सतना जिले के सज्जनपुर शासकीय विद्यालय में पदस्थ माध्यमिक शिक्षक रामकृष्ण गुप्ता का फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। शिक्षक ने नकली भू-स्वामी बनकर पत्नी के नाम से जमीन की सौदेबाजी करते हुए 11,000 रुपये वसूले। शिकायत के बाद हुई जांच में मामला सत्य पाया गया, जिसके बाद जेडी ने शिक्षक को नोटिस जारी कर 7 दिनों में जवाब मांगा है। पूर्व में भी इस शिक्षक के खिलाफ सीएम हेल्पलाइन में कोचिंग दबाव को लेकर शिकायत दर्ज हो चुकी है।
By: Yogesh Patel
Oct 27, 20258:58 PM
हाइलाइट्स
सतना, स्टार समाचार वेब
शा. उमावि. सज्जनपुर में पदस्थ माध्यमिक शिक्षक का एक बड़ा ही हैरान करने वाला मामला सामने आया है। ‘मास्साब’ने नकली भू-स्वामी बनकर पत्नी के नाम से जमीन की सौदेबाजी करते हुए पार्टी से रकम एेंठ ली। इस मामले की शिकायत डीईओ से हुई, जिसके बाद जांच की गई। जांच के बाद जेडी ने माध्यमिक शिक्षक रामकृष्ण गुप्ता को नोटिस जारी करते हुए 7 दिनों में जवाब मांगा है।
क्या है मामला
रामचंद्र पांडेय निवासी संतोषी बिहार कॉलोनी ने जिला शिक्षा अधिकारी को शिकायती पत्र प्रस्तुत किया गया था कि शा.उमावि. सज्जनपुर में पदस्थ माध्यमिक शिक्षक द्वारा रकम ऐठने के उद्देश्य से मौजा सेमरी की आराजी क्र0 297/3 एवं 297/6 के विक्रय हेतु 27 जून को लिखित रूप से सौदेबाजी कर 11000 रुपये पत्नी के नाम से प्राप्त किया। उक्त जमीन को क्रय करने के लिए जब खोजबीन की गई तो ये जमीन किसी अन्य व्यक्ति के नाम से निकली। रामचंद्र की शिकायत के बाद डीईओ ने इस मामले की जांच प्राचार्य शा.उमावि. छिबौरा से कराई । जांच में सामने आया कि शिक्षक रामकृष्ण गुप्ता द्वारा पत्नी पुष्पांजली गुप्ता के नाम से भूमि के विक्रय हेतु मौजा सेमरी आराजी नं0 297/6 व 297/3 जिसका कुल रकवा 4 डिसमिल है में 1744 वर्गफिट के भूमि स्वामी बनकर गैर पंजीकृत लिखा पढ़ी की और 11000 रुपये नगद प्राप्त किया गया। जबकि उक्त भूमि शकुंतला पत्नी मोहन मल्लाह के नाम थी।
क्या कहता है नियम
जेडी द्वारा जारी नोटिस में कहा गया कि शिक्षक रामकृष्ण गुप्ता ने भूमि पत्नी के नाम होने संबंधी जो लेख दिया गया है उसमे कोई विभागीय अनुमति प्राप्त नही की गई, और न ही ऐसे कोई अभिलेख दिये गये है। शासकीय कर्मचारी होने के नाते मप्र सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 19 (2) के तहत कोई भी शासकीय सेवक विहित प्राधिकारी की पूर्व जानकारी या अनुमति के बिना न तो स्वयं अपने नाम से या न अपने कुटुंब के किसी सदस्य के नाम से पट्टा, बंधक, क्रय-विक्रय दान द्वारा या अन्यथा कोई भी स्थावर संपति न तो अर्जित करेगा और न ही उसे हस्तांतरित करेगा का उल्लेख है। उपरोक्त प्रकरण में इन नियमों का पालन शिक्षक रामकृष्ण द्वारा नहीं किया गया है। उक्त कृत्य मप्र सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम तीन के विपरीत होकर म.प्र. सिविल सेवा नियम 1966 के तहत दंडनीय है। जेडी ने नोटिस जारी कर 7 दिवस में जवाब मांगा है। प्रतिवाद संतोषजनक न होने अथवा नियत समय-सीमा में प्राप्त न होने पर शिक्षक के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाऐगी।
पहले भी हो चुकी सीएम हेल्प लाइन में शिकायत
बताया गया कि शिक्षक रामकृष्ण गुप्ता इसके पहले ही विवादों में आ चुके हैं। 2023 में स्कूल के छात्रों द्वारा कोचिंग में पढ़ने का दबाव बनाने संबंधी मामले में सीएम हेल्प लाइन में भी शिकायतें की गई थी। शिकायत में कहा गया था कि शिक्षक स्वयं की कोचिंग चलाते हैं,और खुद की कोचिंग में पढ़ने का दबाव बनाते हैं।