भाजपा महिला मोर्चा की नई प्रदेश अध्यक्ष के शपथ ग्रहण के बाद सतना जिले में जिला अध्यक्ष पद के लिए दावेदारों की संख्या बढ़ गई है। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्षों से लेकर मंडल पदाधिकारियों और वर्तमान पार्षदों तक कई नाम चर्चा में हैं। संगठन अनुभव, जातीय समीकरण और मिशन 2028 के मद्देनज़र जिला नेतृत्व के चयन पर गहन मंथन जारी है।
By: Yogesh Patel
Dec 06, 20253:41 PM
हाइलाइट्स:
सतना, स्टार समाचार वेब
भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष की ताजपोशी के साथ ही जिले में मोर्चे की कमान हथियाने की दौड़ तेज हो गई है। इस दौड़ में अब तक एक दर्जन के करीब महिलाओं के नाम सामने आ चुके हैं। कुछ महिलाएं खुले तौर पर अध्यक्ष के लिए लाबिंग कर रही हैं, तो अभी कुछ पर्दे के पीछे से सक्रिय हैं। जिला अध्यक्ष के दावेदारों में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष और वर्तमान जिला उपाध्यक्ष का नाम भी चर्चाओं में है। इस दौड़ में एक नाम वर्तमान में बाल कल्याण समिति की एक सदस्य का भी है। इस भी दावेदारों के नाम सामने आने के साथ ही उनके गुण- दोष और उनके नेतृत्व क्षमताओं की चर्चा भी तेज हो गई है।
पूर्व जिपं अध्यक्ष व वर्तमान उपाध्यक्ष भी दावेदार
भाजपा महिला मोर्चा की जिला अध्यक्षी की दौड़ में जिन नामों की चर्चा जोरों पर चल रही उनमें जिला पंचायत की पूर्व अध्यक्ष सुधा सिंह का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। सुधा सिंह, सांसद गणेश सिंह के छोटे भाई उमेश प्रताप सिंह लाला की पत्नी हैं, सुधा सिंह वर्तमान में जिला टीम की उपाध्यक्ष हैं। इसी तरह महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष की दौड़ में एक नाम जिला पंचायत की वर्तमान उपाध्यक्ष सुष्मिता पंकज सिंह परिहार का भी। सुष्मिता सिंह पर एक व्यक्ति एक पद का फार्मूला लागू हो सकता है लेकिन जिला पंचायत का कार्यकाल अगले साल खत्म हो रहा है। ऐसे में 2028 के विधानसभा चुनावों को देखते हुए पार्टी सुष्मिता सिंह को महिला जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी दे सकती है। उनमें महिलाओं को संगठित करके रखते हुए सभी को साथ में लेकर चलने का हुनर तो है ही साथ ही इनकी छवि भी इनके दावे को मजबूत करती है।
दावा पर अनुभव नहीं
भाजपा महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष के लिए लगभग दस नाम सामने आए हैं, जबकि करीब चार से पांच नेत्रियां अभी ऐसी हैं जो मोर्चा की जिला अध्यक्षी तो पाना चाहती हैं लेकिन इनके पास संगठन चलाने का कोई राजनीतिक अनुभव नहीं है। लिहाजा उनका नाम चर्चा में आने से पहले ही वे अपने आपको इस दौड़ से बाहर मान चुकी हैं।
इस्तीफा दे सकती हैं अंजना
भाजपा महिला मोर्चा की प्रबल दावेदारों में एक नाम अंजना तिवारी का भी है। अंजना वर्तमान में बाल कल्याण समिति की सदस्य हैं। पार्टी सूत्रों की माने तो भाजपा महिला मोर्चा के जिला अध्यक्ष के लिए यदि उनके नाम पर विचार करती है तो वे बाल कल्याण समिति के सदस्य के पद से इस्तीफा दे सकती हैं। वैसे भी अंजना तिवारी को भाजपा संगठन में काम करने का अच्छा खासा अनुभव है, वे महिला मोर्चा की रामपुर बाघेलान मंडल अध्यक्ष,महिला मोर्चा में ही पूर्व में मंत्री,उपाध्यक्ष और प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रह चुकी हैं। इसके साथ ही भाजपा की जिला टीम में भी दो बार मंत्री भी रह चुकी हैं। संगठन में काम करने के इनके अनुभव व दिलचस्पी को देखते हुए पार्टी इन पर भी दांव लगा सकती है।
इनका भी मजबूत दावा
भाजपा की जिला टीम की दो मंत्री जान्हवी त्रिपाठी और रेनू सिंह को भी भाजपा महिला मोर्चा के जिला अध्यक्ष का प्रमुख दावेदारों में माना जा रहा है। इन दोनों के अलावा इस दौड़ में महिला मोर्चा की प्रदेश कार्य समिति सदस्य मनीषा सिंह और व्यापारी प्रकोष्ठ की जिला कार्यालय मंत्री अर्चना पटेल भी दावेदारों में शुमार हैं। अर्चना पटेल संगठन के कार्यों में लगातार सक्रिय हैं। इन सब महिला नेत्रियों के अलावा महिला मोर्चा की प्रदेश सह मीडिया प्रभारी प्रियांशा उर्मलिया,महिला मोर्चा की वर्तमान जिला पदाधिकारी रत्ना चतुर्वेदी एवं प्रभा पांडेय के दावे को भी कमजोर नहीं माना जा सकता है। प्रियांशा प्रदेश में महिला मोर्चा का चेहरा रही हैं तो दो अन्य दावेदारों का नाम संगठन में उनके काम के दम पर चर्चा में है। इन सबके अलावा महिला मोर्चा के जिला अध्यक्ष की दौड़ में एक चौकाने वाला नाम भी चर्चा में आ रहा है, वह नाम है नगर निगम की वार्ड क्र. 25 की पार्षद नम्रता सुशील सिंह का। भाजपा महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष की घोषणा को अभी भले ही लम्बा समय है लेकिन नए नेतृत्व की ताजपोशी के साथ ही इसकी दौड़ भी तेज हो गई है। अब देखना यह है कि मिशन- 2028 को ध्यान में रखते हुए पार्टी जातीय समीकरण को महत्व देती है या फिर सबको साथ लेकर चलने वाली किसी महिला कार्यकर्ता को।
पूर्व सांसद के घर दो बार रही अध्यक्षी
महिला मोर्चा के जिला अध्यक्ष की यदि बात की जाए तो अभी तक करीब-करीब सभी वर्गों को पर्याप्त मौका नेतृत्व का मिला है। यह अलग बात है कि महिला मोर्चा की जिला अध्यक्षी पूर्व सांसद स्व. दादा सुखेन्द्र सिंह के घर में दो बार रही। पूर्व सांसद की बड़ी बहू अंजू सिंह और छोटी बहू सुशीला सिंह दोनों के हाथों में महिला मोर्चा की जिले की कमान रही है।
राजधानी में शक्ति प्रदर्शन
राजधानी भोपाल में 6 दिसम्बर को पार्टी की महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष अश्विनी परांजपे का शपथ ग्रहण समारोह है। इसमें शामिल होने के लिए महिलाओं का जत्था सतना से भी भोपाल गया है। माना जा रहा है कि इस जत्थे में ऐसी महिला नेत्रियां हैं जो जिले में मोर्चा की कमान चाहती हैं या फिर प्रदेश की टीम में दायित्व।
अभी तक के अध्यक्ष
किस वर्ग से किसका दावा
क्षत्रिय
ब्राम्हण
ओबीसी