बिहार सरकार ने समाज के वंचित वर्गों के उत्थान के लिए न्याय के साथ विकास के सिद्धांत को अपनाते हुए बिहार महादलित विकास मिशन के तहत कार्यरत विकास मित्रों और शिक्षा सेवकों के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
By: Arvind Mishra
Sep 21, 202513 hours ago
पटना। स्टार समाचार वेब
बिहार सरकार ने समाज के वंचित वर्गों के उत्थान के लिए न्याय के साथ विकास के सिद्धांत को अपनाते हुए बिहार महादलित विकास मिशन के तहत कार्यरत विकास मित्रों और शिक्षा सेवकों के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। सरकार ने विकास मित्रों और शिक्षा सेवकों को डिजिटल संसाधनों से लैस करने और उनके भत्तों में वृद्धि करने का फैसला लिया है, ताकि वे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महादलित, दलित, अल्पसंख्यक और अति पिछड़ा वर्ग तक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ अधिक प्रभावी ढंग से पहुंचा सकें। नीतीश कुमार ने ये जानकारी एक्स पर दी है। दरअसल, बिहार चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार बिहारवासियों को सौगात दे रहे हैं। दशहरा की शुरुआत होने से एक दिन पहले उन्होंने विकास मित्रों के लिए बड़ी घोषणा की है। उन्होंने रविवार सुबह अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से बिहार महादलित विकास मिशन के अन्तर्गत कार्यरत प्रत्येक विकास मित्र को टैबलेट खरीदने की राशि देने, परिवहन, स्टेशनरी भत्ता बढ़ाने की बात कही। सीएम ने लिखा कि न्याय के साथ विकास के सिद्धांत पर चलते हुए समाज के वंचित वर्गों के उत्थान के लिए हमारी सरकार लगातार काम कर रही है।
सीएम ने एलान करते हुए कहा कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग तक सरकार की विभिन्न विकास एवं कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने में विकास मित्रों की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसे ध्यान में रखते हुए बिहार महादलित विकास मिशन के अन्तर्गत कार्यरत प्रत्येक विकास मित्र को टैबलेट क्रय के लिए एकमुश्त 25 हजार रुपए की राशि प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही विकास मित्रों का परिवहन भत्ता 1900 रुपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 2500 रुपए प्रतिमाह एवं स्टेशनरी भत्ता 900 से बढ़ाकर 1500 रुपए किए जाने का निर्णय लिया गया है।
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि महादलित, दलित, अल्प संख्यक एवं अति पिछड़ा वर्ग के बच्चों तक शिक्षा का लाभ तथा अक्षर आंचल योजना के अधीन महिलाओं को साक्षर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे शिक्षा सेवकों को डिजिटल गतिविधियों के संपादन के लिए स्मार्ट फोन क्रय करने के लिए 10-10 हजार रुपए की राशि दिए जाने का निर्णय लिया गया है। साथ ही शिक्षण सामग्री मद में भुगतान की जा रही राशि को 3405 रुपए से बढ़ाकर छह हजार रुपए प्रति केन्द्र प्रतिवर्ष किए जाने का निर्णय लिया गया है।