मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में विश्व पर्यावरण दिवस पर पर्यावरण प्रबंधन पर विकसित पाठ्य सामग्री का विमोचन और चार पीएचडी छात्रों को पर्यावरण छात्रवृत्ति प्रदान की।
By: Star News
Jun 05, 20252:38 PM
-पर्यावरण पर पीएचडी करने वालों को मिली स्कॉलरशिप
-सतना-खंडवा नगर निगम को सीएम ने किया सम्मनित
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में विश्व पर्यावरण दिवस पर पर्यावरण प्रबंधन पर विकसित पाठ्य सामग्री का विमोचन और चार पीएचडी छात्रों को पर्यावरण छात्रवृत्ति प्रदान की। समारोह के शुभारंभ अवसर पर वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री दिलीप सिंह परिहार, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, कृष्णा गोड़, मालती राय, रामेश्वर शर्मा और भगवानदास सबनानी मंच पर मौजूद रहे। कार्यक्रम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के प्रयोग की भी घोषणा हुई और पर्यावरण विषय पर पीएचडी कर रहे छात्रों को छात्रवृत्ति देने और पर्यावरण से संबंधित नए पाठ्यक्रम और डिग्री को भी लॉन्च किया गया।
पौधों में प्राण की मान्यता
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन ने बताया कि अब लोग जन्मदिन और शादी की सालगिरह जैसे अवसरों पर पेड़ लगाकर उन्हें यादगार बना रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू किए गए एक पेड़ मां के नाम अभियान की सराहना की और कहा कि हमारे देश में प्राचीन काल से पौधों में प्राण की मान्यता रही है।
कुओं को किया गया रिचार्ज
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि 95,500 कुओं को रिचार्ज किया गया है, जिससे लोगों को लाभ मिल रहा है। उन्होंने राजस्थान जल समझौते और ताप्ती परियोजना का भी उल्लेख किया।
सरकार ने लगाए 5 करोड़ पेड़
समारोह के दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि 1972 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की शुरूआत हुई थी। प्रधानमंत्री की मुहिम पर चलते हुए इस साल मध्य प्रदेश में भी एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत पौधे लगाने का संकल्प लिया गया है। पिछले साल सरकार ने 5 करोड़ लगाए थे।
नगर पालिका और परिषद का नवाजा
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने पर्यावरण क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं को सम्मानित किया। खंडवा नगर निगम को 1.5 लाख रुपए, सतना नगर निगम और सिवनी मालवा नगर परिषद सहित इंदौर जिले की गौतमपुरा परिषद को भी पुरस्कृत किया गया।
प्लास्टिक बनी चुनौती
वहीं पर्यावरण मंत्री दिलीप सिंह ने कहा कि प्लास्टिक हमारे जीवन में बड़ी चुनौती बन चुका है और इसके खिलाफ पूरे प्रदेश में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। जल संरक्षण के लिए जल-गंगा संवर्धन अभियान भी चार महीने से चल रहा है जिसमें मुख्यमंत्री, जनप्रतिनिधि और अधिकारी सक्रिय रूप से शामिल हैं।