आरोप लगे।
By: Star News
Sep 10, 2025just now
हाइलाइट्स
रीवा, स्टार समाचार वेब
बारिश में जिला में खराब सड़कों को लेकर हाहाकार मचा। अब जब बुरे दिन बीतने वाले हैं तब प्रशासन और जिला पंचायत के सदस्यों को सड़कों की याद आई। पीएमजीएसवाय की 147 सड़कों के अनुमोदन के लिए विशेष सामान्य सभा जिला पंचायत में बुलाई गई। जिपं अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित सभी सदस्य मौजूद रहे।
सदस्यों ने सड़कों की खस्ताहालत पर जमकर हल्ला मचाया। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अधिकारियों की जमकर खिंचाई की। इतना ही नहीं उपाध्यक्ष ने अनुमोदन के पहले ही सवाल खड़े कर दिए कि जब डामरीकृत सड़क रीवा में टिकती ही नहीं तो इसका डीपीआर ही क्यों बनवाया गया। हालांकि हो हल्ला के बाद सभी ने एक मत से रीवा और मऊगंज की 147 सड़कों के अनुमोदन की स्वीकृति प्रदान कर दी।
मंगलवार को जिला पंचायत सभागार में मंगलवार को जिला पंचायत की विशेष सामान्य सभा की बैठक आयोजित की गई। बैठक सिर्फ दो बिंदुओं पर रखी गई थी। पीएमजीएसवाय सड़कों और शासन की योजनाओं पर चर्चा के लिीए बैठक बुलाई गई थी। बैठक में जिला पंचायत क्षेत्र अंतर्गत रीवा व मऊगंज जिले की 147 प्रधानमंत्री सड़कों के निर्माण कार्र्यों का अनुमोदन किया गया। जिसमें रीवा जिले की 90 और मऊगंज जिले की 57 सड़कें शामिल हैं। उक्त सड़कों का निर्र्माण लगभग 60 करोड़ की लागत से किया जायेगा, जिसे सर्व सम्मति से अनुमोदित किया गया। बैठक जिला पंचायत अध्यक्ष नीता कोल की अध्यक्षता में आयोजित की गई। जिला पंचायत सीईओ मेहताब सिंह गुर्जर के अलावा जिपं उपाध्यक्ष प्रणव प्रताप सिंह, कृषि समिति अध्यक्ष योगेंद्र प्रताप सिंह, गोसंर्वधन समिति अध्यक्ष नंदिनी तिवारी के अलावा अन्य सदस्यों लाल मणि त्रिपाठी, पूर्णिमा तिवारी, गीता माझी, देवेंद्र शुक्ल, पद्मेश गौतम, केडी शुक्ल सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे।
सिर्फ दो ब्लाक की सड़कों के चयन पर जताई गई नाराजगी, अन्य की सूची मांगी
एजेंडे में रीवा मऊगंज जिले के केवल दो ब्लाकों सिरमौर और मऊगंज को ही पीएम सड़क योजना में शामिल किए जाने पर सदस्यों ने नाराजगी जतायी। सदस्य केडी शुक्ला ने सदन में सवाल किया कि जब जिला पंचायत अंतर्गत 9 ब्लाक हैं तो फिर दो ब्लाकों ही चयन क्यों अन्य 7 का क्यों नहीं। सदस्यों का आरोप था कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण अन्य जनपद वंचित रह गए। शासन को दो ब्लाकों का ही डीपीआर भेजा गया इसलिए अन्य वंचित हो गए। हालांकि बताया गया कि प्रथम फेज का है जल्द ही द्वितीय फेज के लिए डीपीआर तैयार किए जायेंगे। उपाध्यक्ष प्रणव प्रताप सिंह ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में कंक्रीट सड़कें बनायी जानी चाहिए। डामर की सड़कें कम भार की बनती हैं जो जल्द ही उखड़ जाती हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व में प्रस्ताव पारित किया था लेकिन उस पर अमल नहीं किया जा रहा है। जनता के टैक्स का दुुरुपयोग है।
सभी ने क्षेत्र की खराब सड़कों का रोना रोया
वहीं सदस्य लालमणि त्रिपाठी ने प्रधानमंत्री सड़क के महाप्रबंधक पर दफ्तर में न मिलने का आरोप लगाया। महाप्रबंधक द्वारा बताया गया कि वह दौरे पर रहते हैं। इस पर श्री त्रिपाठी ने क्षेत्र की तीन चार सड़कों का नाम गिनाया और कहा कि इनका दौरा आपने कब किया इस पर वह निरुत्तर रहे। इस अवसर नईगढ़ी जनपद अध्यक्ष ममता कुंज बिहारी तिवारी, सदस्य पूर्णिमा तिवारी व अन्य ने ग्रामीण क्षेत्रों की खराब सड़कों के सुधार का मामला उठाया। ममता तिवारी ने कहा कि गांव सड़कों के सुधार के लिए न पंचायत के पास फंड है न जनपद के पास है तो इन सड़कों का सुधार कैसे हो। नंदिनी तिवारी ने तिवनी की अधूरी सड़क का मामला उठाया। सदस्य गीता माझी ने सोहागी पहाड़ की खराब सड़कों और त्योथर क्षेत्र की अन्य खराब सड़कों के सुधार की बात कही। श्रीमती माझी ने जिला पंचायत अंतर्गत शुरू होने वाले कार्यों के भूमि पूजन व लोकार्पण में संबंधित क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य को अनिवार्य रूप से बुलाने को कहा। सदस्य देवेंद्र शुक्ल ने कहा कि जिला पंचायत की सभी समितियों की बैठक नियमित नहीं होती। बैठक में अध्यक्ष की अनुमति से सदस्य लालमणि त्रिपाठी ने नईगढ़ी जनपद के ग्राम पैकनगांव का नाम परिवर्तित कर इंटौरा रक्सेलान किए जाने का प्रस्ताव रखा गया। जिसे सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से पारित किया। दरअसल ग्राम पंचायत पैकनगांव के आम सभा में स्थानीय लोगों द्वारा गांव का नाम बदलने का प्रस्ताव पारित किया गया था।
योजना समिति पर भी खड़े किए गए सवाल
बैठक में सदस्यों ने योजना समिति का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि जो सड़कों के अनुमोदन का प्रस्ताव रखा गया है। वह कैसे कर दें। जिला योजना समिति का तो गठन ही नहीं हुआ है। सदस्यों ने कहा कि तीन का कार्यकाल बीत चुका है। पंचायत मंत्री जो रीवा के प्रभारी मंत्री भी है। इस संबंध में बात हुई थी लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। सभी सदस्यों ने प्रस्ताव तैयार कर कमिश्रर रीवा की ओर भेजे जाने पर सहमति जताई।