सतना जिले के कोठी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में फैली गंदगी और दुर्गंध ने मरीजों के साथ डॉक्टरों को भी परेशान कर दिया है। चारों ओर अव्यवस्थाएं और आवारा कुत्तों का जमावड़ा अस्पताल के हालात को और खराब कर रहा है। बिजली, जनरेटर और साफ-सफाई जैसी बुनियादी सुविधाएं नदारद हैं। वहीं अमरपाटन सिविल अस्पताल में झाड़फूंक जैसी घटनाएं स्वास्थ्य तंत्र पर गंभीर सवाल खड़े कर रही हैं।
By: Yogesh Patel
Jul 06, 2025just now
सतना, स्टार समाचार वेब
अव्यवस्थाओं को लेकर बदनाम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोठी इन दिनों गंदगी व दुर्गंध को लेकर चर्चा में है। आलम यह है कि यहां पर चारों तरफ गंदगी मची हुई है, और दुर्गंध के कारण स्वास्थ्य केन्द्र में डॉक्टरों को भी बेजा दिक्कतें हो रही हैं। कई डॉक्टरों का दावा है कि कोठी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अव्यवस्थाएं पसरी पड़ी हैं और कोई सुनने वाला नहीं है। मरीज भी यहां पर पसरी गंदगी को लेकर परेशान हैं, अव्यवस्था को लेकर उनमें नाराजगी है।
आवारा कुत्तों का जमावड़ा
आरोप तो यहां तक लग रहे हैं कि कोठी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की अव्यस्था अब मरीजों के लिए बेजा दुखदाई हो गई है। आलम यह है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के हाल में मरीजों की जगह आवारा कुत्तों का जमावड़ा लगा रहता है और वहां ना साफ-सफाई रहती है। आरोप यह भी है कि यहां इलाज करने वाले चिकित्सकों के चेंबर में तक गंदगी से पटे पड़े हैं।
बद से बदतर हो गए पलंग
बताया गया है कि स्वास्थ्य केन्द्र में मरीजों के लिए रखे पलंग बद से बदतर हो गए हैं। इन पलंगों में ना तो चादर है, न ही तकिया और कमरे पंखा। कहते हैं यहां पंखें व कूलर लगे तो हैं मगर नाम के लिए, क्योंकि यहां कि विद्युत सप्लाई ज्यादातर समय ठप्प रहती है, और जनरेटर नहीं चलता। आरोप यह भी है कि यहां का जनरेटर चलता नहीं है, मगर डीजल जरूर पी लेता है जिससे मौजूद डॉक्टरों को गर्मी में परेशान होना पड़ता है।
सिविल अस्पताल के अंदर झाड़फूंक
शनिवार को अमरपाटन सिविल अस्पताल के अंदर मरीज के साथ झाड़फूंक करने का मामला सामने आया। जानकारी के अनुसार युवती को गंभीर अवस्था में सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। चिकित्सकों द्वारा बीमार युवती का इलाज किया जा रहा था। युवती की हालत में सुधार न होने के चलते परिवार के परिजनों द्वारा मरीज को कुछ प्रसाद खिलाया गया एवं साथ लाए गुनिया के द्वारा झाड़फूंक भी कराई गई। चूंकि घटना अस्पताल के भीतर होने के कारण यह नियमों का उल्लंघन है, इसके साथ ही यह स्वास्थ्य तंत्र पर कई सवाल भी खड़े कर रहा है। अस्पतालों में इस तरह के अंधविश्वासी लोगों का प्रवेश चिंताजनक है।
चेंबर में दुर्गंध इतनी है कि वहां दवा करने के लिए बैठ ही नहीं सकते। यहां के सभी बेड की भी हालत बद से बदतर हो गई है। गंदगी चारों ओर फैली हुई है। बीएमओ डॉक्टर अरुण द्विवेदी को पर्याप्त समय नहीं मिल पाता। हालाकि प्रशासन द्वारा संपूर्ण व्यवस्थाओं का बजट दिया जाता है, साथ ही रोगी कल्याण समिति का भी बजट रहता है फिर भी रोगियों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
-डॉ. नीलम सोनी, महिला रोग विशेषज्ञ
कोठी एवं अमरपाटन सिविल अस्पताल का मामला आपके द्वारा संज्ञान में आया है। कोठी सीएचसी के डाक्टरों द्वारा दिया गया बयान गैर जिम्मेदाराना है, दोनों मामलों की जांच कराकर दोषियों के ऊपर कार्रवाई की जाएगी।
-डॉ. एलके तिवारी, सीएमएचओ
मैं आज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोठी में अपना चेकअप कराने के लिए पहुंचा था वहां की बदहाल व्यवस्था देखकर लगता ही नहीं कि मध्य प्रदेश शासन की राज्य मंत्री श्रीमती प्रतिमा बागरी के क्षेत्र का एकमात्र सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है, जबकि अभी पिछले सप्ताह उन्होंने बस दुर्घटना में पीड़ित लोगों से मिलने के लिए कोठी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दौरा भी किया था, मगर पता नहीं उन्हें यहां की गंदगी क्यों नहीं दिखी।
-विकास सोनी, मरीज