विमान का सफर आधुनिक दुनिया में सबसे सुरक्षित माना जाता है, फिर भी कभी-कभी होने वाले विमान हादसे पूरे विश्व को झकझोर देते हैं। अहमदाबाद में आज यानी 12 जून को हुए एयर इंडिया के विमान दुर्घटना ने एक बार फिर भयावह स्मृतियों को ताजा कर दिया है,
By: Star News
Jun 12, 20256:56 PM
स्टार समाचार वेब
विमान का सफर आधुनिक दुनिया में सबसे सुरक्षित माना जाता है, फिर भी कभी-कभी होने वाले विमान हादसे पूरे विश्व को झकझोर देते हैं। अहमदाबाद में आज यानी 12 जून को हुए एयर इंडिया के विमान दुर्घटना ने एक बार फिर भयावह स्मृतियों को ताजा कर दिया है, जब पलक झपकते ही सैकड़ों जिंदगियां आसमान से जमीन पर आ गिरीं। इतिहास गवाह है कि कई ऐसे हादसे हुए हैं, जिन्होंने न केवल बड़ी संख्या में जानें लीं, बल्कि विमानन सुरक्षा प्रोटोकॉल और इंजीनियरिंग में बड़े बदलाव कराए।
टेनराइफ एयरपोर्ट आपदा (1977)
विमानन इतिहास की सबसे घातक दुर्घटना, जिसमें दो बोइंग 747 विमान (KLM फ्लाइट 4805 और Pan Am फ्लाइट 1736) कैनरी आइलैंड्स के टेनराइफ एयरपोर्ट पर रनवे पर टकरा गए थे। इस दुर्घटना में 583 लोगों की मौत हो गई थी। खराब दृश्यता (घना कोहरा), रेडियो संचार की गलतफहमी और पायलट की गलतियों को इस त्रासदी का मुख्य कारण माना गया। इस घटना के बाद एयर ट्रैफिक कंट्रोल प्रक्रियाओं और कॉकपिट संचार में व्यापक सुधार किए गए।
जापान एयरलाइंस फ्लाइट 123 (1985)
जापान के ओगुरा पर्वत से टकराया यह बोइंग 747 विमान, जिसमें 520 लोगों की मौत हो गई थी, एकल विमान दुर्घटनाओं में सबसे घातक है। घटना का कारण विमान के पिछले हिस्से में एक मरम्मत की विफलता थी, जो सात साल पहले हुई थी। इस हादसे ने विमान निर्माताओं और एयरलाइंस को मरम्मत और रखरखाव प्रक्रियाओं की गंभीरता से समीक्षा करने पर मजबूर किया।
चेर्स्की पर्वत पर एयर न्यूजीलैंड फ्लाइट 901 (1979)
अंटार्कटिका पर दर्शनीय उड़ान भरने निकला यह DC-10 विमान चेर्स्की पर्वत से टकरा गया, जिससे इसमें सवार सभी 257 लोग मारे गए। खराब मौसम और नेविगेशन संबंधी त्रुटियों को जिम्मेदार ठहराया गया। यह हादसा टूरिस्ट फ्लाइट्स और नेविगेशन प्रोटोकॉल की समीक्षा का कारण बना।
लॉकरबी बमबारी (पैन एम फ्लाइट 103, 1988)
यह एक आतंकवादी हमला था, जब एक बम के फटने से पैन एम का बोइंग 747 विमान स्कॉटलैंड के लॉकरबी के ऊपर फट गया, जिससे विमान में सवार सभी 259 और जमीन पर 11 लोग मारे गए। इस घटना ने हवाई अड्डों पर सामान की जांच और सुरक्षा प्रोटोकॉल को कड़ा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
यूएस एयरवेज फ्लाइट 1549 (हडसन नदी पर लैंडिंग, 2009)
इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ, इसे "हडसन का चमत्कार" कहा जाता है। इंजन में पक्षियों के टकराने के बाद पायलट चेल्सी "सली" सलनबर्गर ने कुशलता से विमान को हडसन नदी पर उतारा और सभी 155 यात्रियों को बचाया। यह घटना पायलट के प्रशिक्षण, आपातकालीन प्रक्रियाओं और पक्षियों के टकराने से बचाव के उपायों के महत्व को रेखांकित करती है।
सबक और भविष्य की राह:
प्रत्येक विमान दुर्घटना, चाहे वह मानवीय त्रुटि, तकनीकी खराबी, मौसम की स्थिति या आतंकी हमले का परिणाम हो, विमानन सुरक्षा में सुधार का एक मौका देती है। अहमदाबाद जैसे हादसों से यह स्पष्ट होता है कि विमानन उद्योग को लगातार अपनी सुरक्षा प्रणालियों, रखरखाव प्रक्रियाओं और आपातकालीन प्रतिक्रिया तंत्रों को अद्यतन करते रहने की आवश्यकता है।
तकनीकी उन्नति: बेहतर विमान डिजाइन, उन्नत एवियोनिक्स और फॉल्ट-टॉलरेंट सिस्टम।
सख्त नियामक मानक: अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय विमानन प्राधिकरणों द्वारा निर्धारित कड़े नियम और उनका अनुपालन।
उच्च स्तरीय प्रशिक्षण: पायलटों, एयर ट्रैफिक कंट्रोलर और ग्राउंड क्रू का निरंतर और कठोर प्रशिक्षण।
विमानन सुरक्षा में हुए सुधारों के बावजूद, अहमदाबाद जैसे हादसे यह याद दिलाते हैं कि शून्य-जोखिम की स्थिति कभी प्राप्त नहीं की जा सकती। लेकिन इन त्रासदियों से मिले सबक हमें भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने और विमान यात्रा को और भी सुरक्षित बनाने की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित करते रहेंगे। इस दुखद घड़ी में, उन सभी लोगों के प्रति गहरी संवेदनाएं हैं जिन्होंने इस हादसे में अपनों को खोया है।