कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर एक बार फिर आयोग पर हमला बोला है। राहुल ने दावा किया है कि वोटर लिस्ट का विशेष गहन पुनरीक्षण एक संस्थागत चोरी है।
By: Arvind Mishra
Aug 08, 20258 hours ago
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर एक बार फिर आयोग पर हमला बोला है। राहुल ने दावा किया है कि वोटर लिस्ट का विशेष गहन पुनरीक्षण एक संस्थागत चोरी है। यही नहीं, राहुल ने दावा किया कि चुनाव आयोग गरीबों के वोटिंग राइट्स को छीनने के इरादे से इस चोरी को अंजाम देने के लिए भाजपा के साथ खुलेआम मिलीभगत कर रहा है। दरअसल, बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर राजनीतिक गर्माहट तेज हो गई है। इसी सिलसिले में बयानबाजी तेज तब हो गई जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनाव प्रणाली पर गंभीर सवाल उठाते हुए एक बार फिर भाजपा और ईसी पर बड़ा हमला बोला है। यही नहीं, राहुल गांधी ने यह भी दावा किया कि अगर भाजपा के पास 10-15 सीटें कम होतीं, तो नरेंद्र मोदी दोबारा प्रधानमंत्री नहीं बनते और आज इंडिया गठबंधन की सरकार होती।
शुक्रवार को अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो जारी कर राहुल ने आरोप लगाया कि देश में चुनाव चोरी हो रहे हैं। इसमें भाजपा को चुनाव आयोग का पूरा सहयोग मिल रहा है। राहुल गांधी ने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को संस्थागत चोरी करार देते हुए कहा कि इसका असली मकसद गरीबों के वोटिंग अधिकार को छीनना है। राहुल ने कहा सच्चाई यह है कि भारत में चुनाव आयोग और भाजपा मिलकर चुनाव चुरा रहे हैं। हमने उनकी चोरी पकड़ ली है, इसीलिए अब एसआईआर लाया गया है। एसआईआर का असली उद्देश्य गरीबों को वोट देने से रोकना है।
राहुल ने बताया कि जब उन्होंने और उनके सहयोगियों ने चुनाव आयोग से वोटर लिस्ट और पोलिंग बूथ की वीडियो रिकॉर्डिंग मांगी, तो उन्हें कुछ नहीं दिया गया। इससे यह शक और गहराया कि चुनाव आयोग भाजपा के साथ मिलकर काम कर रही है। अपने वीडियो को एक्स पर शेयर करते हुए राहुल गांधी ने लिखा-वोट चोरी सिर्फ चुनावी घोटाला नहीं है, यह संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ बहुत बड़ा अपराध है। देश के अपराधियों को सुन लेना चाहिए वक्त बदलेगा, सजा जरूर मिलेगी।
इधर, चुनाव आयोग ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से कहा है कि वे वोट चोरी के अपने दावे को सही मानते हैं तो हलफनामा साइन करके दें। अगर उन्हें अपने दावों पर भरोसा नहीं है तो देश से माफी मांगे। आयोग के अनुसार कांग्रेस सांसद राहुल मानते हैं कि चुनाव आयोग पर उनके आरोप सही हैं, तो उन्हें घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।