8 सितंबर को मनाए जाने वाले विश्व फिजियोथेरेपी दिवस के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करें। जानें फिजियोथेरेपी का महत्व, इतिहास और शारीरिक स्वास्थ्य में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका।
By: Ajay Tiwari
Sep 06, 2025just now
स्टार समाचार वेब. फीचर डेस्क
हर साल 8 सितंबर को विश्व फिजियोथेरेपी दिवस मनाया जाता है। यह दिन फिजियोथेरेपी की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करने और लोगों को इसके लाभों के बारे में जागरूक करने के लिए समर्पित है। वर्ल्ड कन्फेडरेशन फॉर फिजिकल थेरेपी (WCPT) की स्थापना 1951 में हुई थी, और इसी दिन को इसकी स्थापना की वर्षगाँठ के रूप में चिह्नित किया गया है। यह दिवस दुनिया भर के फिजियोथेरेपिस्ट्स की कड़ी मेहनत, समर्पण और स्वास्थ्य सेवा में उनके अतुलनीय योगदान को सम्मान देने का एक अवसर है।
फिजियोथेरेपी केवल चोट या दर्द के इलाज तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक स्वास्थ्य सेवा है जो व्यक्ति के संपूर्ण शारीरिक कल्याण को सुनिश्चित करती है। फिजियोथेरेपिस्ट्स, जिन्हें फिजिकल थेरेपिस्ट भी कहा जाता है, व्यक्ति की गतिशीलता (movement), कार्यक्षमता (function) और जीवन की गुणवत्ता (quality of life) को बेहतर बनाने के लिए काम करते हैं। वे विभिन्न स्थितियों जैसे गठिया (arthritis), पीठ दर्द, खेल संबंधी चोटें, स्ट्रोक के बाद की रिकवरी और यहाँ तक कि हृदय और श्वसन संबंधी बीमारियों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह एक साक्ष्य-आधारित (evidence-based) चिकित्सा पद्धति है जो व्यायाम, मैनुअल थेरेपी, इलेक्ट्रोथेरेपी और शिक्षा के संयोजन का उपयोग करती है।
विश्व फिजियोथेरेपी दिवस का मुख्य उद्देश्य आम जनता को फिजियोथेरेपी के बारे में शिक्षित करना है। अक्सर लोग फिजियोथेरेपी को आखिरी विकल्प के रूप में देखते हैं, जबकि यह कई स्थितियों में प्राथमिक चिकित्सा हो सकती है। यह दिन बताता है कि कैसे फिजियोथेरेपिस्ट्स व्यक्ति को सर्जरी या दवाओं पर निर्भरता कम करने में मदद कर सकते हैं। इस दिवस के माध्यम से विभिन्न कार्यक्रम, सेमिनार और जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं ताकि लोग फिजियोथेरेपी के महत्व को समझ सकें और इसे अपनी जीवनशैली का हिस्सा बना सकें।
हर साल, WCPT एक विशेष विषय (theme) का चयन करता है जो फिजियोथेरेपी के एक विशिष्ट पहलू पर ध्यान केंद्रित करता है। यह विषय फिजियोथेरेपी के नए शोध, तकनीकों और समाज पर इसके प्रभाव को दर्शाता है। यह दिवस हमें यह भी याद दिलाता है कि फिजियोथेरेपी स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली का एक अभिन्न अंग है और भविष्य में बढ़ती हुई गैर-संचारी बीमारियों (non-communicable diseases) और बुजुर्ग आबादी के लिए इसकी भूमिका और भी महत्वपूर्ण होने वाली है। यह दिन फिजियोथेरेपिस्ट्स को एक-दूसरे के साथ जुड़ने और अपने ज्ञान को साझा करने का अवसर भी प्रदान करता है, जिससे इस क्षेत्र में निरंतर सुधार और नवाचार को बढ़ावा मिलता है।