रीवा में बीसी समूह के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। करीब 200 निवेशकों ने एक व्यापारी पर जमापूंजी हड़पने का आरोप लगाया है। वर्ष 2021 के बाद राशि न मिलने से आक्रोशित पीड़ितों ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई है।
By: Yogesh Patel
Dec 13, 20253:16 PM
हाइलाइट्स:
रीवा, स्टार समाचार वेब
बीसी समूह के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी करने का मामला सामने आया है। इस ठगी को अंजाम किसी और ने नहीं, बल्कि शहर के ही एक व्यापारी ने दिया है। जमापूंजी नहीं मिलने पर पीड़ित शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे और शिकायत दर्ज कराये। लिहाजा प्रकरण की जांच शुरू कर दी गई है।
पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे फरियादियों ने बताया कि घोघर निवासी मोहम्मद अली अंसारी उर्फ सुक्खू नामक व्यक्ति के द्वारा बीसी समूह चलाया जाता था। जिसमें शहर के करीब 2 सौ लोग जुड़े हुये थे। उनके द्वारा हर माह समूह में अपनी क्षमता अनुरूप रुपये जमा किये जाते थे। उक्त राशि उन्हें जरुरत पड़ने पर कुछ प्रतिशत अधिक के साथ लौटाई जाती थी। पहले तो समूह ठीक तरीके से चला, लोगों की जमापूंजी फायदे के साथ वापस मिली। लेकिन जब समूह में 2सौ से अधिक लोग जुड़ गये और करोड़ों रुपये एकत्रित हो गये तो समूह संचालक मोहम्मद अली उर्फ सुक्कू उक्त राशि को डकार गया। रुपये जमा करने वाले लोगों को जब राशि नहीं मिली तो वह अब पुलिस के दरवाजे में पहुंचे हैं और राशि वापस दिलाये जाने की मांग कर रहे हैं।
वर्ष 2021 से नहीं मिली राशि
शिकायत लेकर पहुंचे पीड़ित अंकुर प्रजापति, विजय साहू, शिवकुमार साहू, प्रमोद साहू समेत अन्य ने बताया कि शुरू के वर्ष में उन्हें बकायदा रुपये मिलते थे। लेकिन वर्ष 2021 के बाद उन्हें फायदा तो दूर जमापूंजी भी नहीं मिली। कई बाद समूह संचालक से इस संबंध में बात की गई, लेकिन वे बीमारी का बहाना बता कर टालते रहे।
अब मिल रही झूठे मुकदमें में फंसाने की धमकी
हद तो यह है कि जब समूह संचालक से पीड़ित व्यक्ति मिलने उसके घर पहुंचे और अपनी जमा पूंजी मांगी तो उन्होंने पहले बीमारी का बहाना बता कर कई माह टाल दिया। पीड़ितों ने कड़ा रुख अपनाया और पुलिस में जाने की धमकी दी तो समूह संचालक के घर की महिलाएं उन्हें ही झूठे मुकदमें में फंसाने की धमकी देने लगी। यही वजह है कि अब पीड़ितों ने एकत्रित होकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय में शिकायत की है।
क्या होता है बीसी समूह
बीसी का अर्थ बचत वित्तीय समूह होता है। इसमें लोग आपस में मिलकर हर माह रुपये एकत्रित करते हैं और उक्त राशि को हर माह बारी-बारी से लेते हैं। इसके लिये बकायदा एक व्यक्ति के पास रुपये एकत्रित किये जाते हैं। हालांकि इसके लिये प्रशासन से लाइसेंस लेना अनिवार्य होता है, लेकिन शहर में कई ऐसे बीसी समूह चल रहे हैं, जिनके पास लाइसेंस नहीं है।