दस गांवों के बीस हजार खाताधारकों की चेतावनी
By: Gulab rohit
सीहोर। सेंट्रल बैंक आॅफ इंडिया मेहतबाड़ा शाखा के संभावित स्थानांतरण से ग्रामीणों में आक्रोश है। दस गांवों के बीस हजार खाताधारकों ने चेतावनी दी है कि यदि शाखा हाईवे पर शिफ्ट की गई, तो वे अपने खाते बंद कर देंगे। ग्रामीणों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर विरोध जताया।
मेहतबाड़ा में संचालित सेंट्रल बैंक आॅफ इंडिया को लेकर ग्रामीणों में गुस्सा उबाल पर है। क्षेत्र के दस गांवों के बीस हजार से अधिक खाताधारक ग्रामीणों ने बैंक को अल्टीमेटम दे दिया है। यदि शाखा को गांव से एक किलोमीटर दूर हाईवे पर स्थानांतरित किया गया, तो सभी खाते बंद कर दिए जाएंगे।
मेहतवाड़ा से लगे दस गांवों के खाताधारक ग्रामीणों के प्रतिनिधि कलेक्ट्रेट पहुंचे और कलेक्टर बालागुरू के को ज्ञापन सौंपा। इसमें स्पष्ट चेतावनी दी गई कि बैंक का स्थानांतरण रोकना ही होगा, अन्यथा ग्रामीण बड़े पैमाने पर खाते बंद कर देंगे।
गांव के बीच में संचालित है शाखा
ग्रामीणों ने बताया कि सेंट्रल बैंक आॅफ इंडिया शाखा मेहतबाड़ा मुख्य बाजार में वर्षों से संचालित है। यहां दिव्यांग, बुजुर्ग, सेवानिवृत्त कर्मचारी, व्यापारी, लाड़ली बहन योजना के लाभार्थी और छात्र-छात्राएं अपनी वित्तीय लेन-देन की सुविधा का लाभ लेते हैं। सरकारी और गैर-सरकारी, दोनों प्रकार के करीब बीस हजार खाते इस शाखा में संचालित हैं।
गांव में बैंक सुरक्षित, हाईवे पर खतरा
ग्रामीणों का कहना है कि वर्तमान में बैंक सुरक्षित स्थान पर है और यहां तक पहुंचना सबके लिए आसान है। लेकिन हाईवे पर स्थानांतरण से खतरा बढ़ जाएगा। वहां पेट्रोल पंप, विद्युत ट्रांसफार्मर और फोरलेन सड़क के कारण दुर्घटना और चोरी-डकैती का खतरा हमेशा बना रहेगा।
बुजुर्ग, महिलाएं और दिव्यांग होंगे प्रभावित
ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि बैंक शाखा हाईवे पर जाने से बुजुर्ग, महिलाएं और दिव्यांग लोगों के लिए बैंक तक पहुंचना मुश्किल होगा। व्यापारी भी असुरक्षित माहौल में लेन-देन करने से हिचकेंगे। बैंक एटीएम भी असुरक्षित हो जाएगा, जिससे रात के समय घटनाओं की आशंका बढ़ जाएगी।
सामूहिक हस्ताक्षर से जताया विरोध
कलेक्टर को सौंपे गए ज्ञापन के साथ ग्राम पंचायत भानाखेड़ी, मेहतबाड़ा, बीलपान, अतरालिया, खटसुरा सहित दस से अधिक पंचायतों के सहमति पत्र और एक हजार से अधिक खाताधारकों के हस्ताक्षर भी संलग्न किए गए।
बैंक और सरकार पर पड़ेगा असर
ग्रामीणों ने स्पष्ट कहा है कि यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो बीस हजार से अधिक खाताधारक अपना खाता बंद करेंगे, जिससे सेंट्रल बैंक आॅफ इंडिया को करोड़ों रुपये का नुकसान होगा। साथ ही, प्रदेश सरकार के वित्त विभाग पर भी नकारात्मक असर पड़ेगा।
मांग: बैंक गांव में ही रहे
ग्रामीणों की एक ही मांग है,सेंट्रल बैंक आॅफ इंडिया शाखा मेहतबाड़ा को किसी भी दशा में हाईवे पर स्थानांतरित न किया जाए। ग्रामीणों का कहना है कि वे आंदोलन और खाते बंद करने जैसे कदम उठाने से पीछे नहीं हटेंगे।