मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की रणभेरी बजा दी है। पार्टी के संविधान और केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के सख्त निर्देशों के तहत होने वाली इस पूरी प्रक्रिया का औपचारिक कार्यक्रम राज्य निर्वाचन अधिकारी विवेक शेजवलकर ने सोमवार को जारी कर दिया है।
By: Star News
Jun 30, 20251 hour ago
एक 1 जुलाई को नामांकन, 345 सदस्य चुनेंगे नया 'कप्तान'
भोपाल. स्टार समाचार वेब
मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की रणभेरी बजा दी है। पार्टी के संविधान और केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के सख्त निर्देशों के तहत होने वाली इस पूरी प्रक्रिया का औपचारिक कार्यक्रम राज्य निर्वाचन अधिकारी विवेक शेजवलकर ने सोमवार को जारी कर दिया है। इसी के साथ, प्रदेश भाजपा की राजनीति में अगले 'कप्तान' को लेकर अटकलें और तेज हो गई हैं।
1 जुलाई 2025 (मंगलवार):
2 जुलाई 2025 (बुधवार):
प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव भाजपा की 345 सदस्यीय प्रदेश परिषद करेगी, जिसका गठन पहले ही हो चुका है। इस परिषद में दो विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर एक क्लस्टर बनाया गया है, जिसके आधार पर सदस्यों का चयन किया गया है। पार्टी ने इसमें आरक्षित वर्गों, महिलाओं और ओबीसी समुदाय को समुचित प्रतिनिधित्व देकर समावेशी दृष्टिकोण अपनाया है।
इतिहास गवाह है: सर्वसम्मति!
मध्य प्रदेश भाजपा के इतिहास में अधिकांश बार प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव सर्वसम्मति से ही होता आया है, जो पार्टी की आंतरिक एकजुटता को दर्शाता है। हालांकि, दो बार ऐसा भी हुआ है जब अध्यक्ष पद के लिए सीधा मुकाबला देखने को मिला..
कौन होगा अगला 'बॉस'?
प्रदेश अध्यक्ष की इस रेस में कई दिग्गज नेता और सांसद अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। वर्तमान अध्यक्ष वीडी शर्मा एक बार फिर इस पद पर बने रहने की दौड़ में हैं। उनके अलावा, अनुभवी नेता जैसे पूर्व मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला, बैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल, सांसद सुधीर गुप्ता और अरविंद भदौरिया के नाम प्रमुखता से चर्चा में हैं।
वर्गीय संतुलन और संभावनाएं:
भाजपा में अध्यक्ष पद के लिए वर्गीय संतुलन को भी प्राथमिकता दी जा सकती है। महिला अध्यक्ष की संभावना: अगर पार्टी किसी महिला को कमान सौंपने का मन बनाती है, तो अर्चना चिटनीस, कविता पाटीदार, लता वानखेड़े और सावित्री ठाकुर जैसे नाम दौड़ में हैं।
अनुसूचित जाति वर्ग से: अनुसूचित जाति वर्ग से नेतृत्व चुनने की स्थिति में लाल सिंह आर्य और विधायक प्रदीप लारिया प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं।
आदिवासी चेहरा: आदिवासी समुदाय को साधने की रणनीति के तहत, केंद्रीय मंत्री दुर्गादास उइके, खरगोन सांसद गजेंद्र पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते और राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी के नाम आदिवासी चेहरे के तौर पर सबसे आगे चल रहे हैं।