पन्ना-सतना सीमा पर स्थित बृहस्पति कुंड में पिकनिक मनाने गए तीन युवक तेज बहाव में बह गए। चेतावनियों के बावजूद युवकों ने कुंड में स्नान किया। रेस्क्यू अभियान जारी है, प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल।
By: Yogesh Patel
Jun 30, 20256 minutes ago
दरकिनार न की होती चेतावनी तो नहीं होता हादसा
पन्ना, स्टार समाचार वेब
पन्ना और सतना जिलों में उस समय हडकंप मच गया। जब रविवार को प्रसिद्ध बृहस्पति कुंड में नहाने गए तीन युवक अचानक आए तेज बहाव की चपेट में आकर बह गए। यह हृदय विदारक घटना पिकनिक मनाने पहुंचे छह दोस्तों के समूह के साथ हुई। प्रशासन ने तत्काल राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया है, लेकिन देर शाम तक भी युवकों का कोई सुराग नहीं मिल पाया है। जानकारी के अनुसार पन्ना के जिगदहा देवेंद्रनगर से अभिषेक वर्मन और सतना के भरहूत नगर से कृष्णा शर्मा व त्वरित चौधरी, ये तीनों अपने दोस्तों के साथ पन्ना- सतना सीमा पर बृजपुर के पास स्थित बृहस्पति कुंड पर पिकनिक मनाने आए थे। वे कुंड के पानी में नहा रहे थे, तभी अचानक पानी का बहाव अप्रत्याशित रूप से तेज हो गया। इससे पहले कि वे संभल पाते, तीनों युवक पानी की धार में बह गए। साथ आए दोस्तों ने उन्हें बचाने की भरसक कोशिश की, लेकिन तेज बहाव के सामने वे असहाय हो गए। उन्होंने तुरंत स्थानीय लोगों और प्रशासन को घटना की सूचना दी।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, प्रशासन पर सवाल
सूचना मिलते ही नायब तहसीलदार, पुलिस बल, होमगार्ड की टीम, एसडीईआरएफ और प्रशिक्षित गोताखोर मौके पर पहुंचे। एसडीईआरएफ का नेतृत्व कर रहे सत्यपाल जैन की टीम ने तत्काल सर्च आॅपरेशन शुरू कर दिया। देर शाम तक रेस्क्यू अभियान जारी था, लेकिन युवकों का कोई पता नहीं चला है। प्रशासन का कहना है कि रेस्क्यू आॅपरेशन लगातार जारी रहेगा।
सुरक्षा व्यवस्था थी तो कुण्ड के नीचे उतरने से क्यों नहीं रोका
पिछले कई दिनों से इलाके में हो रही भारी बारिश के कारण बृहस्पति कुंड में पानी का बहाव बेहद तेज हो गया है। प्रशासन ने लगातार लोगों से सतर्कता बरतने और पिकनिक स्पॉट पर न जाने की अपील की थी। इसके बावजूद लोग चेतावनियों को दरकिनार कर इन खतरनाक स्थलों पर पहुंच रहे हैं। इस घटना ने प्रशासन की व्यवस्थाओं पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बारिश के मौसम में बृहस्पति कुंड का झरना अपने उफान पर होता है, जिसकी गर्जना दूर-दूर तक सुनाई देती है और इसकी प्राकृतिक सुंदरता लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। ऐसे में थोड़ी सी भी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है। प्रशासन द्वारा पिकनिक स्थलों पर गार्ड्स की तैनाती की व्यवस्था की बात कही गई थी, लेकिन क्या दुर्घटनास्थल पर कोई गार्ड मौजूद था? यदि गार्ड मौजूद था, तो युवकों को कुंड के नीचे उतरने से क्यों नहीं रोका गया? यह एक बड़ा प्रश्न है जिसका उत्तर प्रशासन को देना होगा। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन को इन पिकनिक स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता करने की आवश्यकता है।