गंजबासौदा। सुभद्रा देवी शर्मा शास्सकीय कन्या महाविद्यालय में पढ़ाई का हाल बेहाल है। यहां करीब 2000 छात्राएं पढ़ती हैं। पढ़ाने के लिए स्वीकृत 14 पदों में से सिर्फ 4 स्थायी प्राध्यापक ही कार्यरत हैं। उच्च शिक्षा विभाग ने पढ़ाई के लिए 6 अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की थी, लेकिन सार्थक एप में उपस्थिति में गड़बड़ी के आरोप में दो दिन पहले उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई। सूत्रों के अनुसार ये अतिथि शिक्षक कॉलेज में पढ़ाई के नाम पर औपचारिकता निभा रहे थे, लेकिन एप के जरिए खुद को नियमित उपस्थिति में दिखा रहे थे।
कॉलेज में छात्राओं की संख्या के अनुसार बैठने तक की जगह नहीं है। इस कारण सभी छात्राएं नियमित नहीं आ पातीं। पढ़ाई के लिए कोचिंग का सहारा लेती हैं। परीक्षा देने के लिए ही कॉलेज आती हैं उस समय भी जगह की कमी के कारण खुले में बैठकर परीक्षा देनी पड़ती है कोचिंग के भरोसे पढ़ाई कर रही छात्राएं 80 से 90 प्रतिशत तक परीक्षा परिणाम दे रही हैं। इससे कॉलेज प्रबंधन को अपनी पीठ थपथपाने का मौका मिल जाता है। लेकिन हकीकत में वर्षों से अव्यवस्था पर पर्दा डाला जा रहा है। छात्र संगठनों ने कई बार धरना देकर ज्ञापन सौंपा। उच्च शिक्षा विभाग अब तक स्थायी शिक्षकों की की नियुक्ति नहीं कर पाया है।
कॉलेज में बने छह नए कमरे इसी साल मिलेंगे
माहाविद्यालय परिसर में इस साल छह नए कमरे तैयार हो गए हैं। ठेकेदार ने इनका निर्माण कार्य पूरा कर प्राचार्य को हैंडओवर कर दिया है। लंबे समय से अव्यवस्था और कमरों को कमी से जूझ रहे इस कॉलेज में अब पढ़ाई के लिए कुछ राहत मिलेगी। कॉलेज की हालत सुधारने के लिए छात्रा संगठनों ने कई बार धरना और आंदोलन किए। इसके बावजूद अब तक स्थिति में खास सुधार नहीं हुआ। बारिश के मौसम में कॉलेज की हालत और खराब हो जाती है। कमरों की कमी के कारण छात्राएं मजबूरी में कोचिंग का सहारा लेती हैं। सरकारी कॉलेज में पढ़ाई के लिए दाखिला लेने के बाद भी उन्हें डिग्री के लिए बाहर की मदद लेनी पड़ती है। इससे कॉलेज की साख पर भी असर पड़ता है। अब छह नए कमरे मिलने से उम्मीद है कि पढ़ाई का माहौल थोड़ा बेहतर होगा।
6 अतिथि शिक्षक हटाए
विद्यालय में पहले सात स्थाई शिक्षक पदस्थ थे। इनमें से शिक्षिका सविता पटेल की मृत्यु कैंसर से हो गई। शिक्षक इंदीवर जैन सेवा निवृत्त हो गए। जीएल मालवीय का स्थानांतरण हो गया। अब केवल तीन स्थाई शिक्षक बचे हैं, जिनमें प्राचार्य भी शामिल हैं। दस में से छह अतिथि शिक्षकों को उच्च शिक्षा विभाग ने सेवा से हटा दिया। इन पर सार्थक एप्प पर फर्जी उपस्थिति दर्ज करने का आरोप था। इनकी हाजरी विद्यालय में लग रही थी, लेकिन लोकेशन बाहर की दर्ज हो रही थी। अब केवल तीन अतिथि शिक्षक बचे हैं। इनके नाम बृजेश वर्मा, आरती साहू और पुष्पा बरडे हैं। विद्यालय में अब प्राणी, वनस्पति, राजनीति, इतिहास, गणित, वाणिज्य विषयों के शिक्षक नहीं हैं। लाइब्रेरियन का पद भी खाली है। इससे पढ़ाई पर असर पड़ रहा है।
कमरे कम. छात्राओं की पढ़ाई पढ़ाई पर असर
शासकीय कन्या महाविद्यालय में बीए, बीएससी, बीकॉम और कंप्यूटर की कक्षाएं चल रही हैं। इन पाठ्यक्रमों में करीब 2 हजार छात्राएं पढ़ रही हैं। हर विषय में कम से कम तीन सेक्शन चल रहे हैं। ऐसे में पढ़ाई के लिए कम से कम नौ कमरों की जरूरत है। कॉलेज का भवन दो मंजिला है। नीचे सात और ऊपर सात कमरे हैं। कुल 14 कमरों में से छह लैब के लिए हैं। एक कमरा प्राचार्य के लिए, एक स्टाफ के लिए और एक वाचनालय के लिए है। ऐसे में पढ़ाई के लिए कमरे बहुत कम बचते हैं। कई बार एक ही कमरे में दो सेक्शन की क्लास लगानी पड़ती है। इससे पढ़ाई का माहौल नहीं बन पाता। छात्राएं भी नियमित नहीं आ पातीं। कॉलेज प्रशासन के पास फिलहाल कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है।