मालेगांव ब्लास्ट केस में गुरुवार को मुंबई की एक विशेष अदालत ने फैसला सुनाया। कोर्ट ने इस मामले में प्रज्ञा ठाकुर और कर्नल पुरोहित समेत सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया। कोर्ट के इस फैसले पर विपक्ष के कई नेताओं ने आपत्ति जताई है।
By: Arvind Mishra
Aug 02, 202512 hours ago
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
मालेगांव ब्लास्ट केस में गुरुवार को मुंबई की एक विशेष अदालत ने फैसला सुनाया। कोर्ट ने इस मामले में प्रज्ञा ठाकुर और कर्नल पुरोहित समेत सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया। कोर्ट के इस फैसले पर विपक्ष के कई नेताओं ने आपत्ति जताई है। इस बीच एक ऐसा खुलासा हुआ है, जो सभी को हैरान कर रहा है। दरअसल, मालेगांव ब्लास्ट केस के गवाह मिलिंद जोशी ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि इस ब्लास्ट में उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ को फंसाने के लिए दबाव बनाया गया था। मिलिंद जोशी ने कहा कि मुझे हिरासत में लेकर प्रताड़ित किया गया। साथ ही मुझसे योगी आदित्यनाथ का नाम लेने के लिए कहा गया। इसके अलावा आसीमनानंद का नाम लेने के लिए कहा गया। विस्फोट के बाद पूरे केस का रूख आरएसएस की तरफ हो गया था। सीबीआई अफसर रात में 2 बजे लेकर जाते थे उनके परिवार पर दबाव बनाया जाता था। मनगढ़ंत कहानी बनाने का दबाव भी बनाया गया और उनकी शर्त न मानने पर भी धमकाया गया।
इससे पहले मालेगांव ब्लास्ट केस पर पूर्व एटीएस अफसर महबूब मुजावर ने कहा कि इस केस में फरर प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने का आदेश उनके वरिष्ठ अधिकारियों ने दिया था। मालेगांव ब्लास्ट केस के प्रमुख जांच अधिकारी परमवीर सिंह ने उन्हें मोहन भागवत को पकड़कर लाने का आदेश दिया था। महबूब मुजावर ने दावा किया कि भगवा आतंकवाद की थ्योरी पूरी तरह से झूठी थी।
29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव के भीकू चौक पर धमाका हुआ था। एक दोपहिया वाहन में रखे गए बम से हुए विस्फोट में 6 लोगों की मौत और 101 लोग घायल हुए थे। मृतकों में फरहीन उर्फ शगुफ्ता शेख लियाकत, शेख मुश्ताक यूसुफ, शेख रफीक मुस्तफा, इरफान जियाउल्लाह खान, सैयद अजहर सैयद निसार और हारून शाह मोहम्मद शाह शामिल थे। वहीं ब्लास्ट के बाद भाजपा की पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, रिटायर्ड मेजर रमेश उपाध्याय सहित 7 लोगों को आरोपी बनाया गया था। जिन्हें दो दिन पहले ही एनआईए कोर्ट ने बरी कर दिया है।