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उपजेल की क्षमता 90 की, रह रहे 160 कैदी, नया भवन तैयार होने पर भी सभी को नहीं मिलेगी बैरक 

90 कैदियों की क्षमता वाली इस उपजेल में हर महीने औसतन 160 कैदी रह रहे हैं।

By: Gulab rohit

Aug 24, 202513 hours ago

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उपजेल की क्षमता 90 की, रह रहे 160 कैदी, नया भवन तैयार होने पर भी सभी को नहीं मिलेगी बैरक 

गंजबासौदा। नगर की उपजेल में क्षमता से दोगुना कैदियों को रखा जा रहा है। 90 कैदियों की क्षमता वाली इस उपजेल में हर महीने औसतन 160 कैदी रह रहे हैं। इससे कैदियों को गंभीर आवासीय दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हालात को देखते हुए शासन ने करीब 1.19 करोड़ रुपए की लागत से दो मंजिला भवन निर्माण की स्वीकृति दी है। इसका काम इन दिनों तेजी से चल रहा है। भवन तैयार होने के बाद 40 कैदियों की अतिरिक्त बैरक अर्थात आवासीय सुविधा जरूर उपलब्ध हो जाएगी। लेकिन कुल कैदियों की संख्या को देखते हुए 30 कैदियों के लिए समस्या जस की तस बनी रहेगी।
दो मंजिला भवन में दो हॉल
जेल दो मंजिला भवन कैदियों के लिए बड़ी राहत लेकर आएगा। प्रत्येक तल पर 20-20 कैदियों के हिसाब से दो बड़े हॉल बनाए जा रहे हैं। इससे कुल 40 कैदियों को नया आवास मिल सकेगा। हालांकि, वर्तमान कैदी संख्या को देखते हुए कम से कम एक अतिरिक्त हॉल का निर्माण और जरूरी माना जा रहा है। फिर भी अधिकारियों का कहना है कि नए भवन से आंशिक राहत जरूर मिलेगी।
स्टाफ ने बढ़ाया हाथ, कई सुविधाएं कराई विकसित
जेल प्रशासन ने कर्मचारियों के सहयोग से समय-समय पर कई नई सुविधाएं विकसित की हैं। इनमें सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए स्टेज, कैदियों के लिए मंदिर और प्रतीक्षालय का निर्माण शामिल है। इसके अलावा कैदियों के स्वास्थ्य और सुधार पर भी ध्यान दिया जा रहा है। योग शिविर, पौधारोपण, सांस्कृतिक कार्यक्रम और हर महीने सामूहिक स्वास्थ्य परीक्षण की शुरुआत की गई है।
40 साल पहले बनी थी उप जेल
बरीधाट-बेतवा मार्ग पर स्थित गंजबासौदा उप जेल का निर्माण करीब 40 साल पहले हुआ था। उस समय न्यायालयों की संख्या आधी से भी कम थी। अपराध का ग्राफ भी इतना ऊंचा नहीं था। इसलिए कैदियों की संख्या भी सीमित रहती थी। लेकिन अब तहसील में न्यायालयों की संख्या 9 तक पहुंच गई है। नटेरन और शमशाबाद के मामलों की सुनवाई भी गंजबासौदा में होने लगी है। अपराध और अपराधियों की बढ़ती संख्या से जेल में कैदियों का दबाव लगातार बढ़ा है।
जिला न्यायालय के निर्देश पर भेजा गया बड़ा प्रस्ताव
भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए जिला मुख्य न्यायाधीश के निर्देश पर जेल विस्तार का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। इस प्रस्ताव में केवल कैदी आवास ही नहीं, बल्कि कर्मचारी आवास, अस्पताल भवन, गोदाम, सांस्कृतिक भवन और कैदियों के लिए रोजगार प्रशिक्षण हेतु कारखाने शामिल किए गए हैं। वर्तमान में उपजेल में 25 स्टाफ हैं, जबकि उनके लिए केवल 18 आवास उपलब्ध हैं। सात आवासों की कमी भी लगातार महसूस की जा रही है। साथ ही जेल की सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए चारों तरफ इलेक्ट्रिक वायर फेंसिंग लगाने का भी प्रस्ताव भेजा गया है।
जेल विस्तार का प्रस्ताव शासन को भेजा
"वर्तमान में प्रति माह 160 कैदियों की संख्या रहती है, जबकि उप जेल भवन की क्षमता मात्र 90 है। दो मंजिला भवन के निर्माण से 40 कैदियों की अतिरिक्त सुविधा जरूर मिल जाएगी, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। जिला न्यायालय के निर्देश पर आने वाले 50 सालों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए जेल विस्तार का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।" 
आलोक भार्गव, उपजेल अधिकारी, गंजबासौदा।

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