मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि आपातकाल लागू करना तत्कालीन प्रधानमंत्री द्वारा संविधान की हत्या थी। आपातकाल लागू करने के संबंध में न केंद्रीय कैबिनेट ने स्वीकृति दी थी न ही राज्यों की ओर से ऐसा कोई प्रस्ताव दिया गया था।
By: Arvind Mishra
Jun 27, 20252 hours ago
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि आपातकाल लागू करना तत्कालीन प्रधानमंत्री द्वारा संविधान की हत्या थी। आपातकाल लागू करने के संबंध में न केंद्रीय कैबिनेट ने स्वीकृति दी थी न ही राज्यों की ओर से ऐसा कोई प्रस्ताव दिया गया था। जिम्मेदार लोगों ने ही संविधान का पालन नहीं किया। अभिव्यक्ति और प्रेस की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाया गया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने युवाओं से आपातकाल लागू किए जाने के प्रसंग पर प्रश्न पूछे और उन्हें मौजूदा दौर की विशेषताओं पर विचार व्यक्त करने का अवसर दिया। मुख्यमंत्री ने कुशाभाऊ ठाकरे इंटर स्टेट बस टर्मिनल स्थित नगर निगम भोपाल के सभाकक्ष में शुक्रवार को आयोजित युवा संसद कार्यक्रम में युवाओं से संवाद करते हुए उक्त बात कही। वहीं युवा संसद को वरिष्ठ सांसद वीडी शर्मा ने कहा कि आज की पीढ़ी को इमरजेंसी का प्रसंग बताया जाना जरूरी है। अनेक युवाओं ने आपातकाल की बुराइयों पर विचार व्यक्त किए। आपातकाल लागू करने को लोकतंत्र विरोधी कदम बताया।
सवाल-इमरजेंसी में आपको सबसे खराब क्या लगा? एक शब्द में ये बता दो।
जवाब: मानव संसाधन विकास मंत्री की भूमिका निभा रही एक छात्रा ने कहा- इमरजेंसी में हमारे जो संवैधानिक अधिकार थे उन्हें छीन लिया गया था। जिसमें संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 भी शामिल थे। इसका मतलब ये है कि न ही हमारे पास राइट टू इक्विलिटी यानी न समानता का अधिकार था। न हमारे पास फ्रीडम आफ स्पीच थी। और न ही हमारे पास जीने का अधिकार यानी और फ्रीडम टू लाइव भी नहीं था।
सवाल: आपातकाल को 50 साल हुए पर आज इस पर बात करने की क्या जरूरत है?
जवाब: नेता प्रतिपक्ष (युवा संसद)- मेरा ये मानना है कि हम जब इतिहास को देखते हैं तभी सीख लेते हैं। आज अगर हम इतिहास का संशोधन करेंगे तभी हम सीख पाएंगे कि हमने और हमारी सरकारों ने क्या गलतियां की थीं और आने वाली सरकारों को क्या गलतियां नहीं करनी हैं।
प्रधानमंत्री (युवा संसद)- इमरजेंसी पर चर्चा की जरूरत इसलिए है, क्योंकि 1975 से आज 2025 तक के सफर ने हमारे लोकतंत्र ने कई उतार-चढ़ाव देखे। इसको समझने के लिए और पीएम मोदी के 2047 के विकसित भारत के सपना को साकार करने के लिए हमें समझना पडेगा कि इमरजेंसी की वजह से जो परिस्थितियां बनीं थीं उनसे हमने कैसे डील किया।
गौरतलब है कि भारत सरकार ने संविधान हत्या दिवस 25 जून 2025 से निरंतर एक वर्ष तक विभिन्न गतिविधियों के संचालन के निर्देश दिए हैं। इस क्रम में मध्यप्रदेश में लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान के साथ ही विभिन्न स्पर्धाओंऔर वैचारिक गोष्ठियों के कार्यक्रम, विभिन्न संस्थाओं द्वारा लगातार किए जा रहे हैं।
वरिष्ठ लोकतंत्र सेनानी विभीषण सिंह का मुख्यमंत्री ने सम्मान किया। प्रारंभ में मुख्यमंत्री का स्वागत किया गया। आयोजक संस्था की ओर से प्रदेश पदाधिकारी वैभव पवार और राष्ट्रीय पदाधिकारी रोहित चहल ने अतिथियों का स्वागत किया और युवा संसद में विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर भोपाल की महापौर मालती राय नगर निगम भोपाल के अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी और अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।