ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में श्रावण-भाद्रपद मास की दर्शन व्यवस्था तय हो गई है। साथ ही सामान्य, शीघ्र दर्शन तथा कांवड़ यात्रियों के लिए अलग-अलग द्वार से प्रवेश की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। विशेष बात है कि श्रावण-भाद्रपद मास में सामान्य भक्त भी भगवान महाकाल का जलाभिषेक कर सकेंगे।
By: Arvind Mishra
Jun 27, 20254 hours ago
ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में श्रावण-भाद्रपद मास की दर्शन व्यवस्था तय हो गई है। साथ ही सामान्य, शीघ्र दर्शन तथा कांवड़ यात्रियों के लिए अलग-अलग द्वार से प्रवेश की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। विशेष बात है कि श्रावण-भाद्रपद मास में सामान्य भक्त भी भगवान महाकाल का जलाभिषेक कर सकेंगे। इसके लिए मंदिर के सभा मंडप तथा कार्तिकेय मंडपम में जल पात्र लगाए जाएंगे। महाकाल में श्रावण-भाद्रपद मास में मंदिर के पट खुलने के साथ भगवान महाकाल की भस्म आरती के समय में बदलाव होगा। मंदिर समिति के अनुसार 11 जुलाई से 18 अगस्त तक प्रतिदिन तड़के तीन बजे और हर रविवार को रात 2.30 बजे मंदिर के पट खुलेंगे। इसके बाद भगवान महाकाल की भस्म आरती की जाएगी। आरती के बाद सामान्य दर्शन का सिलसिला शुरू होगा, जो रात 11 बजे शयन आरती संपन्न होने तक चलेगा। भस्म आरती में चलायमान दर्शन व्यवस्था भी रहेगी।
श्रावण-भादौ मास में प्रथम सवारी सोमवार 14 जुलाई, द्वितीय सवारी 21 जुलाई, तृतीय सवारी 28 जुलाई, चतुर्थ सवारी 4 अगस्त को श्रावण मास में निकाली जाएगी। इसी तरह भादौ मास में पंचम सवारी 11 अगस्त तथा राजसी (शाही) सवारी सोमवार 18 अगस्त को निकाली जाएगी।
भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी श्री महाकालेश्वर मन्दिर के सभा मंडप में सांय 4 बजे पूजन-अर्चन उपरांत गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी से होते हुए रामघाट शिप्रा तट पहुंचेगी। यहां सवारी का पूजन-अर्चन होने के बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती समाज मन्दिर, सत्यनारायण मन्दिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मन्दिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार होती हुई श्री महाकालेश्वर मन्दिर में वापस आएगी।
दरअसल, उज्जैन में श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रशासन ने श्रावण माह की तैयारियों को लेकर अहम बैठक आयोजित की गई। कलेक्टर रोशन कुमार सिंह ने बताया कि श्रावण माह 11 जुलाई से प्रारंभ हो रहा है। इस दौरान कुल 6 सवारियां निकलेंगी, जिनमें पहली सवारी 14 जुलाई को निकलेगी। इस वर्ष सवारियों को विशेष बनाने के लिए प्रत्येक सवारी की अलग-अलग थीम रखी जाएगी। मंदिर प्रशासन ने सवारी मार्ग पर स्थित जर्जर मकानों और छज्जों को हटाने के निर्देश दिए हैं।
एसपी प्रदीप कुमार शर्मा ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जीरो सेल्फी कैम्पेन की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि सेल्फी लेने से अन्य श्रद्धालुओं के दर्शन में बाधा उत्पन्न होती है। साथ ही एसपी ने शहरवासियों से सोशल मीडिया पर फैलने वाली अफवाहों से सावधान रहने और केवल आधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा करने का आग्रह किया।
सामान्य दर्शनार्थी: आम भक्तों को श्री महाकाल महालोक के नंदी द्वार से प्रवेश दिया जाएगा। यहां से श्रद्धालु मानसरोवर फैसिलिटी सेंटर से महाकाल टनल के रास्ते मंदिर परिसर से होते हुए कार्तिकेय व गणेश मंडपम से भगवान महाकाल के दर्शन करेंगे। पश्चात निर्माल्य द्वार तथा नए आपातकालीन द्वार से बाहर निकलेंगे।
शीघ्र दर्शन : भगवान महाकाल के शीघ्र व सुविधाजन दर्शन के लिए 250 रुपए के शीघ्र दर्शन टिकट वाले दर्शनार्थियों को गेट नं. 1 तथा 4 से प्रवेश मिलेगा।
कावड़ यात्री : देशभर से आने वाले कावड़ यात्रियों को मंगलवार से शुक्रवार तक गेट नं. 4 से तय व्यवस्था के अनुसार प्रवेश दिया जाएगा। शनिवार, रविवार व सोमवार को आने वाले कावड़ यात्री सामान्य दर्शनार्थियों के लिए लागू निर्धारित व्यवस्था से भगवान महाकाल के दर्शन व जलाभिषेक करेंगे।