अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई चीजों पर टैरिफ लगाने का एलान किया है। उन्होंने कहा कि वह एक अक्टूबर से फार्मास्यूटिकल दवाओं पर 100 फीसदी, रसोई कैबिनेट और बाथरूम वैनिटी पर 50 फीसदी, असबाबवाला फर्नीचर पर 30 फीसदी और भारी ट्रकों पर 25 फीसदी आयात कर लगाएंगे।
By: Arvind Mishra
Sep 26, 202510:00 AM
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई चीजों पर टैरिफ लगाने का एलान किया है। उन्होंने कहा कि वह एक अक्टूबर से फार्मास्यूटिकल दवाओं पर 100 फीसदी, रसोई कैबिनेट और बाथरूम वैनिटी पर 50 फीसदी, असबाबवाला फर्नीचर पर 30 फीसदी और भारी ट्रकों पर 25 फीसदी आयात कर लगाएंगे। ट्रंप ने इसकी जानकारी ट्रुथ सोशल पर दी। वहीं, उन्होंने यह भी बताया कि दवा शुल्क उन कंपनियों पर लागू नहीं होंगे जो संयुक्त राज्य अमेरिका में विनिर्माण संयंत्र बना रही हैं। अतिरिक्त टैरिफ से पहले से ही बढ़ी हुई मुद्रास्फीति और बढ़ने का खतरा है। साथ ही आर्थिक विकास धीमा होने का भी खतरा है। गौरतलब है कि भारत पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने पहले ही 50 फीसदी टैरिफ लगाया है। ये टैरिफ 27 अगस्त से लागू हो चुका है।
ट्रम्प ने कहा- एक अक्टूबर से हम ब्रांडेड या पेटेंटेड दवाई पर 100 फीसदी टैरिफ लगा देंगे, सिवाय उन कंपनियों के जो अमेरिका में अपना दवा बनाने वाला प्लांट लगा रही हैं। लगा रही हैं का मतलब होगा कंस्ट्रक्शन चल रहा है। इसलिए, अगर कंस्ट्रक्शन शुरू हो गया है, तो उन दवाइयों पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।
भारत जेनेरिक दवाइयां अमेरिका को एक्सपोर्ट करने वाला सबसे बड़ा देश है। 2024 में भारत ने अमेरिका को लगभग 8.73 अरब डॉलर (करीब 77 हजार करोड़ रुपए) की दवाइयां भेजीं, जो भारत के कुल दवा एक्सपोर्ट का करीब 31 फीसदी था।
अमेरिका में डॉक्टर जो प्रिस्क्रिप्शन लिखते हैं, उनमें से हर 10 में से लगभग 4 दवाइयां भारतीय कंपनियों की बनाई होती हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में अमेरिका के हेल्थकेयर सिस्टम के 219 अरब डॉलर बचे थे। 2013 से 2022 के बीच यह बचत 1.3 ट्रिलियन थी। भारत की बड़ी फार्मा कंपनियां, जैसे डॉ. रेड्डीज, सन फार्मा, ल्यूपिन सिर्फ जेनेरिक दवाएं ही नहीं बेचती, बल्कि कुछ पेटेंट वाली दवाएं भी बेचती हैं।