सतना जिले में 19 अक्टूबर को प्रसूता की मौत के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच रिपोर्ट में सामने आया कि चिकित्सकों ने प्रसूता की प्रसव पूर्व जांच में गंभीर लापरवाही की और कई महत्वपूर्ण तथ्यों को रिपोर्ट से दबाया गया। हाई रिस्क प्रेग्नेंसी के बावजूद महिला को उचित उपचार नहीं मिला, जिससे प्रसूता और नवजात दोनों की मौत हो गई। सीएमएचओ ने मामले में जिम्मेदार चिकित्सकों से स्पष्टीकरण मांगा है और सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखने के निर्देश दिए हैं।
By: Yogesh Patel
Oct 27, 20258:06 PM
सतना, स्टार समाचार वेब
विगत 19 अक्टूबर को रामपुर बघेलान से रेफर आई प्रसूता की मौत पर जिला अस्पताल में परिजनों के हंगामा किये जाने के बाद सीएमएचओ ने जांच टीम गठित की थी। जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विजय आरख द्वारा सीएमएचओ को सौंपी रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ कि उस दिन मौजूद चिकित्सकों द्वारा प्रसुता की जांच रिपोर्ट में कई तथ्यों को छुपाया गया वहीं गर्भवती महिला की प्रसव पूर्व जांच में लापरवाही बरती गई। बताया गया कि 19 अक्टूबर को प्रसूता की मौत के बाद दूसरे दिन एसएनसीयू में भर्ती बच्चे की भी मौत हो गई थी। जानकारी के अनुसार प्रसूता वर्षा पति सूरज कोल को 19 अक्टूबर को हाई रिस्क प्रेग्नेंसी के रूप में सीएचसी रामपुर बघेलान से सुबह10 बजे जिला चिकित्सालय रेफर किया गया था। प्रसूता 11.59 बजे जिला चिकित्सालय पहुंची तथा 12.34 बजे लेबर रूम में भर्ती की गई। भर्ती के 11 मिनट बाद प्री-मैच्योर नॉर्मल डिलीवरी हुई, जिसमें 1.9 किलोग्राम वजन का पुरुष शिशु जन्मा जिसे एसएनसीयू में शिफ्ट किया गया। प्रसूता को 12.55 बजे एचडीयू यूनिट में शिफ्ट किया गया, जहां उपचार के दौरान लगभग 3 घंटे बाद उसकी मृत्यु हो गई तथा दूसरे दिन शिशु की भी एसएनसीयू में उपचार दौरान हो गई। बताया गया कि 24 अक्टूबर को सिविल सर्जन को सूचित करते हुए उपरोक्त प्रसूता के प्रकरण की प्रारंभिक समीक्षा की गई। संबंधित केस शीट, जांच एवं उपचार अभिलेखों, मैटरनिटी विंग इंचार्ज डॉ. मंजू सिंह, ड्यूटी डॉक्टर एवं स्टाफ नर्सों से प्राप्त जानकारी के आधार पर बनाया गया।
रामपुर सीएचसी से लेकर जिला अस्पताल तक गफलत
बताया गया कि प्रसूता को हाई रिस्क प्रेग्नेंसी चिन्हित कर रेफर किया गया, किन्तु महिला का एएनसी सेवाओं, जांच एवं उपचार विवरण पूर्ण रूप से प्रस्तुत नहीं किया गया। जांच अधिकारी ने बताया कि प्रसूता में गंभीर एनीमिया की समय पर पहचान एवं प्रबंधन बीएमओ सीएचसी रामपुर टीम द्वारा नहीं किया गया। जिला अस्पताल में भी प्रसूता की समय पर जांच वा बीटी नहीं किया गया। प्रसूता का सीवियर एनीमिया का समय चिन्हांकन एवं प्रबंधन न होना गंभीर लापरवाही प्रमाणित करता है। एचडीयू में उपचार क्रम एवं ब्लड ट्रांसफ्यूजन समय में विसंगतियां पाई गई । इसके अलावा एचडीयू यूनिट में ब्लड बैंक और पैथोलॉजी लैब में कमियां मिली। इसके अलावा प्रसूता को जिला अस्पताल से रेफरल दौरान आॅक्सीजन ट्यूब अलग करने पर प्रसूता की मृत्यु होना के संबंध में सिविल सर्जन व टीम द्वारा स्थिति स्पष्ट नहीं की गई ।
सामने आई कई कमियां
प्रसूता की ब्लीडिंग,एलएमपी एवं ईडीडी अंकित नहीं किया गया । प्रसूता में गंभीर एनीमिया (एचबी 4.6 ग्राम) की पहचान एवं उपचार प्रबंधन समय पर नहीं किया गया। बीपी को ओवरराइटिंग किया गया। हाई रिस्क प्रेग्नेंसी बताकर 2 यूनिट रक्त की व्यवस्था हेतु निर्देश दिया गया। इसके अलावा प्रसूता की मृत्यु 19 अक्टूबर को दोपहर 3:50 बजे पर एचडीयू यूनिट में उपचार के दौरान हुई वहीं प्री मैच्योर बेबी की भी मृत्यु 20 अक्टूबर को एसएनसीयू में उपचार दौरान हुई जिसकी सूचना सिविल सर्जन, सीएमएचओ, जिला स्वास्थ्य अधिकारी को तत्काल नहीं दी गई।
ये दिए निर्देश