विश्व आत्महत्या निवारण दिवस (10 सितंबर) पर जानें आत्महत्या के प्रमुख कारण, इसके चेतावनी भरे लक्षण और प्रभावी बचाव के उपाय। इस विस्तृत आलेख में हम जानेंगे कि कैसे मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाकर और समाज में जागरूकता फैलाकर इस गंभीर समस्या से लड़ा जा सकता है।
By: Ajay Tiwari
Sep 08, 202514 hours ago
स्टार समाचार फीचर डेस्क
हर साल 10 सितंबर को विश्व आत्महत्या निवारण दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य दुनियाभर में आत्महत्या की रोकथाम के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। यह दिन इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर सुसाइड प्रिवेंशन (IASP) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा मिलकर शुरू किया गया था। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य यह संदेश देना है कि आत्महत्या को रोका जा सकता है और मानसिक स्वास्थ्य एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जिस पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
आत्महत्या एक जटिल समस्या है जिसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि गंभीर मानसिक बीमारियाँ (अवसाद, बाइपोलर डिसऑर्डर, सिज़ोफ्रेनिया), गंभीर तनाव, आर्थिक संकट, रिश्तों में समस्याएँ, या किसी भी तरह का सामाजिक दबाव। कई बार लोग अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं कर पाते, जिससे वे अकेलेपन और निराशा की खाई में चले जाते हैं। ऐसे में, यह पहचानना बहुत ज़रूरी है कि कोई व्यक्ति मानसिक रूप से परेशान है या नहीं। इसके कुछ चेतावनी भरे लक्षण हो सकते हैं, जैसे कि व्यवहार में अचानक बदलाव, सामाजिक अलगाव, अत्यधिक उदासी, नींद और भूख में बदलाव, या स्वयं को नुकसान पहुँचाने की बातें करना।
आत्महत्या की रोकथाम के लिए सबसे पहला कदम यह है कि हम मानसिक स्वास्थ्य को लेकर खुली बातचीत करें और इसे एक टैबू न मानें। अगर कोई व्यक्ति संकट में है, तो उसे तत्काल मदद की पेशकश करें। उससे बात करें, उसे सुनें और बिना किसी निर्णय के उसका समर्थन करें। इसके अलावा, पेशेवर मदद जैसे कि थेरेपी या परामर्श के लिए उसे प्रेरित करें। कई हेल्पलाइन नंबर और संस्थाएँ भी हैं जो ऐसे लोगों को चौबीसों घंटे सहायता प्रदान करती हैं।
समाज के स्तर पर, शिक्षा और जागरूकता अभियान बहुत महत्वपूर्ण हैं। स्कूलों, कॉलेजों और कार्यस्थलों में मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए। यह समझना ज़रूरी है कि एक छोटा सा दयालुता का कार्य, एक प्रोत्साहन भरा शब्द या बस किसी के लिए मौजूद रहना भी किसी की जान बचा सकता है। विश्व आत्महत्या निवारण दिवस हमें याद दिलाता है कि हर जीवन कीमती है और हर संकट से बाहर निकलने का रास्ता होता है। यह एक सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम सब मिलकर एक ऐसा समाज बनाएँ जहाँ कोई भी व्यक्ति खुद को इतना अकेला न महसूस करे कि वह अपनी जान लेने के बारे में सोचे।