मध्यप्रदेश में महिलाओं पर अपराध के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। बीते तीन वर्षों में एससी और एसटी वर्ग की 7,400 से ज्यादा महिलाएं दुष्कर्म का शिकार बनीं। वहीं, पिछले डेढ़ साल में 21 हजार से अधिक महिलाएं लापता हुई हैं।
By: Arvind Mishra
Aug 02, 202511:35 AM
मध्यप्रदेश में महिलाओं पर अपराध के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। बीते तीन वर्षों में एससी और एसटी वर्ग की 7,400 से ज्यादा महिलाएं दुष्कर्म का शिकार बनीं। वहीं, पिछले डेढ़ साल में 21 हजार से अधिक महिलाएं लापता हुई हैं। यही नहीं, मध्यप्रदेश में बड़ी संख्या में पढ़े-लिखे युवा रोजगार की तलाश में हैं। इनमें इंजीनियरिंग, एमबीबीएस, एमबीए और पोस्ट ग्रेजुएशन जैसी उच्च डिग्रियों वाले युवा भी शामिल हैं। यह चौंकाने वाली जानकारी राज्य विधानसभा में सरकार ने खुद दी है। दरअसल, प्रदेश में बीते तीन सालों में (2022 से 2024) के दौरान अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग की 7,418 महिलाओं से दरिंदगी की वारदात हुई है। जबकि 338 गैंगरेप की घटनाएं हुईं। यह जानकारी सरकार ने विधानसभा के मानसून सत्र में दी है। यह जवाब कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में दिया गया था। उन्होंने एससी और एसटी वर्ग की महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों के आंकड़े मांगे थे। सरकार ने कहा कि इन तीन सालों में जहां 147 अनुसूचित जाति की महिलाओं की हत्या की गई। वहीं 411 अनुसूचित जनजाति की महिलाओं की हत्या हुई। आंकड़ों के अनुसार, एससी वर्ग की महिलाओं के खिलाफ अपराध की प्रमुख श्रेणियों में तीन वर्षों के अंदर कुल 7,355 (2022), 7,343 (2023), और 7,100 (2024) केस दर्ज हुए। वहीं एसटी महिलाओं के खिलाफ क्रमश: 7,498 (2022), 7,941 (2023) और 7,647 (2024) अपराध दर्ज किए गए। इनमें हत्या, दुष्कर्म, अपहरण, घरेलू हिंसा, छेड़छाड़ और अन्य अपराध शामिल हैं।
कांग्रेस विधायकों बाला बच्चन और सचिन यादव के सवाल पर सरकार ने बताया कि जनवरी 2024 से जून 2025 के बीच 21,175 महिलाएं और 1,954 नाबालिग बालिकाएं गायब हुई हैं। इस अवधि में 10,840 महिलाओं और बालिकाओं के साथ रेप की घटनाएं हुईं, जिनमें से 4,805 महिलाएं और 6,035 नाबालिग थीं।
राज्य सरकार ने यह भी बताया कि प्रदेश के 31 जिलों में महिलाओं के लापता होने की सूचनाएं दर्ज की गई है। इनमें इंदौर (2,623), भोपाल (1,630), जबलपुर (1,458), छिंदवाड़ा (1,157), खरगोन (1,146), धार (1,057) और ग्वालियर (1,040) जैसे जिले शामिल हैं।
इधर, मध्यप्रदेश में बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार की तलाश है। विधानसभा के मानसून सत्र में सरकार ने बताया कि राज्य में 25 लाख 68 हजार से अधिक आकांक्षी युवा हैं। इनमें बड़ी संख्या उन युवाओं की है, जो इंजीनियरिंग, एमबीबीएस, एमबीए और पोस्ट ग्रेजुएशन जैसी डिग्रियां प्राप्त कर चुके हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2.5 लाख से ज्यादा पोस्ट ग्रेजुएट, 86 हजार इंजीनियर, 18,800 एमबीए पास, और 4,800 से अधिक एमबीबीएस डिग्रीधारी युवा सरकारी नौकरी पाने के लिए पोर्टल पर पंजीकृत हैं। इसके अलावा 8.3 लाख ग्रेजुएट बेरोजगार भी हैं जो नौकरी की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
जिलों की बात करें तो सागर में सबसे ज्यादा 95,835, भोपाल में दूसरे और ग्वालियर में तीसरे नंबर पर बेरोजगारों की संख्या दर्ज की गई है। सामाजिक वर्गों के हिसाब से देखें तो ओबीसी वर्ग से 10 लाख, एससी वर्ग से 4.69 लाख, एसटी वर्ग से 4.18 लाख और सामान्य वर्ग से 6.34 लाख बेरोजगार पोर्टल पर दर्ज हैं। पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक बाला बच्चन द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में सरकार ने बताया कि 30 जून 2025 तक रोजगार पोर्टल पर 25.68 लाख युवाओं ने पंजीकरण कराया है। हालांकि सरकार का दावा है कि बेरोजगारी दर में 0.56 प्रतिशत की कमी आई है।