सतना में जयस्तंभ चौक स्थित प्रधान डाकघर में जिले का पहला इंटीग्रेटेड डिलीवरी सेंटर शुरू हुआ। अब 15 किमी के दायरे में सभी डाक वितरण केंद्र इस केंद्र से जुड़ेंगे। पोस्टमैन बाइक से डाक पहुंचाएंगे और सुपरवाइजर के अंतर्गत काम करेंगे।
By: Yogesh Patel
Jun 30, 2025just now
जिले का सबसे पहला इंटीग्रेटेड डिलीवरी सेंटर का उद्घाटन आज
सतना, स्टार समाचार वेब
लोगों के मन में आज भी डाकिया की वही पुरानी छवि बनी हुई है, सर पर टोपी, कंधे में झोला और साईकिल पर आती उम्मीदों की डाक, मगर अब सूचना संप्रेषण के ई-मेल , व्हाट्सएप जैसे डिजिटल माध्यमों के बीच भारतीय डाक विभाग भी अपने आपको अपग्रेड कर छवि को बदलने की कवायदों में जुटा हुआ है।
इसकी शुरूआत सतना जिले के पहले इंटीग्रेटेड डिलीवरी सेंटर से होगी। स्थानीय जयस्तंभ चौक स्थिति प्रधान डाक घर में 30 जून से शुरू हो रही इंटेग्रेटेड डिलीवरी सेंटर सेवा से डाकियों को नई पहचान मिलेगी एवं उपभोक्ताओं को समय से उनके सही पते पर पर डाक मिलेगी। इंटेग्रेटेड डिलीवरी सेंटर का मुख्य उद्देश्य शहर के अंदर 15 किलोमीटर के दायरे में आने वाले सभी छोटे डाक वितरण केंद्रों को को एक मुख्य डाकघर केंद्र से जोड़ना है।
एक स्थान से सीधे ग्राहकों तक पहुंचेगी डाक
इंटेग्रेटेड डिलीवरी सेंटर शुरू होने से डाक अब कई केंद्रों से होकर नहीं गुजरेगी, बल्कि एक ही स्थान से सीधे ग्राहकों के सही पते तक पहुंचेगी। इससे समय की बचत होगी और डिलीवरी में सटीकता भी आएगी। मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान में छोटे-छोटे पोस्ट आॅफिस केंद्रों के माध्यम से डाक वितरण किया जाता था। इन केंद्रों में निगरानी कम होने के कारण डाक वितरण सही ढंग से नहीं हो पाता और उपभोक्ता अपनी डाक के लिए भटकते रहते थे। इस सेवा से 15 किमी के अंदर आने वाले सभी डाक वितरण केंद्रों की डाक अब इस इंटेग्रेटेड डिलीवरी सेंटर से ही वितरित की जाएगी।
नहीं होती थी मॉनिटरिंग
वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों में खुले डाक वितरण केंद्रों से डाक न मिलने की कई शिकायतें दर्ज कराई गई थी। शहर अंतर्गत 15 किमी के दायरे में आने वाले बिरला विकास डाकघर, बदखर और लोहरौरा जैसे डाक वितरण केंद्रों में आने वाली डाक को डाकिया अपने डाकघरों से ले जाकर वितरण करते थे। इन डाकघरों के डाकिया ही इन डाकों की रिपोर्टिंग भी खुद करते थे। डाकों की मॉनिटरिंग किसी बड़े अधिकारी द्वारा न होने के कारण कई डाकों को वितरित नहीं किया जाता था और उपभोक्ता अपनी डाक को ढूंढ़ने भटकता रहता था।
तय होगी जवाबदेही, नियुक्त होगा सुपरवाइजर
डाक विभाग से जुड़े सूत्रों ने बताया कि इंटीग्रेटेड डिलीवरी सेंटर में डाकों की सघन निगरानी और डाक वितरण के लिए सुविधा मुहैया कराने सुपरवाइजर की नियुक्ति की जाएगी। सुपरवाइजर डाक विभाग का ही क्लर्क रैंक का कोई अधिकारी होगा। सुपरवाइजर के निर्देशन में ही पोस्टमैन केंद्र से डाक ले जायेंगे। सभी पोस्टमैन सुपरवाइजर को ही रिपोर्टिंग करेंगे कि डाक वितरित हुई कि नहीं। डाक वितरण नहीं हुई तो डाकिया को उसका कारण भी स्पष्ट करना होगा। इसके बाद सुपरवाइजर अपने अधीक्षक को रिपोर्ट करेगा।
मिलेगा वाहन भत्ता
वर्तमान में डाकिया को डिलीवरी के लिए पेट्रोल खर्च दिया जाएगा। जितनी दूरी वह तय करेगा, उसका हिसाब कर भुगतान किया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि पोस्टमैन को अभी सिर्फ पेट्रोल खर्च ही देने का प्रावधान है, लेकिन भविष्य में बेहतर संसाधनों के साथ वाहन सेवा को और उन्नत किया जाएगा।
छोटे-छोटे डाक वितरण केंद्रों को तोड़कर सेंट्रलाइज्ड किया जा रहा है ,ताकि मॉनिटरिंग और डाक वितरण में क्वालिटी वर्क मिले। इंटीग्रेटेड योजना में दोपहिया वाहनों से डाकिया को लैस करने का प्रस्ताव शामिल है। इससे उन्हें सहूलियत मिल सकेगी। साथ ही डाक भी समय से पते पर पहुंचेगी।
पीएस अग्निहोत्री, सहायक अधीक्षक, पोस्ट ऑफिस सतना