रीवा जिले में खाद संकट गहराता जा रहा है। करहिया मंडी में यूरिया की मारामारी के बीच एक किसान का सिर फूट गया, जबकि गुढ़ में आक्रोशित किसानों ने पथराव कर दिया। पुलिस ने हालात संभाले और तीन किसानों को हिरासत में लिया। यूरिया की भारी कमी से किसानों में आक्रोश है, जबकि प्रशासन ने 22 अगस्त को नई रैक आने की उम्मीद जताई है।
By: Yogesh Patel
हाइलाइट्स
रीवा, स्टार समाचार वेब
किसानों का गुस्सा सिस्टम पर फूट रहा है। हालात बेकाबू हो रहे हैं। किसानों को खाद नहीं मिल रही। पहले दिन यूरिया लेने पहुंचे लोगों के बीच मारामारी हुई। करहिया में एक किसान ने दूसरे का सिर फोड़ दिया। दूसरे दिन गुढ़ में आक्रोशित किसानों ने पथराव कर दिया। पुलिस ने तीन को हिरासत में लिया। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने पहुंच कर खाद का वितरण कराया।
भूखे प्यासे किसान मंगलवार को फिर खाद मिलने की उम्मीद लिए वितरण केन्द्र पहुंचे। सुबह करहिया मंडी में किसानों की लंबी लाइन लगी रही। सुबह 7 बजे से ही किसान पहुंच गए थे। सुबह से किसान भरी धूप में लाइन में लगे रहे। सुबह 11 बजे तक सभी किसानों को उम्मीद थी कि उन्हें यूरिया मिल जाएगी। हालांकि जैसे ही डबल लॉक विपणन केन्द्र का कार्यालय खुला। वैसे ही किसानों की उम्मीदों पर पानी फिर गया। अधिकरियों ने बताया कि यहां खाद ही नहीं है। सिर्फ डीएपी है। यूरिया खत्म हो चुकी है।
यह सुनने के बाद किसानों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। किसानों ने जमकर हंगामा मचाया। इसके बाद हालांकि वह चोरहटा खाद लेने पहुंच गए। सभी जगह यही स्थिति रही। कहीं भी किसानों को यूरिया नहीं मिली। जहां कुछ बची थी, वहां मारामारी तक हो गई। पुलिस का पहरा बैठाया गया था। सुबह से पहुंचे किसानों को सिर्फ परेशानी मिली लेकिन खाद नहीं मिली।
करहिया में किसान ने फोड़ दिया था सिर
सोमवार को करहिया में भारी भीड़ उमड़ी थी। यहां किसानों को सम्हालने के लिए पुलिस का पहरा बैठाया गया था। फिर भी भीड़ को नियंत्रित करने में पसीने छूट रहे थे। सूत्रों ने बताया कि करहिया में किसानों के बीच में ही विवाद हो गया था। किसानों ने बताया कि एक किसान ने दूसरे का सिर तक खाद के लिए फोड़ दिया था।
गुढ़ सोसायटी में हुआ पथराव
सूत्रों की मानें तो गुढ़ में भी खाद का वितरण किया जा रहा था। यहां सोसायटी में किसानों की भारी भीड़ पहुंची। भीड़ को सम्हालने के लिए पुलिस लगी थी। भीषण गर्मी में जब किसानों को खाद मिलने की उम्मीद छूटती नजर आई तो उन्होंने सोसायटी के अधिकारियों, कर्मचारियों पर ही पथराव कर दिया। इसके बाद हालात बिगड़ गए। पथराव की सूचना मिलने पर मौके पर पुलिस पहुंची। तीन किसानों को गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि बाद में पुलिस ने उन्हें चेतावनी देते हुए छोड़ दिया। हालात बेकाबू होता देख मौके पर प्रशासनिक अधिकारी भी पहुंच गए थे।
अब 22 को नई खेप, नई रैक आने की उम्मीद
एक रैक आ चुकी है। 2700 मैट्रिक टन खाद पहुंची थी। एक दिन ही वितरण हुआ। एक ही दिन में यूरिया की खेप खत्म हो गई। अब किसानो को नई डेट दी जा रही है। 22 को नई रैक आने की आस जगाई गई है। नई रैक आने के बाद ही किसानों की समस्या का कुछ हद तक निराकरण हो पाएगा।
खाद लेने आए थे। यूरिया और डीएपी लेने आए थे। यूरिया नहीं मिली। सिर्फ डीएपी मिली है। सुबह 7 बजे करहिया मंडी पहुंच गए थे। 11 बजे बताए कि यूरिया नहीं है। सोमवार को यूरिया बची थी लेकिन रातों रात गायब हो गई। करीब 2 हजार किसान यहां से बिना खाद के ही वापस लौट गए। अब यदि खाद नहीं मिला तो आंदोलन करेंगे। सड़क पर जाम लगाएंगे।
इद्रजीत सिंह संकू, किसान, बिरहा
खाद लेने करहिया मंडी आए थे। सुबह 6 बजे पहुंच गए थे। बाद में यहां बताए कि यूरिया है ही नहीं। सिर्फ दो बोरी यूरिया दे रहे थे। जरूरत 10 बोरी कि है। किसान 2 बोरी लेकर गए। बाजार में भी नहीं मिल रही। जो दे रहे हैं वह महंगी कीमत में दे रहे हैं। यहां 266 रुपए में मिलती है। बाजार में 600 से 800 रुपए में देते हैं।
प्रवीण कुमार तिवारी, पुरैनी
पूरे जिले में यूरिया की भारी कमी बनी हुई है। पर्याप्त यूरिया नहीं आई। किसान परेशान हैं। अधिकारियों ने सही आंकलन नहीं लगाया। कई सहकारी समिति में खाद ही नहीं पहुंची। 148 समितियां हैं। अधिकांश में खाद ही नहीं पहुंची। जिला प्रशासन को स्पष्ट करना चाहिए कि कितनी सोसायटियों में खाद पहुंचाई गई। प्रशासन पर्याप्त खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करे। जल्द से जल्द खाद सभी सहकारी समिति तक पहुंचाई जाए।
किसान सुब्रतमणि त्रिपाठी, प्रदेश अध्यक्ष, भाकियू