गंगेव और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टरों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। बिना डिग्री और चिकित्सा योग्यता के ये लोग मरीजों का इलाज कर रहे हैं, जिससे गंभीर बीमारियों में भी जान का खतरा बढ़ गया है। क्लीनिक, मेडिकल दुकानों की मिलीभगत और कमीशन के लालच में मरीजों को मंहगी व अनावश्यक दवाएं दी जा रही हैं। आश्चर्य की बात है कि स्वास्थ्य विभाग इस पूरे मामले में कोई सख्त कार्रवाई नहीं कर रहा है।
By: Yogesh Patel
Jul 29, 20259 hours ago
हाइलाइट्स
गंगेव, स्टार समाचार वेब
गंगेव में झोलाछाप डॉक्टरों की बाढ़ सी आ गई है। जिसके चलते जगह-जगह एक ही दुकान में अपना पूरा निजी अस्पताल खोलकर झोलाछाप डॉक्टर अपनी क्लीनिक चला रहे हैं। बिना योग्यता वाले यह डॉक्टर मरीजों को अपनी बातों के जाल में फंसाकर गंभीर बीमारियों का शत-प्रतिशत इलाज कर बीमारी से निजात दिलाने का दावा करते है। इसके बदले में वह मरीज से मोटी फीस वसूल कर रहे हैं।
गंगेव में झोलाछाप डॉक्टरों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है, यहां हर गली-मोहल्ले में झोलाछाप डॉक्टरों के 4-5 क्लीनिक खुले हुए हंै। जिनके द्वारा मरीजों का इलाज उनकी जान जोखिम में डालकर किया जा रहा है। हैरत की बात यह है कि यह झोलाछाप डॉक्टर हर मरीज यानी किसी भी गंभीर बीमारी व गंभीर मरीज का इलाज करने में भी नहीं चूक रहे है। इनमें कई डॉक्टर तो ऐसे है जो 12वीं तक पास नहीं है।ं यह डॉक्टर न सिर्फ क्लीनिक चला रहे हैं बल्कि ऐसे ही डॉक्टर जो अपनी दुकान के बाहर डॉक्टर बंगाली का नाम का बोर्ड लगाकर बवासीर व भगंदर जैसी बीमारी का आॅपरेशन कर बीमारी से निजात दिलाने का दावा कर रहे हैं। साथ ही गंगेव में झोलाछाप डाक्टरों की लूट का हिस्सा मेडिकल संचालक बने हुए हैं, जो किराए पर लाइसेंस लेकर मेडिकल संचालित कर रहे हैं। यह झोलाछाप डॉक्टर से सेटिंग कर डाक्टरों को कमीशन का लालच देकर मरीज को एक पोटली भरकर दवाई लिखने के लिए प्रेरित करते हैं। वहीं झोलाछाप डॉक्टर कमीशन के लालच में जरूरत से ज्यादा दवाई लिख कर मरीजों को लूटने का धंधा चला रहे हैं।
झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा मरीजों से एक बाटल लगने के बदले 100 से 300 रुपए तक लिए जाते है। यह डॉक्टर अपने पर्चों पर जेनेरिक ज्यादा कीमत लिखी एंटीबायटिक गोलियां भी लिखते हैं। जिनकी कीमत की हकीकत जानकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन डॉक्टरों द्वारा किस तरह की लूट मचा रखी है। अगर बाटल मरीज लाता है तो उसे लगाने के 50 और इंजेक्शन लगवाने के 20 रुपए लिए जाते है।
मरीजों की जान से हो रहा खिलवाड़
गंगेव सहित ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा मरीजों का उपचार कर उनकी जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। लेकिन इन डॉक्टरों के खिलाफ जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही हैं। इन डॉक्टरों द्वारा कोरोना काल में छोटी बड़ी सभी बीमारियों का शर्तिया इलाज करने का दावा किया जा रहा है। जिसके चलते इनके जाल में फंस कर कई मरीजों की बीमारियां लाईलाज बन जाती है। जबकि कुछ मरीजों को अपनी जान भी गंवानी पड़ती है।
गांवों में खोल रखे हैं क्लीनिक
झोलाछाप डॉक्टर गांवों में बाकायदा अस्पताल खोलकर मरीजों का इलाज कर रहे है। ये डॉक्टर मरीजों को अपनी बातों से फंसाकर ठीक करने की गारंटी का भरोसा दिलाते हुए मनमानी फीस वसूलते हैं। जबकि इनका इलाज कभी भी मरीज के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। यह डॉक्टर अपने पास से मरीजों को एन्टीबायटिक, बुखार, दर्द की दवाईयां देने के साथ ही बकायदा पर्चे पर भी दवाई लिखकर मरीजों को बाजार में अपने परिचित दुकानदार से खरीदने को कहते हैं। मेडिकल स्टोर्स संचालक भी इन डॉक्टरों की पर्ची पर लिखी, दवाईया मरीजों को दे देते है। जिन पर डॉक्टरों का कमीशन होता है।