देव प्रबोधिनी एकादशी पर मध्यप्रदेश की धरती भक्ति और प्रकाश से जगमगा उठी। चित्रकूट से अमरकंटक तक श्रीरामचंद्र पथ गमन के 9 स्थलों पर 3,51,111 दीपों की रोशनी प्रदेश आलोकित हुआ। हर घाट पर राममय आस्था का अनूठा नजारा दिखाई दिया।
By: Arvind Mishra
Nov 02, 202511:30 AM

भोपाल। स्टार समाचार वेब
देव प्रबोधिनी एकादशी पर मध्यप्रदेश की धरती भक्ति और प्रकाश से जगमगा उठी। चित्रकूट से अमरकंटक तक श्रीरामचंद्र पथ गमन के 9 स्थलों पर 3,51,111 दीपों की रोशनी प्रदेश आलोकित हुआ। हर घाट पर राममय आस्था का अनूठा नजारा दिखाई दिया। वहीं विंध्य के मऊगंज जिले में स्थित कालीधाम माता मंदिर में 2100 दीप प्रज्वलित किए गए। दरअसल, देव प्रबोधिनी एकादशी के पावन अवसर पर मप्र की धरा श्रद्धा, भक्ति और प्रकाश के अद्भुत संगम में नहाई रही। जब चित्रकूट से लेकर अमरकंटक तक 3,51,111 दीपों की ज्योति एक साथ प्रज्वलित हुई, तो पूरा प्रदेश प्रभु श्रीरामचंद्र, माता सीता, मां नर्मदा और मां मंदाकिनी की भक्ति में आलोकित हो उठा। श्रीराम पथ गमन के नौ प्रमुख स्थलों चित्रकूट, अमरकंटक, नर्मदापुरम, मैहर, कटनी, पन्ना, उमरिया, शहडोल और सतना में यह दीपोत्सव पर्व मनाया गया।
अमरकंटक के रामघाट और नर्मदापुरम के सेठानी घाट पर 51,000 दीपों से नर्मदा तट जगमगा उठा। चित्रकूट के राघव प्रयाग घाट पर 1,11,111 दीप और पंचवटी घाट पर 20,000 दीपों की प्रकाशमालाओं ने घाटों को स्वर्णिम आभा से भर दिया। हर स्थल पर सायंकालीन महाआरती और भक्ति संगीत संध्या का आयोजन हुआ।
मैहर में आल्हा तलैया घाट पर 51,000 दीपों के साथ सागर की साक्षी पटेरिया और उनके साथियों ने भक्ति प्रस्तुति दी। वहीं नर्मदापुरम के सेठानी घाट पर भोपाल के दीप म्यूजिकल ग्रुप ने श्रीराम भजनों से श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया।
कटनी के कटायेघाट पर 15,000 दीपों की आरती के साथ नमन तिवारी और उनके साथियों ने लोकभजनों से भक्ति रस बिखेरा। पन्ना के धरमसागर तालाब पर 11,000 दीपों के साथ वेदिका मिश्रा ने मनमोहक भजनों की प्रस्तुति दी। उमरिया के सगरा मंदिर में 31,000 दीपों से परिसर आलोकित हुआ। शहडोल के सीतामढ़ी (गंधिया) स्थल पर 11,000 दीप प्रज्वलित कर श्रीराम और माता सीता की महाआरती की गई।

इधर, मऊगंज के कालीधाम माता मंदिर में देव प्रबोधिनी एकादशी पर भव्य दीपोत्सव का आयोजन किया गया। 2100 दीप प्रज्वलन का कार्यक्रम मंदिर प्रबंधन ने स्वयं किया था। इस दौरान मां काली की विशेष पूजा और पारंपरिक अनुष्ठान, जिसमें मां काली के मंदिर को दीपों से सजाया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में भक्त मां की पूजा-अर्चना करते नजर आए। दीपों के अलौकिक पर्व पर काली धाम माता मंदिर में मां काली के दिव्य दर्शन का सौभाग्य श्रद्धालुओं को प्राप्त हुआ। यहां सबसे खास बात यह रही कि दीपोत्सव के दौरान मंदिर प्रबंधन के स्वयं सेवकों ने विभिन्न प्रकार की आकर्षक और मनमोहक आकृति बनाई थी। जैसे ही दीप प्रज्वलित किए गए, वैसे ही पूरा मंदिर परिसर रोशनी से जगमगा उठा। उस अद्भुत-अलौकिक और दिव्य नजारे को श्रद्धालु अपने कैमरों में कैद करने में जुट गए।