9 सितंबर को मनाया जाने वाला विश्व इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) दिवस, टिकाऊ परिवहन के भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जानें इस दिन का इतिहास, महत्व और कैसे ईवी पर्यावरण को बचाने में हमारी मदद कर रहे हैं।
By: Ajay Tiwari
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विश्व इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) दिवस 7 सितंबर - भविष्य का परिवहन
स्टार समाचार वेब. फीचर डेस्क
आज, जब दुनिया जलवायु परिवर्तन और वायु प्रदूषण जैसी गंभीर चुनौतियों का सामना कर रही है, इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) एक आशा की किरण बनकर उभरे हैं। वे न केवल परिवहन का एक साधन हैं, बल्कि एक स्वच्छ, हरित और टिकाऊ भविष्य की ओर हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक भी हैं। इसी जागरूकता को बढ़ाने के लिए, हर साल 9 सितंबर को 'विश्व इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) दिवस' मनाया जाता है। यह दिन दुनिया भर में इलेक्ट्रिक वाहनों के महत्व, उनके लाभों और पर्यावरण पर उनके सकारात्मक प्रभाव को उजागर करने के लिए समर्पित है।
विश्व ईवी दिवस की शुरुआत
विश्व ईवी दिवस पहली बार 2020 में ‘सस्टेनेबल एनर्जी फॉर ऑल’ (SEforALL) और ‘गो-ईवी’ (Go-EV) द्वारा आयोजित किया गया था। इस पहल का मुख्य उद्देश्य व्यक्तियों, व्यवसायों और सरकारों को इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना था, ताकि वे जीवाश्म ईंधन पर अपनी निर्भरता कम कर सकें। 9 सितंबर की तारीख को एक प्रतीकात्मक दिन के रूप में चुना गया ताकि यह ईवी क्रांति को गति देने की भावना को प्रतिबिंबित कर सके।
ईवी क्यों हैं भविष्य की जरूरत?
पर्यावरण के लिए वरदान: इलेक्ट्रिक वाहनों का सबसे बड़ा लाभ यह है कि वे 'जीरो टेलपाइप उत्सर्जन' (zero tailpipe emissions) करते हैं। इसका मतलब है कि वे चलते समय कोई हानिकारक गैस जैसे कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड या पार्टिकुलेट मैटर (PM2.5, PM10) नहीं छोड़ते। यह सीधे तौर पर वायु प्रदूषण को कम करता है, जिससे शहरों की हवा की गुणवत्ता में सुधार होता है और सांस संबंधी बीमारियों का खतरा कम होता है।
जलवायु परिवर्तन से मुकाबला: पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहन ग्रीनहाउस गैसों के मुख्य स्रोतों में से एक हैं। ईवी का उपयोग करके, हम इन गैसों के उत्सर्जन को कम कर सकते हैं, जिससे वैश्विक तापमान में वृद्धि को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। हालांकि, यह महत्वपूर्ण है कि इन वाहनों को चार्ज करने के लिए इस्तेमाल होने वाली बिजली भी नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों (जैसे सौर, पवन) से उत्पन्न हो।
आर्थिक लाभ:
कम परिचालन लागत: इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने की लागत पेट्रोल या डीजल भरने की लागत से काफी कम होती है।
कम रखरखाव: ईवी में आंतरिक दहन इंजन वाले वाहनों की तुलना में कम चलते-पुर्जे होते हैं, जिससे उनका रखरखाव सस्ता और आसान हो जाता है।
सरकारी प्रोत्साहन: कई देशों में सरकारें ईवी खरीदने पर सब्सिडी, टैक्स में छूट और अन्य वित्तीय प्रोत्साहन देती हैं, जिससे ये और भी किफायती हो जाते हैं।
4. कम शोर प्रदूषण: ईवी लगभग पूरी तरह से शांत होते हैं, जो शहरी क्षेत्रों में शोर प्रदूषण को कम करने में मदद करता है। यह शहरों को रहने के लिए अधिक शांत और आरामदायक बनाता है।
भारत में इलेक्ट्रिक वाहन क्रांति
भारत भी इस वैश्विक क्रांति में पीछे नहीं है। सरकार की 'फेम इंडिया' (FAME India) योजना और विभिन्न राज्यों की ईवी नीतियां देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दे रही हैं। आज, भारतीय सड़कों पर इलेक्ट्रिक स्कूटर, मोटरसाइकिल, कारें और बसें तेजी से बढ़ रही हैं। चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का भी तेजी से विस्तार हो रहा है, जिससे ईवी मालिकों के लिए लंबी दूरी की यात्रा करना आसान हो रहा है।
विश्व ईवी दिवस कैसे मनाया जाता है?
विश्व ईवी दिवस पर, दुनिया भर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं:
जागरूकता अभियान: ऑनलाइन और ऑफलाइन प्लेटफॉर्म पर ईवी के फायदों के बारे में जानकारी साझा की जाती है।
ईवी शो और टेस्ट ड्राइव: लोग विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रिक वाहनों को देख और चला सकते हैं।
वेबिनार और सम्मेलन: विशेषज्ञ ईवी तकनीक, नीति और भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा करते हैं।
बैटरी और चार्जिंग टेक्नोलॉजी पर प्रदर्शन: नई और उन्नत तकनीकों का प्रदर्शन किया जाता है।
9 सितंबर को मनाया जाने वाला विश्व इलेक्ट्रिक वाहन दिवस सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि एक आंदोलन है। यह हमें याद दिलाता है कि हमारे पास एक स्वच्छ, हरित और स्थायी दुनिया बनाने की शक्ति है। इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाना केवल एक व्यक्तिगत निर्णय नहीं है, बल्कि हमारे ग्रह और आने वाली पीढ़ियों के प्रति हमारी जिम्मेदारी भी है। आइए, हम सब मिलकर इस क्रांति का हिस्सा बनें और एक बेहतर कल के लिए इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को अपनाएं।

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