मध्यप्रदेश की पीएचई विभाग की मंत्री संपतिया उईके पर 1000 करोड़ कमीशन लेने के आरोप लगे हैं। इस पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने अपने ही विभाग की मंत्री के खिलाफ जांच बैठा दी है। पूर्व विधायक द्वारा मंत्री पर जल जीवन मिशन से जुड़े 1000 करोड़ की घूस लेने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
By: Arvind Mishra
Jul 01, 202538 minutes ago
भोपाल। स्टार समाचार वेब
मध्यप्रदेश की पीएचई विभाग की मंत्री संपतिया उईके पर 1000 करोड़ कमीशन लेने के आरोप लगे हैं। इस पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने अपने ही विभाग की मंत्री के खिलाफ जांच बैठा दी है। दरअसल, पूर्व विधायक किशोर समरीते द्वारा मंत्री संपतिया उईके पर जल जीवन मिशन से जुड़े 1000 करोड़ की घूस लेने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। हालांकि अब खुद मंत्री संपतिया उईके ने इस मामले में अपनी सफाई दी है। मंत्री उईके ने कहा कि मैं जनता की सेवा कर रही हूं। इस मामले में मेरा जवाब सीएम डॉ. मोहन यादव देंगे। मंत्री ने कहा कि मुझे बेवजह प्रताड़ित किया जा रहा है। हमारी सरकार भ्रष्टाचार मुक्त सरकार है और यदि किसी के खिलाफ कोई शिकायत आती है तो उसकी जांच जरूर होती है। मंत्री उईके ने बताया कि वह इस मुद्दे को कैबिनेट बैठक में भी उठाएंगी और प्रेस वार्ता कर एक-एक सवाल का जवाब देंगी।
दरअसल, मध्यप्रदेश की आदिवासी मंत्री संपतिया उईके पर जल जीवन मिशन से जुड़े 1000 करोड़ रुपए की घूस लेने के गंभीर आरोप लगे हैं। ये आरोप पूर्व विधायक किशोर समरीते ने लगाए हैं, जिनकी शिकायत के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है। इसके बाद मध्यप्रदेश सरकार ने खुद अपनी मंत्री के खिलाफ जांच शुरू कर दी है।
अब पीएचई विभाग के अधिकारी पूरे मामले की रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। ईएनसी संजय अंधावन ने पीएचई विभाग के सभी क्षेत्रों के मुख्य अभियंता और एमपी जल निगम लिमिटेड, भोपाल के परियोजना निदेशक को पत्र भेजा है। उन्हें सात दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा गया है।
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि मंत्री ने इस योजना में कमीशन लिया और मंडला स्थित एक कार्यकारी अभियंता के माध्यम से बड़ी राशि ली गई। समरीते की शिकायत में राज्य की जल आपूर्ति अवसंरचना परियोजनाओं में कई अधिकारियों और ठेकेदारों को शामिल करते हुए व्यापक भ्रष्टाचार का भी आरोप लगाया गया है।
इस मामले में जांच के आदेश के बाद राज्य के राजनीतिक गलियारों में हलचल है। विपक्षी दल इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमलावर हैं और निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं। वहीं, सरकार का कहना है कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।