सतना में भक्ति, आस्था और शुद्धता के प्रतीक छठ महापर्व की धूम है। संतोषी माता तालाब भक्तों के स्वागत के लिए पूरी तरह तैयार है। सोमवार की शाम व्रती अस्त होते सूर्य को अर्घ्य देंगे, जबकि मंगलवार की सुबह उदयमान सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का समापन करेंगे। सांसद गणेश सिंह ने तैयारियों का निरीक्षण कर श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के निर्देश दिए हैं।
By: Yogesh Patel
Oct 27, 20256:02 PM
हाइलाइट्स
सतना, स्टार समाचार वेब
भक्ति, आस्था और शुद्धता का प्रतीक छठ महापर्व सतना में बड़ी श्रद्धा से मनाया जा रहा है। चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व की शुरूआत शनिवार को नहाय-खाय से हुई थी। रविवार को खरना की पूजा की गई और इसी के साथ व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो गया है। आज सोमवार को संतोषी माता तालाब में छठी माता के भक्त उमड़ेंगे जिसके लिए तालाब परिसर को सजाया गया है। आज सोमवार की शाम व्रती अस्त होते सूर्य को अर्घ्य देंगे , जबकि मंगलवार की सुबह उदयमान सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का समापन करेंगे। इस दौरान व्रतियों ने तांबे या पीतल के पात्र में जल भरकर सूर्यदेव की पूजा करने की तैयारी कर रखी है। ऐसा करने से आरोग्यता और ऊर्जा का आशीर्वाद मिलता है।
नहाय-खाय से शुरू हुआ था पर्व
शनिवार को सर्वार्थ सिद्धि और शोभन योग में छठ व्रत की शुरूआत नहाय-खाय से हुई। रविवार की सुबह व्रतियों ने स्नान कर अरवा चावल, चना दाल, लौकी की सब्जी और आंवले की चटनी का प्रसाद ग्रहण किया। यही इस व्रत की पवित्र शुरूआत मानी जाती है। रविवार को छठ व्रती ने पूरे दिन बिना अन्न-जल के उपवास रखा और शाम में मिट्टी के चूल्हे पर आम की लकड़ी से खीर और रोटी बनाकर पूजा की । इसके बाद प्रसाद ग्रहण कर 36 घंटे के कठोर निर्जला व्रत का संकल्प लिया गया । खरना का प्रसाद ही व्रती का अंतिम सात्विक भोजन माना जाता है, जो शरीर और मन दोनों को तपस्या के लिए तैयार करता है।
तैयारियों का सांसद ने लिया जायजा
संतोषी माता मंदिर परिसर में आयोजित होने वाले छठ महापर्व के कार्यक्रम की तैयारियों का सांसद गणेश सिंह ने रविवार को निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने ार्व को सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक बताते हुए श्रद्धालुओं की सुविधा, सुरक्षा और स्वच्छता से जुड़ी व्यवस्थाओं का जायजा लिया और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने घाटों की साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था, पेयजल की उपलब्धता, और सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया। सांसद ने कहा कि घाटों पर पर्याप्त संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएं और आपातकालीन स्थिति के लिए मेडिकल टीमें तैयार रहें।
रविवार को संतोषी माता तालाब में छठी माई के कई भक्त पर्व की तैयारियों में जुटे देखे गए। ऐसे ही एक भक्त भगवान यादव ने कहा कि खरना से लेकर पारण तक व्रतियों पर छठी मैया की विशेष कृपा बरसती है। यह पर्व शरीर, मन और आत्मा की शुद्धि का प्रतीक माना जाता है। एक और भक्त शिवसागर यादव कहते हैं कि खरना के प्रसाद में मौजूद ईख का रस और गुड़ त्वचा व आंखों के रोगों को दूर करता है और शरीर को निरोग बनाता है।