सतना-रीवा समेत जबलपुर डिवीजन के कई रेलवे स्टेशनों में लिफ्ट और एस्केलेटर सेवा चरमराई हुई है। ऑपरेटरों के टेंडर खत्म होते ही लिफ्टें भगवान भरोसे छोड़ दी गईं। सतना स्टेशन की लिफ्ट दो दिन से बंद है, जबकि डोर लॉक तोड़ने से तकनीकी समस्या बढ़ गई। बुजुर्ग और दिव्यांग यात्री फंसे हुए हैं। एस्केलेटर भी बिना ऑपरेटर के अनियमित चल रहे हैं, जिससे यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
By: Yogesh Patel
हाइलाइट्स:
सतना, स्टार समाचार वेब
सतना-रीवा समेत जबलपुर डिवीजन के आधा दर्जन स्टेशनों में लिफ्ट का संचालन लड़खड़ा गया है। लिफ्ट ऑपरेटरों के टेंडर खत्म होते ही भागवान भरोसे लिफ्ट संचालन रहा। सतना स्टेशन में असमाजिक तत्वों द्वारा डोर लॉक तोड़ दिया। लॉक टूटने की वजह से पिछले दो दिन से लिफ्ट का संचालन पूरी तरह बंद है और बुर्जुग एवं दिव्यांग यात्रियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। उल्लेखनीय हैकि पिछले माह से एयर परफेक्शन नाम की कंपनी को लिफ्ट संचालन का जिम्मा सतना-रीवा समेत कटनी, सागर, दमोह, नरसिंहपुर, पिपरिया स्टेशनों में दिया गया था। कंपनी को 24 घंटे लिफ्ट संचालन करना था। इसके लिए ऑपरेटर नियुक्त किए गए थे।
समय से पहले टेंडर खत्म
सूत्रों के अनुसार ठेका फर्म का टेंडर 22 मार्च 2024 से दो साल तक का था, लेकिन रेलवे प्रशासन ने इसका टेंडर पहले ही खत्म कर दिया। बताया गया कि 4 साल बाद लिफ्ट में ऑपरेटर नियुक्त किए गए थे। कोरोना काल में रेलवे की आय घटते ही यात्रियों की सुविधा में कटौती व अपने खर्चों में कैची चलाई गई थी। लिफ्ट बिना ऑपरेटरों के ही संचालित हो रही थीं। रात में यात्रियों की सुरक्षा की दृष्टि से बंद करवा दिया जाता था। ऐसा इसलिए क्योंकि लिफ्ट में यात्रियों के फसने तक की नौबत एक बार आ गई थी।
एस्केलेटर की सुविधा का भरोसा नहीं
बताया गया कि सतना स्टेशन के प्लेटफार्म क्र. एक में लिफ्ट व विद्युत स्वचलित सीढी (एस्केलेटर) लगाया गया है। जिसकी सुविधा से यात्री आसानी से एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म में आवागमन कर सकते हैं। एस्केलेटर में ऑपरेटर न होने से इसके चलने का कोई भरोसा नहीं रहता। कॉलेज गोइंग स्टूडेंट स्टॉप बटन दबा देते हैं जिससे एस्केलेटर काफी देर तक बंद रहता है। वहीं बताया जाता है कि पिछले कुछ दिन पहले ही किसी ने नुकीली चीज फसा दी थी जिससे बेल्ट डैमेज होते-होते बचा है।
एक तरफ सुविधा दूसरे तरफ असुविधा
सतना स्टेशन में प्लेटफार्म क्र. एक में ही एस्केलेटर और लिफ्ट की सुविधा दे दी गई है जबकि प्लेटफार्म क्र. दो में कोई सुविधा नहीं है। यात्रियों का कहना है कि वे एक तरफ आसानी से ब्रिज पर चढ़ जाते हैं लेकिन दूसरी तरफ सीढियां व रैम्प चढ़ने व उतरने में परेशानी होती है। हालांकि रेलवे पिछले कई सालों से प्लेटफार्म क्र. दो-तीन में एक एस्केलेटर का प्लान कर रहा है लेकिन अब वो भी ठंडे बस्ते में है। बताया गया कि विश्व स्तरीय स्टेशन बनाने के प्लान में लगभग दो-दो दर्जन लिफ्ट व एस्केलेटर का प्रावधान किया गया है।
फैक्ट फाइल
इस तरह है लिफ्ट की सुविधा
इस तरह है एस्केलेटर की सुविधा
ये हैं एस्केलेटर और लिफ्ट के फायदे