अपनी बेबाक बोली के लिए पहचाने जाने वाले भाजपा के सांसद ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में बाल अधिकारों के गंभीर उल्लंघन और सीमा पार आतंकवाद के लिए पाकिस्तान को जमकर धोया। 80वें यूएनजीए सत्र में बोलते हुए सांसद निशिकांत दुबे ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत की आतंकवाद विरोधी कार्रवाई का बचाव करते हुए इसे नागरिकों, खासकर बच्चों की सुरक्षा के लिए वैध और जरूरी करार दिया।
By: Arvind Mishra
Oct 14, 202510:26 AM
अपनी बेबाक बोली के लिए पहचाने जाने वाले भाजपा के सांसद ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में बाल अधिकारों के गंभीर उल्लंघन और सीमा पार आतंकवाद के लिए पाकिस्तान को जमकर धोया। 80वें यूएनजीए सत्र में बोलते हुए सांसद निशिकांत दुबे ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत की आतंकवाद विरोधी कार्रवाई का बचाव करते हुए इसे नागरिकों, खासकर बच्चों की सुरक्षा के लिए वैध और जरूरी करार दिया। दरअसल, सांसद पीपी चौधरी के नेतृत्व में संयुक्त राष्ट्र गए संसदीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल दुबे ने कहा कि पाकिस्तान बाल एवं सशस्त्र संघर्ष एजेंडे का सबसे गंभीर उल्लंघनकर्ता बना हुआ है। उन्होंने सीएएसी में संयुक्त राष्ट्र महासचिव की 2025 की रिपोर्ट का हवाला देते हुए सीमापार आतंकवाद, गोलाबारी और हवाई हमलों में पाकिस्तान की भूमिका को उजागर किया, जिसके कारण अफगान बच्चों की हत्या और अपंगता हुई है।
पाक की ओर से की गई गोलाबारी
भाजपा सांसद ने कहा- अपनी सीमाओं से परे इसी रिपोर्ट में पाकिस्तान द्वारा स्कूलों, खासकर लड़कियों के स्कूलों में स्वास्थ्य कर्मियों पर किए गए हमलों और अफगानिस्तान सीमा पर हुई घटनाओं का विस्तृत विवरण दिया गया है, जहां पाकिस्तान की ओर से की गई गोलाबारी और हवाई हमले सीधे तौर पर अफगान बच्चों की हत्या और अपंगता के लिए जिम्मेदार थे।
ऑपरेशन सिंदूर संतुलित प्रतिक्रिया
दुबे ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में 9 आतंकवादी शिविरों पर हमले किए और कई आतंकवादियों को मार गिराया। एक संतुलित प्रतिक्रिया में भारत ने मई 2025 में ऑपरेशन सिंदूर के तहत सर्जिकल स्ट्राइक कर आतंकवाद के खिलाफ अपने लोगों की रक्षा करने और इसके आयोजकों और अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाने के अपने वैध अधिकार का प्रयोग किया।
पाकिस्तान बंद करे पाखंड
सांसद ने कहा- लेकिन पाकिस्तान ने जानबूझकर हमारे सीमावर्ती गांवों को निशाना बनाया, जिसके कारण बच्चों सहित कई नागरिकों की जान गई। इस तरह के कृत्यों में लिप्त होने के बाद पाकिस्तान का अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बोलना बेहद पाखंडपूर्ण है। पाकिस्तान को खुद को आईने में देखना चाहिए। इस मंच पर उपदेश देना बंद करना चाहिए। अपनी सीमाओं के भीतर महिलाओं और बच्चों को निशाना बनाना बंद करना चाहिए।