छतरपुर के भीमकुंड आश्रम के महंत शंकर शरण दास ने कथित तौर पर जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। परिजनों ने पूर्व गद्दीदारों और महिला रसोइया पर प्रताड़ना और झूठे आरोप लगाने का गंभीर आरोप लगाया है।
By: Ajay Tiwari
Nov 27, 20254:12 PM
छतरपुर. स्टार समाचार वेब
छतरपुर जिले के प्रसिद्ध भीमकुंड आश्रम में दुखद घटना सामने आई है, जहाँ आश्रम के महंत शंकर शरण दास (62) ने गुरुवार सुबह कथित तौर पर जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। महंत, जो लगभग आठ वर्ष पहले आश्रम के अध्यक्ष भी थे, ने कुछ समय पूर्व अपना पद जय सिंह ठाकुर को सौंप दिया था।
महंत के भाई धर्मेंद्र दुबे और पुजारी संतोष मिश्रा ने इस आत्मघाती कदम के पीछे गंभीर प्रताड़ना का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि पूर्व गद्दीदार नारायण आचार्य और कमलनयन, महंत को लंबे समय से परेशान कर रहे थे और उन्हें झूठे मामलों में फँसाने की धमकी दे रहे थे। परिजनों के अनुसार, इसी मानसिक उत्पीड़न से तंग आकर महंत ने यह कदम उठाया। प्रताड़ना की इस श्रृंखला में शनिवार को आश्रम परिसर में तोड़फोड़ की घटना भी हुई थी, जिसकी रिपोर्ट महंत ने स्थानीय थाने में दर्ज कराई थी।
परिजनों ने आश्रम की रसोइया पर लगाया आरोप
परिजनों ने आश्रम की रसोइया रजनी तिवारी पर भी पूर्व गद्दीदारों के इशारे पर महंत को फँसाने का प्रयास करने का गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि महिला ने एक स्थानीय चैनल पर महंत पर छेड़खानी और हाथ पकड़ने के झूठे आरोप लगाए थे, जिससे महंत अत्यधिक मानसिक तनाव में थे। इसी बदनामी और प्रताड़ना से आहत होकर शंकर शरण दास ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।
भीमकुंड समेत दो आश्रमों के महंत थे
गुरुवार दोपहर सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में महंत का पोस्टमार्टम किया गया। इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को रुहावन ले जाया गया, जहाँ अंतिम संस्कारहोगा। परिजनों की योजना है कि अंतिम संस्कार के बाद उन्हें भीमकुंड आश्रम भी ले जाया जाएगा। महंत शंकर शरण दास भीमकुंड समेत दो आश्रमों के महंत थे।