रीवा के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में 13 करोड़ रुपये की हाईटेक एमआरआई मशीन एक महीने में दूसरी बार खराब हो गई। रूम टेम्परेचर की समस्या के कारण दो दिनों से जांच बंद है, जिससे गरीब मरीज निजी सेंटरों में महंगी जांच कराने को मजबूर हैं।
By: Yogesh Patel
Dec 13, 20253:33 PM
हाइलाइट्स:
रीवा, स्टार समाचार वेब
13 करोड़ की नई मशीन चल नहीं पा रही। वहीं आरएचडी की 10 साल से भी पुरानी मशीन धड़ाधड़ चल रही। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में लगी एमआरआई मशीन दो दिन से बंद है। मरीजों की जांच नहीं हो रही। एक महीने में यह दूसरी मर्तबा बंद हुई है। गरीब जांच के लिए भटक रहे हैं। घूम फिर कर निजी सेंटर जा रहे हैं।
आपको बता दें कि विंध्य के मरीजों को राहत देने के लिए डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ला ने 13 करोड़ की एमआरआई मशीन सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में स्थापित कराई। जुलाई में इस मशीन का इंस्टालेशन के बाद शुभारंभ हुआ। इसके बाद से ही यह मशीन ठीक ढ़ंग से चल नहीं पाई। कभी कर्मचारियों के कारण बंद रही तो कभी डाई के कारण रुकी रही। जब सारी व्यवस्थाएं हो गर्इं तो अब मशीन रूम टम्प्रेचर की खराबी के कारण बंद पड़ रही है। एक महीने में यह दूसरी बार मशीन खराब हुई है। दो दिनों से जांच बंद है। इसके कारण मरीजों को प्राइवेट सेंटर भेजा जा रहा है। गरीबों को इसके कारण सबसे अधिक परेशानी हो रही है।
फिर बढ़ गया टम्प्रेचर
नई हाईटेक एमआरआई मशीन पूरी तरह से टम्प्रेचर बेस्ड है। एक निश्चित तापमान पर ही यह मशीन रन करती है। तापमान और एमआरआई मशीन का कनेक्शन फिक्स है। यदि टम्प्रेचर बढ़ा तो मशीन भी नहीं चलेगी। एक महीने पहले भी इसका टम्प्रेचर बिगड़ गया था। दो दिनों तक मशीन बंद रही। इसके बाद इंजीनियर पहुंचा। टम्प्रेचर की खामियों को दुरुस्त किया। तब मशीन शुरू हो पाई है। इस बार फिर वहीं हालात बन गए है। गुरुवार को अचानक एसी का टम्प्रेचर बढ़ने लगा। इसके कारण मशीन शुरू ही नहीं हुई। एरर आ गया। तब से जांच बंद है। मरीजों को लौटाया जा रहा है।
मरीजों को वेटिंग मिल रही
हद तो यह है कि आरएचडी एक आउटसोर्स संस्था है। इसकी मशीन 10 साल से अधिक पुरानी है। इसके बाद भी यह धड़ाधड़ चल रही है। यहां एक दिन में 25 से 30 एमआरआई की जांचें हो जाती हैं लेकिन सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में लगी 13 करोड़ की सबसे हाई टेक मशीन 10 का आंकड़ा भी एक दिन में पार नहीं कर पाती। यहां आने वाले मरीजों को अभी से वेटिंग मिलने लगी है। दो से तीन दिन बाद की डेट मिल रही है। कुल मिलाकर मशीन तो महंगी लग गई लेकिन व्यवस्थाएं वही पुरानी हैं, जिसकी सजा मरीजों को मिल रही है।
प्रेशर इंजेक्टर मशीन भी नहीं सुधरी
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में लगी सीटी स्केन मशीनका प्रेशर इंजेक्टर मशीन पिछले चार महीने से खराब है। यह इंजेक्टर करीब तीन से चार लाख की आती है। इस मशीन के खराब होने से सीटी एंजियोग्राफी कराने वालों को वापस लौटना पड़ता है। इसमें नसों में डाई इसी प्रेशर इंजेक्टर के माध्यम से ही इंजेक्ट किया जाता है। नसों में यह डाई जाकर बेहतर रिजल्ट देती है। इसके खराब होने से मरीजों की सीटी एंजियोग्राफी नहीं हो पा रही है। पहले इसे सुधारने की बात कही जा रही थी। बाद में नई आने की योजना बनी लेकिन अब तक आई नहीं। यही हाल संजय गांधी अस्पताल के सीटी स्केन की भी है। यहां भी प्रेशर इंजेक्टर मशीन नहीं है। यहां भी सीटी एंजियोग्राफी की जांच नहीं शुरू हो पाई है।
मशीन और जांच बंद है। रूम टम्प्रेचर का इश्यू आया है। इंजीनियर आने वाला था। आ गया होगा। सुधार के बाद फिर शुरू हो जाएगी।
डॉ अक्षय श्रीवास्तव, अधीक्षक, सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, रीवा